एप्पल कंपनी की घोर लापरवाही! फोरलेन पर १० करोड़ रुपए के आईफोन लुटे, – जांच में लापरवाही बरतने पर थाना प्रभारी समेत दो लाइन हाजिर, मुंशी सस्पेंड
देश-दुनिया को अपने मोबाइल सेट्स के साइबर सिक्योरिटी फीचर्स गिनाने वाली नामचीन मोबाइल निर्माता कंपनी एप्पल (आइफोन) बड़ी चूक सामने आई

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सागर। देश-दुनिया को अपने मोबाइल सेट्स के साइबर सिक्योरिटी फीचर्स गिनाने वाली नामचीन मोबाइल निर्माता कंपनी एप्पल (आइफोन) की बड़ी चूक सामने आई है। यह कंपनी मोबाइल सेट्स के ट्रांसपोर्टेशन में घोर लापरवाही बरत रही है! जिसका खामियाजा उसे लखनादौन- झांसी नेशनल हाईवे पर हुई लूट के रूप में भुगतना पड़ा है। ये चूक क्या है। उसे जानने पहले लूट का घटनाक्रम जान लें।
ड्राइवर को बेहोश कर 10 करोड़ रु. फोन लूटे
करीब 15 दिन पहले जिले के बांदरी थाने में एक ड्राइवर ने शिकायत की है। उसका कहना है कि मैं 12 अगस्त को चेन्नई स्थित आईफोन की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट से 2900 फोन का स्टॉक लेकर दिल्ली के लिए निकला था। मेरे साथ एक सिक्योरिटी गार्ड जिसे ट्रांसपोर्ट कंपनी अपना एग्जीक्युटिव बता रही थी, वह भी साथ था। इस ड्राइवर का कहना है कि 14 अगस्त की शाम को हम लोग लखनादौन के पास पहुंचे। जहां सिक्योरिटी के नाम से साथ आए शख्स ने एक दूसरे व्यक्ति को सिक्योरिटी अधिकारी बताकर
अपने साथ कंटेनर के ड्राइवर केबिन में बैठा लिया। इसी दौरान हम लोगों ने चाय पी। नरसिंहपुर आते- आते मुझे तेज नींद आने लगी। तब इन लोगों ने सड़क किनारे कंटेनर खड़ा कर मुझे सोने को बोल दिया। अगले दिन सुबह मेरी आंख खुली तो देखा कि मेरे हाथ-पैर बंधे हुए हैं। जैसे-तैस खुद को मुक्त कर कंटेनर का गेट चेक किया तो ताला टूटा था। मैं बांदरी में सौरभ ढ़ाबा के पास था। साथ आए दोनों शख्स आईफोन के करीब 1000 सेट लेकर भाग चुके थे। बाजार में इन सेट्स की कुल कीमत 10 करोड़ रु. है। इधर इस मामले में आईजी प्रमोदकुमार वर्मा ने थाना प्रभारी एसआई भागचंद उईके और एएसआई राजेंद्र पांडे को लाइन हाजिर कर दिया है। जबकि एक हेड कांस्टेबिल को सस्पेंड किया गया है
आलू-प्याज की तर्ज पर कर रहे थे ट्रांसपोर्टेशन
जैसा कि ऊपर ही बताया जा चुका है। मोबाइल फोन के सिक्योरिटी फीचर को सबसे बेहतर बताने वाली एप्पल कंपनी इसके ट्रांसपोर्टेशन में हद दर्जे की लापरवाही बरत रही थी। पुलिस के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार कंपनी ने चेन्नई से अपना माल दिल्ली की तरफ भेजने के लिए एक ऐसी ट्रांसपोर्ट कंपनी से अनुबंध कर रखा था। जिसके पास खुद के न तो ट्रक थे और न ही कंटेनर। हद तो ये हो गई कि इस ट्रांसपोर्टर ने जिस दूसरी फर्म को यह काम दिया। उसके पास भी मालवाहक नहीं थे। इसने भी किसी तीसरे ट्रांसपोर्टर को यह काम सौंप दिया। जिसके बाद उसका कंटेनर माल लादकर दिल्ली के लिए रवाना हुआ और ये लूटपाट हो गई। जानकारों का कहना है कि साधारण व्यक्ति भी अपना बेशकीमती सामान कहीं किसी दूसरे शहर भेजता है तो वह ट्रांसपोर्टर्स के संसाधन वगैरह देख लेता है। यहां तो एप्पल के जिम्मेदार अधिकारियों
ने करीब 25 करोड़ रुपए के फोन एक ऐसी कंपनी के हवाले कर दिए। जिसके पास न तो खुद के ट्रक या कंटेनर थे और न ही सिक्योरिटी व्यवस्था थी।

चलती गाड़ी में फुटकर-फुटकर निकाले गए कार्टन
जानकारी मिली है कि जिस कंटेनर में यह फोन चेन्नई से दिल्ली भेजे जा रहे थे। उसमें जीपीएस ट्रेकर इंस्टॉल था। जिसकी मदद से चेन्नई में बैठी एप्पल की एक उसकी ऑनलाइन निगरानी करते थे। लूट करने वाले लोगों को शायद इस बारे में जानकारी थी। इसलिए वे अपने साथ एक दूसरा कार्गो वाहन लेकर चल रहे थे। ड्राइवर जैसे ही बेहोश हुआ तो इनमें से कोई एक नरसिंहपुर से कंटेनर को ड्राइव करने लगा। जबकि बाकी लोग कंटेनर का ताला तोड़कर उसमें से मोबाइल से भरे कार्टन निकाल-निकालकर अपने कार्गो में शिफ्ट करते रहे। यहां बता दें कि अगर एप्पल कंपनी का कंटेनर किसी एक जगह पर रोका जाता तो ऑनलाइन ट्रेकिंग करने वालों को संदेह हो सकता था। इस मामले में एडिशनल एसपी डॉ. संजीव उईके का कहना है कि मामले की जांच के लिए पांच अलग-अलग टीम गठित की गई हैं। साथी एडिशनल एसपी लोकेश सिन्हा और मैं अलग-अलग पहलू पर जांच कर रहे हैं। एप्पल कंपनी से भेजे गए माल के दस्तावेज मांगे गए हैं। कुछ टीमें संदेहियों की तलाश में भेजी गई हैं।



