
“बुंदेलखंड के रंगदार “सीरीज में लंबा गेप हो गया। जिसकी भरपाई इस क्राइम स्टोरी से पूरी करने की कोशिश की गई है। 2 पार्ट में बंटी आज की इस कहानी का मुख्य किरदार किसी हैवान से कम नहीं है। जो हत्या पहले करता है और लूट-पाट बाद में। ज्ञात-अज्ञात स्रोतों के अनुसार इस अपराधी ने पकड़े जाने तक 36 से अधिक मर्डर किए थे। सायकिक, ड्रामेबाज, शार्ट टेम्पर समेत कई रंग वाले इस अपराधी का नाम सरमन शिवहरे है। जो सागर डिविजन के पन्ना शहर का निवासी है। इन दिनों केंद्रीय जेल भोपाल में मृत्यु पर्यन्त जेल की सजा काट रहा है। वर्ष 2011 में जब सतना पुलिस ने उसे दबोचा। तब वह भी उसके खूनी इतिहास से परिचित नहीं थी। लेकिन जब राज-दर-राज खुले तो मप्र पुलिस अवाक रह गई। फिलहाल,अपराधी सरमन को पुलिस के विभिन्न ट्रेनिंग शेड्यूल का कंटेन्ट बनाया गया। वर्तमान में मप्र पुलिस के जवान से लेकर डीएसपी तक सभी को इस अपराधी के कैरेक्टर से लेकर मॉडसआपरेंटी का अध्ययन कराया जाता है। ताकि वे दुर्दान्त अपराधियों की मनोवृत्ति को समझ सकें।

ज्वेलर्स की हत्या-लूटपाट करते भीड़ ने दबोचा था
सरमन शिवहरे शायद पुलिस के हाथ कभी नहीं लगता। क्योंकि वह जुर्म करने के बाद बड़ी चालाकी बरतते हुए फरार हो जाता था। लेकिन इस बार वह चूक गया। दरअसल वर्ष 2011 में वह सतना के प्रीति ज्वेलर्स शॉप में घुसा। जहां उसने पहले तो सरमन ने शॉप के मालिक रामदत्त सोनी और उनकी पत्नी शोभा को गोली मार दी। शोभा की मौके पर ही मौत हो गई और फिर इसके बाद लूटपाट शुरू की। लेकिन तभी भीड़ ने इसे दबोच लिया और पीट-पीटकर अधमरा कर दिया। इसके बाद पुलिस ने जब पूछताछ शुरू की तो फिर सरमन ने अपने गुनाहों की फेहरिस्त खोलकर रख दी। सतना, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर औऱ पन्ना में इसने 36 हत्याओं की बात कबूली।सीरियल किलर के खुलासे के फौरन बाद ही एक दर्जन से ज्यादा हत्या की पुष्टि भी हो गई। पूछताछ में उसने बताया कि मैं, वारदात करने के तुरंत बाद फरार हो जाता था। पुलिस चेकपोस्ट लगाती तो मैं अपना हुलिया और वाहन बदल लेता। बाइक से फरार हुआ तो बस में सवार हो जाता। पैदल होता तो किसी से लिफ्ट ले लेता। फरार होने के लिए इसी तरह के वह अन्य साधारण और असाधारण तरीके अपनाता था। शुरुआती अपराधों के बारे में उसने बताया कि, मैं पन्ना के टिकुरिया मोहल्ला का रहने वाला हूं। इंजीनियर बनना चाहता था। लेकिन इस दौरान मुझे मित्र-रिश्तेदारों के घरों में चोरी का चस्का लग गया। जो होते-होते मंदिरों की दान-पेटी तक जा पहुंचा। मैंने अपने आपराधिक जीवन की पहली लूट और मर्डर पन्ना में किया। इसके बाद मैं वहां से फरार हो गया।

सरमन से पूछताछ के लिए जो पुलिस अधिकारी सामने आए। उनसे सागरवासी ज्यादा अनभिज्ञ नहीं होंगे। यह पुलिस अधिकारी हरीसिंह यादव थे। जो वर्ष 2007-08 में सागर के एसपी हुआ करते थे। सौम्य व्यवहार के धनी यादव की पब्लिक में जो छवि रही है, वह अपराधियों के बीच बिल्कुल अलग थी। बहरहाल, मारपीट के चलते बुरी तरह से घायल हुए सरमन को सरकारी अस्पताल में जंजीरों में बांधकर लाया गया। जहां उससे, टीआई-सीएसपी स्तर के अधिकारियों ने पूछताछ शुरु की। जवाब में उसने कहा, आप लोग मेरे स्तर के नहीं हो। किसी बड़े अफसर को बुलाओ। तब मैं बोलूंगा। तत्कालीन सतना एसपी, यादव ने उसके मनोभाव को बिना मिले ही समझ लिया था।
वे अस्पताल पहुंच गए। जहां उन्होंने अपने स्वभाव के विपरीत सरमन से बड़े अपनेपन से बातचीत की। सरमन के रंग में रंगते हुए उन्होंने नाटकीय ढंग से उसकी कथित पत्नी, परिचितों से अपने मोबाइल फोन से बातचीत कराना शुरु कर दी। हालांकि इस दौरान सरमन एसपी यादव को टोकता था, साहब आप अपने फोन से बात कराने का रिस्क मत लिया करो। फंस जाओगे। एसपी श्री यादव बोले, मैं सब समझता हूं। तुम बेफिक्र रहो। इस दौरान एसपी यादव उसे कभी उसे अपने घर से टिफिन मगंवाकर भोजन करा देते। सरमन एसपी यादव के जाल में फंस गया और उसने धीरे-धीरे अपने अपराध की कहानियां सुनाना शुरु कर दी। उसने बताया कि, साहब मैंने दर्जनों हत्या की हैं। उनमें से 16 तो मुझे याद हैं। बाकी आप पता कर लें। एसपी यादव ने फाइले खंगलवाई तो सरमन के आपराधिक खाते में अलग-अलग जिलों में कुल जमा 36 मर्डर निकले। जिनके कारण भी बड़े अजब-गजब और सरमन के फितरती स्वभाव को समझने के लिए काफी थे। उसने बताया कि मैंने, पन्ना में हीरा व्यापारी जगदीश जड़िया और उसके साथी की गोली मारकर हत्या कर दी और फिर लूटपाट को अंजाम दिया। पन्ना के शातिर अपराधी डब्बू को भी सरमन ने ही मौत के घाट उतारा। झांसी रोड पर एक अनजान शख्स को भी मारा। ग्वालियर में राजेन्द्र साहू औऱ विनय जैन की हत्या के बाद साढ़े पांच लाख रूपए की लूटपाट की।ग्वालियर में दो बड़ी वारदातों को अंजाम दिया। पहले व्यापारी प्रभात अग्रवाल औऱ फिर एक औऱ व्यापारी नीरज गुप्ता की हत्या कर डाली।21/08/2023



