लोमहर्षक: देवर ने की थी भाभी-भतीजियों की हत्या! आईपीएल-ऑनलाइन गेम का कर्ज बना वजह
खाना परोसने पर से शुरु हुए विवाद में हंसिए के वार से तीनों को मौत के घाटा उतारा, हत्याकांड के बाद संदेही देवर प्रवेश, भाभी की अलमारी से नकदी-जेवर लेकर भाग गया था

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सागर। सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में मंगलवार की रात को विवाहिता और उसकी दो मासूम बेटियों की लोमहर्षक हत्याकांड का लगभग खुलासा हो गया है। इस दिलदहला देने वाले कांड के पीछे आईपीएल सट्टा और ऑनलाइन गेमिंग का कर्ज सामने आया है। सूत्रों के अनुसार यह हत्याकांड, मृतका वंदना पटेल (32) के देवर प्रवेश पटेल (30) ने अंजाम दिया। जिसने तैश में आकर वंदना के अलावा उसकी दो बेटियां अवंति (8) और अन्विका(3) को रसोई में रखे हंसिए से मार डाला। इस कांड की जो तात्कालिक वजह सामने आई है। उसके मुताबिक प्रवेश, मंगलवार की रात 8- 9 बजे अपने भाई विशेष पटेल के नए पुलिस कंट्रोल रूम के सामने वाली गली मेें स्थित घर पर आया था। यहां उसने भाभी वंदना से भोजन मांगा। इसी दौरान वंदना और प्रवेश के बीच मामूली कहा-सुनी हो गई। वंदना ने टालने की गरज से उसके सामने सादे चावल भर परोस दिए। दोबारा बातचीत बढ़ी तो वंदना ने उसके ऊपर चावल की धोवन वाला पानी फेंक दिया। इससे वह आग-बबूला हो गया। उसने किचेन के प्लेटफार्म पर रखा हंसिया उठाया और ताबड़तोड़ वंदना के गर्दन पर वार कर दिए। यह घटनाक्रम देख बड़ी बेटी अवंति बीच आई तो उस पर भी वार किए। छोटी बेटी अन्विका का सिर दीवार में दे मारा। लेकिन उसे लगा कि वह नहीं मरी है तो उसके सिर पर सिलबट्टा पटक दिया।
घर में ही खून के दाग मिटाए, अलमारी से नकदी जेवर लेकर भागा
तीन-तीन हत्याओं को अंजाम देने के बाद प्रवेश ने पूरी शांति के साथ सबसे पहले अपने शरीर व कपड़ों पर आए खून के छींटे धोए। चर्चाओं के अनुसार इस मकान में प्रवेश का भी एक कमरा है। जहां जाकर उसने कपड़े बदले। इसके बाद वह वापस नीचे वाले फ्लोर पर आया और भाई-भाभी के कमरे में रखी अलमारी में से जेवर व नकदी लेकर बाइक से दमोह भाग गया। जहां उसने पहुंचते ही दोस्तों-कर्जदारों को यह सब सौंप दिया। जानकारी के अनुसार प्रवेश को उसके पिता की जगह पीडब्ल्यूडी में अनुकंपा नियुक्ति मिली थी। वह दमोह के गांव स्थित मकान में रहकर नौकरी करता था। जबकि बड़ा भाई विशेष यहां सागर में इस घर में रहकर जिला अस्पताल में कम्प्यूटर ऑपरेटर का काम करता था। वह एम टेक तक शिक्षित है, इसलिए उसने छोटे भाई प्रवेश को नौकरी पर रखने की सहमति दे दी थी। लेकिन प्रवेश की संगत खराब थी। वह क्रिकेट सट्टा और ऑनलाइन गेमिंग की लत लगा बैठा। नतीजतन वह कर्ज के दल-दल में फंस गया। चर्चा है कि उसे उबारने के लिए परिजनों ने बीच में उसका करीब 10 लाख रुपए का कर्ज भी चुकाया था।
अनजान बन बीबी के साथ गम बांटने आया, धरा गया
लोगों के जेहन में सरसरी लाने वाले इस कांड को करने के बाद भी प्रवेश के मन में कोई डर या पछतावा नहीं था। वह रिश्तेदारों द्वारा मिली सूचना के आधार पर भाई का गम बांटने दमोह से अपनी पत्नी को लेकर बुधवार को सागर आ गया। जहां पुलिस ने मृतका वंदना के मायके वालों के शक-शुबहा के आधार पर उससे पूछताछ की। इसके बाद उसके इस जघन्य अपराध की परतें खुलती चलीं गईं। हालांकि पुलिस अभी इस मामले में कुछ भी आधिकारिक तौर पर कहने की स्थिति में नहीं है। प्रभारी एसपी डॉ. संजीव उईके का कहना है कि मामले की जांच जारी है। बहुत जल्द घटनाक्रम और आरोपी के संबंध में खुलासा कर दिया जाएगा।
आक्रोशित परिजनों ने किया हलका प्रदर्शन: इस कांड को लेकर बुधवार को पुलिस का दिन गहमा-गहमी भरा रहा। सिविललाइंस और कोतवाली टीआई जांच में जुटे रहे। वहीं प्रभारी एसपी डॉ. उईके संदिग्धों से पूछताछ करते रहे। आईजी प्रमोद वर्मा लगातार अपडेट लेते रहे। इसी दौरान वंदना के मायके पक्ष के लोग उसके गांव जेरई पाटन से उसके घर आ गए। उन्हें जानकारी मिली कि पुलिस संदिग्धों से पुलिस कंट्रोल रूम में पूछताछ कर रही है तो वे उसे अपने हवाले करने की मांग पर अड़ गए। पुलिस को एहितयातन गेट बंद करना पड़ा। बाद में समझाइश देने पर वे लोग वहां से चले गए।
31/07/2024



