स्कूल शिक्षा विभाग की शतरंज प्रतियोगिता में ब्लॉक में हारे खिलाड़ियों को जिला स्तर पर खिलाया

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सागर ।स्कूल शिक्षा विभाग शतरंज प्रतियोगिता करा रहा है। जिसकी जिम्मेदारी किसी शासकीय स्कूल के खेल शिक्षक को नहीं देकर एक प्राइवेट स्कूल के शिक्षक
को दी गई। नतीजा ये हुआ कि इस खेल शिक्षक अपनी कोचिंग की दो छात्राएं जो ब्लॉक लेविल पर हार गई थीं, उन्हें इस कोच ने जिला स्तर पर उनका आयु वर्ग बदलकर खिला दिया।
इस गड़बड़ी को जिला शतरंज एसोसिएशन के एक सदस्य ने उजागर किया है। उन्होंने इसकी शिकायत जिला शतरंज संघ के अध्यक्ष धर्मेंद्र शर्मा और खेल अधिकारी संजय दादर से की है। जानकारी के अनुसार यह खेल प्रतियोगिता ऑफलाइन रजाखेड़ी क्षेत्र के एक नामचीन स्कूल में कराई गई। इस सदस्य का कहना है कि इसी स्कूल में यशपाल अरोरा चेस के कोच हैं।
वे एमपी शतरंज एडहॉक कमेटी में सदस्य भी हैं। उन्हें शतरंज का विशेषज्ञ भी जाना जाता है। इसके बावजूद उन्होंने, स्कूल में पढ़ने वाली दो छात्राओं को नियम विरुद्ध जिला स्तरीय प्रतियोगिता के मैच में शामिल कराया। जबकि यह छात्राएं ब्लॉक लेविल पर हार गई थी। नियमानुसार ये लड़कियां इस इवेंट से बाहर हो चुकी थीं। लेकिन अपनी स्टुडेन्ट्स को उपकृत करने के लिए उन्होंने जिला स्तर पर खिला दिया। इसकी तस्दीक खेल अधिकारी संजय दादर ने भी की है। उनका कहना है कि यशपाल अरोरा गलत कर रहे थे। उनसे इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं केवल
आयोजक हूं। मुझे हारने-जीतने वाले खिलाड़ियों के बारे में जानकारी नहीं है। उनका जवाब संतोषजनक नहीं था। अब उनसे ब्लॉक लेविल पर हुए मैचेस के बारे में जानकारी मांगी गई है। जो लड़कियां नियम विरुद्ध खेली हैं। उनका नाम हटा दिया जाएगा और उनके स्थान पर विजयी रहे खिलाड़ियों को स्थान दिया जाएगा।
जिला शतरंज संघ के अध्यक्ष धर्मेन्द्र शर्मा का कहना है कि मेरी जानकारी में भी यह मामला आया है। यशपाल अरोरा धांधली कर रहे हैं। इस बारे में खेल अधिकारी संजय दादर से भी चर्चा हुई है। शतरंज में इस तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी
29-08-2024



