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बीएड वाले सागर के 70 प्राइमरी टीचर्स की जाएगी नौकरी

मई में मप्र हाईकोर्ट ने जारी किया था आदेश, प्रदेश भर से 341 टीचर की नौकरी होगी खत्म

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सागर। मध्यप्रदेश में बीएड की योग्यता के आधार पर प्राथमिक शिक्षक बनने वाले 341 शिक्षकों की नियुक्तियां निरस्त की जाएंगी। यह आदेश 11 अगस्त 2023 और उसके बाद नियुक्त किए गए शिक्षकों के मामले में प्रभावी होगा। स्कूल शिक्षा विभाग के संचालक ने जिला शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी कर दिए हैं। इसके लिए फॉर्मेट भी जारी किया है कि किस तरह से प्राथमिक शिक्षक के पद पर नियुक्त ऐसे शिक्षकों की नियुक्ति निरस्त की जाना है। विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि अगर किसी उम्मीदवार की योग्यता बीएड है, और गलती से रिकॉर्ड में डीएड लिखा है तो ऐसे शिक्षक की भी नियुक्ति निरस्त की जाएगी। इसकी सूची भी जिला शिक्षा अधिकारियों को भेजी है।इसके साथ ही हाईकोर्ट जबलपुर ने ऐसे ही मामलों में दायर याचिका में 3 मई 2024 को जारी आदेश में कहा है कि 11 अगस्त 2023 के पूर्व नियुक्त बीएड योग्यता धारक उम्मीदवार को ही मान्य किया जाएगा। इसके बाद 11 अगस्त 2023 या उसके बाद नियुक्त बीएड योग्यता वाले प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति मान्य नहीं की जाएगी।

एक साल पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था प्राइमरी के लिए डी.एड ही आवश्यक

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बी.एड. करने वाले छात्र प्राइमरी स्कूल टीचर बनने के योग्य नहीं हैं। 2018 में, नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) ने घोषणा की थी कि बी.एड. करने वाले छात्र भी प्राइमरी स्कूल टीचर बन सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट के इस फैसले को बरकरार रखा। न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने स्पष्ट किया कि प्राथमिक स्तर पर कक्षा एक से पांच तक पढ़ाने के लिए बी.एड. योग्यता नहीं है। राजस्थान उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली केंद्र सरकार की याचिका खारिज कर दी गई। एनसीटीई प्रणाली के अनुसार ही सर्वोच्च न्यायालय ने माना है कि प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक बनने के लिए डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन आवश्यक योग्यता है।

सर्वोच्च न्यायालय का अवलोकन

एनसीटी का यह आदेश कि बी.एड. भी प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक बन सकते हैं, अतार्किक है। शिक्षा के अधिकार अधिनियम का उद्देश्य  केवल निःशुल्क और अनिवार्य नहीं बल्कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना भी है। प्रारंभिक शिक्षा में डिप्लोमा प्राथमिक स्तर के बच्चों को संभालने का प्रशिक्षण देता है। बी.एड. को माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्तर के बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।

25 जिलों के शिक्षा अधिकारियों को दिए गए निर्देश

जिन जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों को बीएड की योग्यता के आधार पर प्राथमिक शिक्षक पद से बर्खास्त करने के लिए कहा है उनमें आगर मालवा, आलीराजपुर, अशोकनगर, छतरपुर, दमोह, डिंडौरी, गुना, कटनी, खंडवा, मंदसौर, मुरैना, नरसिंहपुर, शामिल हैं। इसके अलावा नीमच, निवाड़ी, पन्ना, रायसेन, रतलाम, सागर, श्योपुर, शिवपुरी, सीधी, सिंगरौली, टीकमगढ़, उज्जैन और विदिशा के जिला शिक्षा अधिकारियों को भी उनके जिलों में बीएड की योग्यता के आधार पर प्राथमिक शिक्षक बनने वालों की नियुक्त निरस्त करने के आदेश जारी किए गए हैं।

लोक शिक्षण आयुक्त बोलीं- SC के फैसले के आधार पर कार्रवाई   जब लोक शिक्षण आयुक्त शिल्पा गुप्ता से 341 शिक्षकों की लिस्ट को लेकर बात की गई तो उन्होंने लिस्ट देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर जिलों को कार्रवाई के लिए लिखा है। जब जिलों से रिपोर्ट आएगी तो कार्रवाई के आधार पर सूची मिलेगी। 

30/08/2024

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