लोकायुक्त की कार्रवाई : “पानी” से पैसा बनाने के फेर में लेबर इंस्पेक्टर रिश्वत मांगते ट्रेप
श्रम कानूनों के नाम पर 30 हजार रु. की रिश्वत वाटर पैकेजिंग प्लांट संचालक से मांगी रिश्वत, फर्जी पत्रकार के चक्कर में सिविल लाइंस-मकरोनिया के बीच भटकती रही लोकायुक्त टीम
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सागर। लोकायुक्त पुलिस संगठन की जिला इकाई ने श्रम विभाग के एक निरीक्षक लाल मणिसिंह को 30 हजार रु. की रिश्वत मांगते ट्रेप किया है। निरीक्षक लाल मणिसिंह पर आरोप है कि उसने मकरोनिया में आरओ वाटर पैकेजिंग प्लांट चलाने वाले युवक देवांशु चौबे से 60हजार रुपए की रिश्वत मांगी। जिसमें से वह पहली किस्त 30 हजार रु. की लेते हुए तहसीली में क्रिश्चियन कॉलोनी के पास स्थित श्रम विभाग के ऑफिस में धर लिया गया। कार्रवाई में लोकायुक्त पुलिस डीएसपी मंजूसिंह पटेल, निरीक्षक अभिषेक वर्मा व अधीनस्थ स्टाफ आशुतोष व्यास, सुरेंंद्रसिंह, विक्रमसिंह, महेश हजारी, मोहित कोरी शामिल थे।

9.60 लाख का चालान बताया,नहीं भरने पर 99 लाख रु. की पेनॉल्टी बताई
युवक देवांशु चौबे ने बताया कि मैं मकरोनिया के सेमराबाग क्षेत्र में आरओ वाटर प्लान्ट संचालित करता हूं। कुछ दिन पहले मेरे प्लान्ट पर लालमणि व उनके संग एक और इंस्पेक्टर निरीक्षण करने आए थे। इन लोगों ने प्लान्ट में कार्यरत कर्मचारियों से वेतन, अवकाश व अन्य सुविधाओं के बारे में पूछा। फिर वे लोग मुझ से बोले, आप कर्मचारियों को कम वेतन दे रहे हैं। आप के खिलाफ 9.60 लाख रु. का चालान किया जाएगा। देवांशु ने कहा कि मैं, यथासंभव श्रम कानूनों का पालन करता हूं। तब वे बोले ठीक है हम लोग कोई कार्रवाई नहीं करेंगे। आप 1 लाख रु. रिश्वत में दे दो। अगर यह राशि नहीं दी तो फिर चालान की राशि देना पड़ेगी। वह भी अगर अगले 10 दिन में जमा नहीं गई तो फिर 99 लाख रु. की पेनाल्टी होगी। मैं उनकी बातों से घबरा गया। इसके लालमणि ने मुझ से बीच-बीच में संपर्क किया और 60 हजार रु. लेने के लिए राजी हो गया। चूंकि मैं यह राशि भी नहीं देना चाहता था। इसलिए मैंने लोकायुक्त संगठन सागर को लालमणि व एक अन्य की शिकायत कर दी।
लोकायुक्त टीम को 6 घंटे छकाता रहा आरोपी , फर्जी पत्रकार कर रहा था गाइड
लोकायुक्त पुलिस के लिए लालमणि को दबोचना आसान नहीं रहा। सूत्रों के अनुसार लालमणि की ओर से मकरोनिया निवासी स्वयं को पत्रकार बताने वाला युवक देवांशु को गाइड कर रहा था। वह लोकायुक्त पुलिस की टीम पर भी नजर रखे था। जिसके चलते बीते दिनों की कार्रवाई भी बाधित रही। शुक्रवार को भी लगभग यही हालात रहे। लोकायुक्त पुलिस की टीम दोपहर करीब 1 बजे लालमणि को दबोचने निकली। लेकिन इस फर्जी पत्रकार द्वारा लालमणि को बार-बार अलर्ट किए जाने के कारण ट्रेप दल कभी सिविल लाइंस तो कभी पैराडाइज होटल तो कभी वापस सिविल लाइंस में भटकता रहा। आखिर में इस कथित पत्रकार ने देवांशु से लालमणि के नाम पर रिश्वत की रकम मांगी। जिसे उसने देने से इनकार कर दिया। देवांशु स्वयं यह राशि लेेकर श्रम विभाग के ऑफिस पहुंचा। जहां लोकायुक्त टीम ने मौका देख श्रम निरीक्षक सिंह को रिश्वत की राशि समेत दबोच लिया। चूंकि लालमणि ने यह रकम अपने हाथ में नहीं ली थी, इसलिए उसके हाथ नहीं रंगे।
02/08/2024



