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अगर पुलिस केस दर्ज है तो आसानी से नहीं होगा हथियार के लाइसेंस का रिन्युअल
पुलिस केस होने की स्थिति में कलेक्टर, लाइसेंसी से स्पष्टीकरण लेकर रिन्युअल करने या नहीं करने का निर्णय लेंगे।
sagarvani.com। 9425172417
सागर। बंदूक और रिवॉल्वर के लाइसेंसधारियों के लिए यह खबर अलर्ट करने वाली है। राज्य सरकार के गृह विभाग ने लाइसेंसियों के लिए एक नए नियम का प्रावधान कर दिया है। जिसके अनुसार अब लाइसेंस के हरेक रिन्युअल पर पुलिस वेरिफेकशन होगा। संबंधित एसपी, आर्म्स लाइसेंस बहाल रखा जाए या नहीं। इस संबंध में स्पष्ट अभिमत देंगे। कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी, अगर एसपी की नकारात्मक अनुशंसा से सहमत होते हैं तो संबंधित व्यक्ति का लाइसेंस निरस्त भी कर सकेंगे। हालांकि इसके पहले कलेक्टर, लाइसेंसधारी व्यक्ति को नोटिस देंगे। उससे पूछेंगे कि, क्यों न उसका लाइसेंस निरस्त किया जाए। जवाब मिलने के बाद वह लाइसेंस निरस्त करने या नहीं करने संबंधी आदेश जारी करेंगे।

बीते साल तक सरलता से हो जाता था रिन्युअल
पिछले साल तक आग्नेय शस्त्र अधिनियम के तहत लाइसेंस के रिन्युअल बहुत सरलता से हो जाता था। लाइसेंसी को संबंधित हेड में बैंक के चालान द्वारा रिन्युअल की फीस जमा करना होती थी। इस प्रक्रिया के पूरा होते ही चंद दिनों बाद लाइसेंस पर रिन्युअल की नई तारीख चस्पा कर दी जाती थी। पिछले दिनों नियमों में हुए संशोधनों के अनुसार अब लाइसेंसी 3 और 5 साल के लिए शस्त्र लाइसेंस का रिन्युअल करा सकते हैं। रिन्युअल की प्रक्रिया में भी बदलाव किया गया है। अब रिन्युअल के सीधे शस्त्र शाखा के बजाय आवेदक को लोक सेवा केंद्र जाना होगा। जहां वह इस संबंध में आवेदन करेगा। यहां से आवेदन ऑनलाइन शस्त्र शाखा में जाएगा। पदविहित अधिकारी द्वारा अवलोकन करने के बाद आवेदन को एसपी को फॉरवर्ड किया जाएगा। वहां एसपी, लाइसेंसी के निवास क्षेत्र के पुलिस थाने से ऑफलाइन रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद अपनी राय देंगे। इसके बाद यह आवेदन पुन: शस्त्र शाखा जाएगा। जहां कलेक्टर लाइसेंस के रिन्युअल पर निर्णय लेंगे।

आधा दर्जन शस्त्र लाइसेंस का रिन्युअल अटका
जिला प्रशासन के सूत्रों के अनुसार, अब तक जो भी लाइसेंस, रिन्युअल के लिए आए हैं। उनमें से अधिकांश बेरोकटोक रिन्यु हो गए। क्योंकि संबंधित आवेदक के खिलाफ कोई भी पुलिस केस दर्ज नहीं था। जबकि आधा दर्जन ऐसे भी आवेदक हैं, जिनके विरुद्ध पिछले वर्षों में आपराधिक केस पाए गए हैं। ऐसे मामलों में एसपी सागर ने स्पष्ट अनुशंसा लिखते हुए लाइसेंस के आवेदन शस्त्र शाखा को फॉरवर्ड किए हैं। जानकारी के अनुसार जिला दंडाधिकारी कार्यालय द्वारा इन लाइसेंसियों को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा जा रहा है।
आपराधिक केस में सुनवाई के बाद निर्णय होगा
नियमों के बदलाव के बाद अब शस्त्र लाइसेंसधारियों का हरेक रिन्युअल पर पुलिस वेरिफिकेशन कराया जाएगा। अपराध दर्ज होने की स्थिति में संबंधित लाइसेंस से जवाब लिया जाएगा। उत्तर संतोषजनक नहीं पाए जाने पर उसका लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा।
– दीपक आर्य, जिला दंडाधिकारी एवं कलेक्टर, सागर



