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मालथौन में परियोजना अधिकारी बन कर घूमता था क्लर्क, कलेक्टर ने की कठोर कार्रवाई की अनुशंसा

वर्तमान में बुरहानपुर में पदस्थ है र्क्लक, धोखाधड़ी की शिकार पत्नी ने किया कोर्ट केस

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सागर। महिला बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी के लिपिक अशोक मिश्रा का एपिसोड पूरा नहीं हुआ है कि एक, दूसरे क्लर्क का कांड सामने आ गया है। ये मामला महिला एवं बाल विकास परियोजना कार्यालय मालथौन में पदस्थ रहे र्क्लक ग्रेड-3 सुमित मालवीय का है। जिस पर स्वयं को परियोजना अधिकारी बता कर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, स्व-सहायता समूहों से बेजा वसूली करने का आरोप है।  कलेक्टर दीपक आर्य ने इस क्लर्क मालवीय के खिलाफ कठोर कार्रवाई की अनुशंसा कर एक चिट्ठी कमिश्नर,  महिला एवं बाल विकास विभाग मप्र को लिखी है। वर्तमान में यह क्लर्क बुरहानपुर जिले में पदस्थ है। क्लर्क मालवीय के खिलाफ वर्ष 2021 से जांच चल रही थी। उस पर कई गंभीर आरोप थे जिसकी जांच हाल ही में पूरी हुई है। र्क्लक मालवीय पर  शासन के अलावा अपनी पत्नी के साथ भी छल करने का आरोप है। यह केस जिला न्यायलय में पृथक से लंबित है।

बाबू था और स्वयं को अधिकारी बताता था

 सुमित मालवीय मालथौन परियोजना कार्यालय में बतौर लिपिक पदस्थ था। लेकिन वह पूरे इलाके में स्वयं को परियोजना अधिकारी बताता था। वह एक फोर व्हीलर गाड़ी लेकर पूरी मालथौन तहसील/ ब्लॉक का भ्रमण करता था। रुतबा दिखाने के लिए वह अपने साथ एक अन्य व्यक्ति को बतौर ड्राइवर रखता था। जो किसी भी आंगनवाड़ी केंद्र पर पहुंचते ही गाड़ी का गेट खोल लोगों के सामने मालवीय बड़े – बड़े साहब बोल भ्रमित करता था। इसके बाद ये दोनों कभी कार्यकर्ता को तो कभी स्व-सहायता समूह संचालक को डरा- धमका कर बेजा वसूली करते थे।

परियोजना अधिकारी बन धोखाधड़ी करने के साक्ष्य मिले

शिकायतें मिलने के बाद लिपिक मालवीय के खिलाफ वर्ष 2021 में चार आरोप लगे। जिसमें पहले तीन साबित हुए। चौथा आरोप आंशिक रूप से सही पाया गया। मालवीय पर ये आरोप लगाए गए थे-

आरोप कमांक-01:– स्वयं को परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल विकास परियोजना मालथौन, जिला सागर बताते हुए अनापत्ति प्रमाण-पत्र दिनांक 28.12.2021 पर हस्ताक्षर किए गए।

आरोप कमांक-02:- स्वयं की परियोजना कार्यालय में पदस्थापना का लाभ उठाते हुये दिनांक 02.11.20 को मध्यांचल ग्रामीण बैंक शाखा बादरी में सत्यम स्व सहायता समूह का खाता खुलवाने हेतु ठहराव प्रस्ताव दिनांक 02.11.2020 पर परियोजनाअधिकारी की पदमुद्रा लगाकर हस्ताक्षर किये गये हैं।

आरोप कमांक-03:– स्वयं द्वारा फर्जी हस्ताक्षर कर आदेश कमांक / 464 दिनांक 01. 02.2021 के द्वारा खिरियाकला आंगनबाड़ी केन्द्र की कार्यकर्ता सुनीता सेन को पुनः बहाल कर दिया गया।

आरोप कमांक:04:-दिनांक 16.01.2022 को स्वयं को कोरोना पॉजिटिव होने के बावजूद भी कार्यालय में प्रतिदिन मौजूद रहना। जांच में पहले तीन आरोप सिद्ध पाए गए हैं। चौथा आरोप आंशिक रूप से सिद्ध हुआ है।

अफसर बताकर धोखाधड़ी की,  शादी रचाई

लिपिक मालवीय ने न केवल विभाग से धोखाधड़ी की, उसने एक युवती के साथ छल कर विवाह रचा लिया। सूत्रों के अनुसार इस व्यक्ति ने आसपास के लोगों के अलावा अपने रिश्तेदारों में खुद को परियोजना अधिकारी बता रखा था। उसके इस भ्रम जाल में एक परिवार फंस गया और उन्होंने अपनी पुत्री का विवाह इसके साथ करा दिया। लेकिन जल्द ही युवती को पता चल गया कि ये व्यक्ति धोखा कर रहा है। युवती ने तुरंत उसका साथ छोड़ा और पुलिस केस दर्ज करा दिया। वर्तमान में ये मामला जिला न्यायालय में विचाराधीन है।

24/02/2024

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