लापरवाही की हद: तहसीलदार ने अनजान लोगों को बना दिया मृत आदिवासी की जमीन का उत्तराधिकारी, साल भर बाद किया त्रुटि सुधार
गनीमत रही अज्ञात लोगों ने आदिवासी की जमीन को बेचा नहीं, गिरवी नहीं रखा

सागर। राजस्व न्यायालयों की मनमानी कार्यप्रणाली के अनेकों उदाहरण में से यह एक है। जिसमें एक मृत आदिवासी की भूमि के उत्तराधिकारियों के नाम में दो अज्ञात लोगों के नाम जोड़ दिए गए। इस पर से तुर्रा ये है कि इस गंभीर चूक को सुधारने में भी राजस्व अधिकारी को पूरे 10 महीने लग गए। मामला जिले की मालथौन तहसील का है। कलेक्टोरेट में जनसुनवाई में आए रिछा गांव के आवेदक मदनमोहन दुबे ने बताया कि गांव मड़ावन पायक के एक व्यक्ति नन्नू आदिवासी के दामाद श्रीराम आदिवासी निवासी लिधोरा की ऑटो पलटने से जनवरी 2021 में हो गई थी। परिवारजनों ने फौती दर्ज कराने के लिए तहसीलदार प्रेमनारायणसिंह के कोर्ट में आवेदन किया। जिस पर सुनवाई के बाद बीते साल सितंबर में एक आदेश जारी कर दिया गया। लेकिन इस आदेश में पटवारी महेंद्रसिंह तेकाम की टीप पर
6 वारिसों के नाम दर्ज कर दिए। जबकि मृतक श्रीराम आदिवासी के केवल 4 ही वारिस जिनमें पुत्र उजबक, शुभम, पुत्री चांदनी और पत्नी सोनाबाई शामिल थे। तहसीलदार सिंह ने अपने आदेश में मनीष और नीलेश नाम के दो अज्ञात लोगों के नाम दर्ज कर दिए।
आवेदक ने आपत्ति ली तो कम्प्यूटर की त्रुटि बताकर नया आदेश निकाला
आवेदक मदन दुबे ने बताया कि, जब मुझे मृतक श्रीराम के ससुर नन्नू आदिवासी से इस गंभीर चूक की जानकारी मिली तो मैंने तहसीलदार प्रेमनारायणसिंह जवाब-तलब किया। वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। उन्होंने अपने ही पुराने आदेश के नंबर पर 10 जुलाई को एक संशोधित आदेश जारी कर दिया। जिसमें अज्ञात व्यक्ति नीलेश और मनीष के नाम हटा दिए गए। आदेश में तहसीलदार ने स्पष्टीकरण दिया कि ये नाम कम्प्यूटर की कट-पेस्ट स्तर पर हुई चूक के कारण जुड़ गए थे। आवेदक दुबे का कहना है कि किसी आदिवासी की जमीन पर सीधे-सीधे किसी और का नाम दर्ज कर देना एक गंभीर अनियमितता को दर्शाता है। उस पर से तहसीलदार ने अपना ही आदेश सुधारने में 10 महीने लगा दिए। कल्पना कीजिए कि अगर इस अवधि में अगर ये दो अज्ञात व्यक्ति, इस गरीब आदिवासी परिवार की जमीन पर कहीं से लोन ले लेते या उसे बेच देते तो उसका कौन जिम्मेदार होता। आवेदक दुबे का कहना है कि यह एक घोर लापरवाही और स्वेच्छाचारिता का मामला है। जिसके लिए मैं, कलेक्टर सागर से संबंधित तहसीदार व पटवारी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की मांग करता हूं।
08/08/2024



