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सत्ताधारी बेखबर, महापंचायत चुनाव के बहाने विपक्ष की अहिरवार वोट बैंक में सेंधमारी की तैयारी !

प्रबंध कार्यकारिणी से हटाए गए ननि अध्यक्ष, पार्षद समेत समाज के अन्य प्रभावशाली नेता 26 मार्च को प्रस्तावित है अहिरवार महापंचायत के अध्यक्ष व कार्यकारिणी का चुनाव

सागर। अजा वर्ग की प्रमुख जाति अहिरवार समाज में अपनी खासी पैठ बताने वाली भाजपा के हाथ से यह प्रभावी वोट बैंक खिसक  सकता है। कारण ये है कि इस समाज की एक प्रमुख संस्था अहिरवार महापंचायत से भाजपाई सदस्यों को एक के बाद एक बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। अंदरखाने की खबर है कि एक दल विशेष को लाभ पहुंचाने इस बड़े वोट बैंक का उपयोग आगामी विधानसभा चुनाव-2023 में किया जा सके। इस मुहिम की अगुवाई खुद को दलगत राजनीति से परे बताने वाले निवर्तमान अध्यक्ष अनिल अहिरवार कर रहे हैं। वहीं सूत्रों की खबर है कि इस रद्दोबदल के पीछे पूर्व सांसद नंदलाल अहिरवार हैं। जो समाज चार चौतरा (बड़े ओहदेदार) में से एक हैं। उनके साथ-साथ पूर्व मंत्री सुरेंद्र चौधरी, जिला कांग्रेस अध्यक्ष आनंद अहिरवार समेत अन्य लोग भी इस उठा-पटक में शामिल हैं। इधर महापंचायत से हटाए गए एक कार्यकारिणी सदस्य एवं पार्षद प्रतिनिधि रामू ठेकेदार का कहना है कि हम लोगों को चुनावी सदस्यता अभियान से दूर रखा गया है। अगर ये चुनाव 30 अप्रैल तक नहीं टाले गए तो हम लोग चुनाव का बहिष्कार करेंगे। बता दें कि जिले के 8 विस क्षेत्र में अहिरवार समाज के औसतन 20 -25 हजार वोटर हैं।
महापंचायत से ननि अध्यक्ष, पार्षद, पूर्व पार्षद सब बाहर
अहिरवार समाज की इस महापंचायत का गठन वर्ष 2018 में चुनाव के माध्यम से किया गया था। इसके बाद कोरोना काल शुरु हो गया। जिसके चलते तीन वर्षीय चुनाव नहीं हो पाए। तब से प्रथम अध्यक्ष अनिल अहिरवार ही इस पद पर बने हुए हैं। लेकिन इस दौरान भाजपाई से चुने गए जनप्रतिनिधि नगर निगम अध्यक्ष वृंदावन अहिरवार, भगवानगंज पार्षद रामू ठेकेदार, पूर्व पार्षद चेतराम अहिरवार, नरेंद्र सूर्यवंशी, जगन्नाथ रोहित और नर्मदाप्रसाद माते को कार्यकारिणी से हटा दिय गया। इनमें से नरेंद्र सूर्यवंशी को तो वोट के जरिए समाज ने सचिव पद पर चुना था। लेकिन उन्हें भी हटा दिया गया। कोषाध्यक्ष चुने गए जगन्नाथ अहिरवार को भी हटा दिया गया।
हम लोगों को सदस्यता बंदी नहीं दी, अध्यक्ष बोले सभी आरोप आधारहीन
महापंचायत के चुनाव को लेकर रामू के अलावा एक बड़े धड़े ने भी असहमति जताई है। प्रेस को जारी विज्ञप्ति के अनुसार इन लोगों को कहना है कि अध्यक्ष अनिल, हम लोगों को इसलिए सदस्यता बंदी नहीं दे रहे ताकि हम लोग अपने वोटर तैयार नहीं कर पाएं। जबकि अनिल अहिरवार का कहना है कि मैंने कभी किसी को सदस्यता बंदी देने से मना नहीं किया। मेरे द्वारा दल विशेष के लोगों को जोड़ने की बात गलत है। महापंचायत में सभी दलों के सदस्य हैं। मैं स्वयं दलगत राजनीति से दूर हूं। मुझे समाज के माते, चौधरी, लाट चौधरी, चौतरा के रूप में पूर्व सांसद नंदलाल चौधरी, श्यामलाल ठक्कर, नर्मदा माते और दीपक माते का समर्थन है।

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