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बाढ़ राहत ड्यूटी में लगी जेसीबी ने की थी चाय-सुट्टा बार में तोड़फोड़
इसे नगर निगम के कर्मचारी - संसाधनों पर छुटभैये नेताओं का दबाव कहें या उनके (निगमकर्मियों) सफेदपोश प्रजाति के खास बनने की चाह कि वे जायज -नाजायज काम को "जो हुकुम मेरे आका " की तर्ज को बजा रहे हैं। इसका एक उदाहरण चाय - सुट्टा बार पर हुई कार्रवाई है। तात्कालिक जिम्मेदार माने गए कर्मचारियों ने जवाब दे दिए हैं। इधर अब, चाय-सुट्टा बार को बड़ी ढीठता से लव-जिहाद का अड्डे बताने की कोशिश हो रही है। ताकि अतिक्रमण के नाम पर की गई तोड़ फोड़ को अलग रंग दिया जा सके।

सागरवाणी डेस्क। 9425172417सागर। जनपद पंचायत के मार्केट में स्थित चाय-सुट्टा बार नाम के कैफे पर बाढ़ राहत में लगी जेसीबी से तथाकथित अतिक्रमण हटाया गया था। यह खुलासा नगर निगम सूत्रों से हुआ है। जानकारी के अनुसार नगर निगम की वाहन शाखा के प्रभारी हरेंद्र खटीक ने ननि कमिश्नर चंद्रशेखर शुक्ल द्वारा जारी नोटिस का जवाब देते हुए बताया है कि उपरोक्त जेसीबी, बाढ़ राहत प्रभारी सईद उद्दीन कुरैशी को आवंटित की गई थी। https://sagarvani.com/article.php?type=article&name=DEDICATED_TO_CHAIVALA_PM_2&id=316 जिसकी उन्होंने तीन शिफ्ट में 24 घंटे के लिए बाढ़,अतिवृष्टि के मामलों से निपटने के लिए ड्यूटी लगाई थी। इसलिए इस जेसीबी को किसके आदेश पर अतिक्रमण की कार्रवाई के लिए भेजा गया। इस बारे में बाढ़ राहत शाखा के प्रभारी से जवाब लिया जाए। इधर सूत्रों का कहना है कि जेसीबी के ड्राइवर राजेश भदौरिया और स्थाई कर्मी अशरफ ने अपना जवाब दे दिया है। राजेश ने अपने जवाब मेें उस रात जेसीबी किसके आदेश पर मौके पर भेजी गई है, इसका खुलासा किया है। इस घटनाक्रम से एक बात तो तय हो गई है कि नगर निगम में संसाधनों का किस तरह से मनमाना उपयोग किया जा रहा है।

अब मामले को लव-जिहाद का रंग देने की कोशिश
इस घटनाक्रम को लेकर एक ओर सत्ता पक्ष लीपा-पोती कर ठंडे बस्ते में डालने की कोशिश कर रहा है। वहीं दूसरी तरफ इस मामले को लव जिहाद का एंगिल देकर कार्रवाई को सही ठहराने की कोशिशें की जा रही हैं। युवा कांग्रेस नेता ने इस मामले में भाजपा के मीडिया सेल के एक पदाधिकारी अंशुलसिंह परिहार का नाम लिया था। अब इन्हीं अंशुल ने अपने फेसबुक एकाउंट पर लिखा है कि जो भी हिंदू मां बाप अपनी बहन बेटियों को गांव से शहर में पढ़ने भेज रहे हैं, एक बार चाय सुट्टा बार के आसपास जांच पड़ताल जरूर कर लें। शहर में लव जिहा… का अड्डा बन गया है आदि – आदि। कुछ इसी तरह की पोस्ट एक हिंदुवादी नेता कपिल स्वामी ने भी पोस्ट की है। एक ऑडियो भी वायरल हुआ है। जिसमेें तथाकथित पत्रकार इस चाय सुट्टा बार के संचालक से तोड़फोड़ कराने के लिए जिम्मेदार का नाम उगलवाने की कोशिश कर रहा है।https://sagarvani.com/article.php?type=article&name=DEDICATED_TO_PM_MODI_JI&id=311&fbclid=IwAR1zar9vK9W98UyS6sahdDw-w-CeZT4UA0QQeD4a40L1nPxxTFscAiqvLjo
चाय सर्व नहीं करने पर लगा था तोड़-फोड़ का आरोप
सिविल लाइंस के पॉश इलाके में स्थित अत्याधुनिक चाय-कॉफी के इस कैफे पर पिछले सप्ताह नगर निगम की जेसीबी ने अतिक्रमण हटाने की विवादपूर्ण कार्रवाई की थी। ननि के अमले ने इस कैफे की सीढ़ियां, प्लेटफार्म व फोल्डिंग छज्जा तोड़ दिया था। कैफे के संचालक अरुणेंद्र प्रतापसिंह ने खुलकर आरोप लगाया था कि कुछ नेतानुमा लोगों को चाय उनके ठिकाने पर जाकर सर्व नहीं की। इसलिए उन्होंने यह कार्रवाई कराई। जबकि यह स्थान जनपद पंचायत कार्यालय के अधीन आता है। ननि ने जिस निर्माण को अतिक्रमण माना। उस तरह की स्थिति जनपद मार्केट के अन्य दुकानों की भी है। लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।



