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सागर के एक मंत्री के यहां सीबीआई की जांच, नर्सिंग कॉलेजों की अनियमितता का है मामला

हाईकोर्ट की ग्वालियर बैंच के निर्देश पर प्रदेश के 375 नर्सिंग कॉलेज की हो रही है जांच 27 जुलाई को हाईकोर्ट में पेश करना जांच रिपोर्ट, उसके आधार पर तय होगा छात्रों का भविष्य

                 21/07/23 sagarvani.com 9425172417
सागर। सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिीगेशन (सीबीआई) की एक टीम पिछले कुछ दिन से सागर में डेरा डाले है। जानकारी के अनुसार यह टीम नर्सिंग कॉलेजों की गड़बड़ियों की जांच करने आई है। मसला ये है कि इस साल की शुरुआत में मप्र में नर्सिंग कोर्स के नाम पर सरकारी व प्राइवेट कॉलेजों में भारी अनियमितताओं का मामला सामने आया था। जिसके बाद हाईकोर्ट की ग्वालियर बैंच ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपते हुए प्रदेश के सभी 375 कॉलेजों की जांच के निर्देश दिए थे। सागर में शासकीय बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के अलावा करीब आधा दर्जन प्राइवेट नर्सिंग कॉलेज संचालित हैं। जिन कॉलेजों की जांच होना है। उनमें सिरोंजा स्थित ओजस्विनी नर्सिंग कॉलेज, एसवीएन नर्सिंग कॉलेज, बीटीआईआरटी कॉलेज ऑफ नर्सिंग, ज्ञानवीर नर्सिंग कॉलेज, श्री चैतन्य नर्सिंग कॉलेज, श्री भाग्योदय तीर्थ नर्सिंग कॉलेज आदि शामिल हैं।
बगैर अध्ययन-अध्यापन परीक्षा ! सीबीआई को जांच दी
नर्सिंग कॉलेज में चल रही मनमानी को लेकर हाईकोर्ट काफी सख्त है। शुरुआत इस साल के फरवरी से हुई। जब  स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी जबलपुर और मप्र नर्सिंग कौंसिल ने सत्र 2019 -21 के विद्यार्थियोंं की परीक्षा कराने के आदेश जारी कर दिए गए। सवाल ये उठा कि कोरोना काल में इन कॉलेज में अध्ययन-अध्यापन बंद रहा। फिर किस आधार पर परीक्षा कराई जा रही है। हाईकोर्ट की ग्वालियर बैंच ने इस मामले में राज्य सरकार को नोटिस जारी किए। जिनका जवाब संतोषजनक नहीं पाते हुए इस परीक्षा पर रोक लगा दी गई। इसके बाद अप्रैल में सीबीआई को जांच दे गई।
पहले फेज में 22 कॉलेज जांचे 50 फीसदी में मिली कमियां
सीबीआई ने शुरुआती फेज में प्रदेश के 22  सरकारी नर्सिंग कॉलेज की जांच की। जिनमें आधे से अधिक में कई गंभीर कमियां मिली। बाकी आधे भी नॉर्म्स के अनुसार नहीं थे। इसके बाद ग्वालियर बैंच ने सीबीआई को प्रदेश के सभी 375 सरकारी-प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की जांच करने के निर्देश जारी कर दिए। आगामी 27  जुलाई को सीबीआई को इस मामले में कोर्ट को फाइनल रिपोर्ट देना है। यहां बता दें कि विद्यार्थियों के भविष्य के नाम पर एक कॉलेज ने हाईकोर्ट की ग्वालियर  खंडपीठ के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दखल देने से इनकार कर दिया। सर्वोच्च न्यायालय का कहना था कि हाईकोर्ट की कार्रवाई जनहित में सही है।
इन चार मुख्य बिंदुओं पर सीबीआई कर रही है जांच
सीबीआई का मुख्य उद्देश्य कॉलेजों के इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ विद्यार्थियों का रिकॉर्ड खंगालना भी है। चर्चा है कि कतिपय कॉलेजों ने इसमें भारी घोटाला किया है। सूत्रों के अनुसार सीबीआई बीएससी नर्सिंग, बीएससी पोस्ट बेसिक, एमएससी नर्सिंग के कोर्सेस अपनी जांच के ये चार मुख्य बिंदु बनाए हैं।
1. प्रदेश में कितने सरकारी नर्सिंग कॉलेज संचालित है और कब से संचालित हैं?
2.10 साल या उससे भी अधिक समय से संचालित नर्सिंग कॉलेजों की सं या कितनी हैं?
3. पांच साल और उससे अधिक समय से संचालित नर्सिंग कॉलेजों की सं या कितनी हैं?
4. पांच साल और उससे कम समय से संचालित नर्सिंग कॉलेजों की सं या कितनी हैं?
 

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