सागर । मामला ये है कि बंडा के एक अतिगरीब परिवार के पास एक 12-13 साल की मानसिक निःशक्त ( मंद बुद्धि) बच्ची थी। आर्थिक विपन्नता के चलते इस परिवार ने इस बच्ची को तिली तिराहा स्थित घरोंदा आश्रम के सुपुर्द कर दिया। नियमानुसार बाल कल्याण समिति (CWC) को इस सुपुर्दगी में शामिल किया गया। अब बच्ची के मां – बाप दिल्ली में मजदूरी कर चार पैसे कमा लाए। वे दूसरे मां- बाप की तरह अपनी बच्ची को खुद पालना चाहते हैं। इसलिए वे वापस CWC के पास पहुंचे। घरोंदा आश्रम को आपत्ति नहीं थी सो तुरंत जरूरी कागजी कार्रवाई कर दी। लेकिन ये क्या ….. ? इस बच्ची को उसके मां – बाप को सौंपने से CWC ने मना कर दिया। नतीजतन बीते 20 दिन से ये गरीब मां – बाप कभी बरसते पानी तो कभी उमस भरे मौसम में CWC के ऑफिस, घरोंदा आश्रम और कलेक्टोरेट में चकरघिन्नी बने हैं।
जैसे प्रभु यीशु का आशीर्वाद हटते शैतान बन गए हों !
CWC के सदस्य बच्ची की सुपुर्दगी के दस्तावेजों पर दस्तखत करने तैयार नहीं हैं। उनका व्यवहार उन लोगों जैसा हो गया है। जिन पर से ” प्रभु यीशु” का आशीर्वाद हट जाता है और वे शैतानों सा बरताव करने लगते हैं। मामले में कलेक्टर ने भी दखल दिया। समिति के इन ” शैतान” सदस्यों को शो – कॉज नोटिस भी दिया। लेकिन वे कहां मानने वाले थे। परिणामतः ये बेचारी बच्ची करीब 20 दिन से अनाथाश्रम में अपने मां – बाप की बाट जोह रही है दूसरी ओर CWC है कि उसके सुपुर्दगी के पेपर्स पर साइन करने तैयार नहीं है। CWC का कहना है कि इस बच्ची के चक्कर में आश्रम के कर्मचारियों ने हम लोगों से ऊं … आ माने बदतमीजी की। अखबारबाजी कराई। जिसके चलते कलेक्टर नेहमें शो – कॉज नोटिस दिया। इसलिए अब लोग इस मामले में कुछ नहीं करेंगे।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी वेट एंड वॉच के रोल में
मामले को लेकर जिला बाल संरक्षण अधिकारी कार्यालय भी “ज्यादा कुछ नहीं” कर पाने की स्थिति में है। कार्यालय के प्रमुख का कहना है कि जब तक समिति के सदस्य बच्ची की सुपुर्दगी के दस्तावेजों पर दस्तखत नहीं कर देते तब तक हमारे हाथ बंधे हैं। विकल्प स्वरूप पड़ोसी जिले की CWC से यह औपचारिकता कराई जा सकती है लेकिन इससे तो एक नई परंपरा शुरु हो जाएगी। CWC को ढीठता दिखाने का लाइसेंस सा मिल जाएगा । इसलिए हम लोग चाह रहे हैं कि सागर की CWC ही इस प्रकरण में कार्रवाई करे । इधर CWC के अध्यक्ष का कहना है कि मैं तो तैयार हूं लेकिन सदस्य नहीं मान रहे। अब मैं कलेक्टर से शिकायत करने जा रहा हूं।
CWC के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने नाखुशी जताई
सागर वाणी डेस्क ने इस विशेष मामले में राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के चेयरमैन प्रियंक कानूनगो से चर्चा की। उन्होंने कहा कि मामला मेरे संज्ञान में है। कलेक्टर कार्रवाई करें। समिति के सदस्यों के इस गैर- जिम्मेदाराना व्यवहार को लेकर उन्होंने कहा कि मैं मप्र शासन कोई इस घटनाक्रमश के बारे में अपनी रपट भेज रहा हूं।