विवि: एचओडी ने सड़क पर खोला ऑफिस, बोले मेरे साथ नाइंसाफी हुई
थाने से विवाद अब सड़क पर, तमाशबीन बना विवि प्रशासन

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सागर। डॉ हरी सिंह गौर केन्द्रीय विवि के दो प्रोफेसरों की एक कक्ष के लिए खींचतान सड़क पर आ गई है। हुआ ये है कि कक्ष से वंचित घूम रहे मानव शास्त्र विभाग के एचओडी प्रो. केकेएन शर्मा ने डिपार्टमेंट की बिल्डिंग के बाहर फुटपाथ पर अपना ऑफिस जमा लिया है। वे चार कुर्सी – टेबल रखकर रोड से एचओडी शिप कर रहे हैं।
sagarvani.com से चर्चा में प्रो.शर्मा ने बताया कि मेरे साथ नाइंसाफी हो रही। विवि प्रशासन कार्रवाई नहीं कर रहा है। अगर मुझे अब भी HoD कक्ष आवंटित नहीं किया गया तो मैं यूं ही सड़क पर ऑफिस चलाता रहूंगा। यहां बता दें कि एचओडी प्रो. शर्मा ने साथी प्रोफेसर डॉ. राजेश गौतम पर विभागाध्यक्ष के लिए नियत कक्ष पर जबरिया कब्जा करने का आरोप लगाया है वे इस संबंध में विवि से लेकर पुलिस-प्रशासन तक लिखित शिकायत कर चुके हैं।
प्रो. शर्मा की मानसिक- शारीरिक स्थिति ठीक नहीं है
एचओडी प्रो. शर्मा के फुटपाथ पर ऑफिस खोलने के विषय में प्रो. गौतम सीधे कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। इस बीच sagarvani.com को मिले एक पत्र से इन दोनों प्रोफेसर्स के विवाद का लेविल पता चलता है। यह पत्र प्रो. गौतम ने विवि प्रशासन को कक्ष खाली करने के पत्र के जवाब में दिया था। इसमें प्रो. गौतम ने लिखा है कि विवि में ऐसा कोई नियम नहीं है कि कोई एक कक्ष एचओडी के लिए हमेशा आरक्षित रहे। टीचर्स अपने विभागीय कक्ष से भी एचओडी का काम कर सकते हैं। इसके अलावा पहले भी विभिन्न मौकों पर ये बात सामने आई है कि एचओडी प्रो. शर्मा की मानसिक व शारीरिक स्थिति ठीक नहीं है। अतएव उन्हें वीआरएस या फोर्सली रिटायर कर देना चाहिए। एचओडी का का कार्यकाल 3 वर्ष का होता है लेकिन प्रो. शर्मा इससे पहले ही रिटायर हो जाएंगे।
विवि की साख, अकादमिक गतिविधियों की नहीं फिक्र
मानव शास्त्र विभाग के फुटपाथ पर चल रहे इस तमाशे को लेकर विवि प्रशासन अभी भी धृतराष्ट्र की भूमिका में है। देश – दुनिया में डॉ. हरी सिंह गौर के इस शिक्षा मंदिर की देश-दुनिया में क्या छवि बन रही है इसकी किसी को फिक्र नहीं है। सड़क पर चलते HoD ऑफिस से बाकी शिक्षकों व विद्यार्थियों का अध्ययन – अध्यापन पर क्या प्रभाव पड़ रहा है इसकी भी किसी को चिन्ता नहीं है। प्रथा के मुताबिक इस मामले में विवि प्रशासन का पक्ष लिया गया तो प्रभारी पीआरओ डॉ. विवेक जायसवाल ने जवाब दिया कि,कक्ष आवंटन विश्वविद्यालय एवं विभाग के आंतरिक समायोजन का मामला है। इस प्रकरण पर एक समिति गठित की जा चुकी है। समिति की रिपोर्ट के उपरांत विवि प्रशासन द्वारा इस संबंध में आवश्यकतानुसार उचित कार्रवाई की जाएगी। यहां बता दें कि करीब 6 महीने से चल रहे इस विवाद के निराकरण के लिए विवि प्रशासन ने 31 जनवरी को एक कमेटी गठित की थी, जिसके रिपोर्ट देने की मियाद 14 फरवरी थी, जो आज खत्म हो गई है।
14/02/203



