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पड़ोसी की बेटी को परेशान करना पड़ा महंगा, हत्या के आरोपी की उम्र का हुआ खुलासा, केस सेशन कोर्ट को होगा सुपुर्द

भाजपा पार्षद के बेटे इमरान की हत्या में शामिल युवक ने छिपाई थी उम्र, पिता ने किशोर बोर्ड के सामने रखे तथ्य

sagarvani.com I9425172417         सागर। भाजपा के नगर निगम पार्षद नईम खान के बेटे इमरान के चर्चित हत्याकांड के मामले में एक नया मोड़ आया है। पार्षद खान के दावे के बाद किशोर न्याय बोर्ड ने इस मामले के एक नाबालिग आरोपी का प्रकरण सेशन कोर्ट में हत्या के अन्य मामलों की तरह चलाने का आदेश जारी किया है। इस पूरे मामले में दिलचस्प पहलू ये है कि इस आरोपी के खिलाफ एक अज्ञात व्यक्ति से मिले सुराग के बाद इस आदेश की भूमिका तैयार हुई। बुधवार को पत्रकारों से चर्चा में पार्षद नईम ने बताया कि 29 जुलाई 2021 को मेरे बेटे इमरान की हत्या शुक्रवारी की पानी की टंकी के पास इसरार व अन्य लोगों ने गोली मारकर कर दी थी। पुलिस ने इस मामले में इसरार के अलावा उसके पुत्र-पुत्री, पत्नी समेत पांच लोगोंं को आरोपी बनाया था। पुलिस ने  इसरार के पुत्र-पुत्री को नाबालिग मानते हुए उनका चालान किशोर न्याय बोर्ड के सामने पेश किया था। चूंकि मुझे उस समय यह नहीं मालूम था कि इसरार का यह लड़का, जिसका नाम मोहम्मद अशरफ उर्फ शमी है, वह बालिग है। इसलिए मैंने आपत्ति नहीं ली। लेकिन इसी बीच मुझे इसरार के एक रिश्तेदार ने बताया कि आपको और पुलिस को गलतफहमी है कि शमी नाबालिग है। मैं, उसे अच्छी तरह से जानता कि वह बालिग है। वह मेरी बेटी को गालियां देता था। मेरा उससे विवाद भी हुआ था। इस रिश्तेदार ने बताया कि आप उसकी फेसबुक प्रोफाइल चेक कीजिए। जिसमें हत्याकांड से कुछ समय पहले इसरार और उसके पूरे परिवार ने इस लड़के का 18 वां जन्मदिन बड़े धूमधाम से मनाया था। मैंने प्रोफाइल चेक की तो बात सच निकली।

बमुश्किल मिली नगर निगम से जन्म पंजीयन की जानकारी

पार्षद नईम खान ने बताया कि, इस जानकारी के बाद मैं, इसरार के लड़के को नियमानुसार सजा दिलाने के लिए और दस्तावेज खंगालने में जुट गया। मुझे जानकारी मिली कि शमी का जन्म डफरिन अस्पताल में हुआ था। नगर निगम की जन्म-मृत्यु शाखा से मैंने उसका रिकॉर्ड निकलवाने का आवेदन दिया। लेकिन ननि ने यह कहते हुए मना कर दिया कि यह दस्तावेज केवल इसरार या उसकी पत्नी को दिया जा सकता है। मैंने हार नहीं मानी। मैंने इस बारे में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी दी। आखिर में गोपालगंज पुलिस ने नगर निगम से यह जानकारी निकलवाई। जिसके बाद सच्चाई सामने आई। पुलिस ने रजिस्टर्ड डाक से मुझे शमी का जन्म प्रमाण पत्र दिया।  जिसके अनुसार वह घटना दिनांक को 18 साल 24  दिन की उम्र पूरी कर चुका था। नईम के अनुसार, आरोपी पक्ष के वकीलों ने शमी को बचाने के लिए उसकी कक्षा 7 वीं की मार्कशीट पेश की थी। जिसमें दर्ज जन्मतिथि के अनुसार वह नाबालिग साबित हो रहा था। लेकिन मेरे वकील अनिल कोठारी और अशोक तिवारी ने नगर निगम के दस्तावेजों के आधार पर ये साबित किया कि घटना दिनांक को आरोपी बालिग था। जिसके बाद प्रधान दंडाधिकारी, किशोर न्याय बोर्ड, नेहा बंसल ने उक्त आदेश जारी कर गोपालगंज थाने को निर्देश दिए कि वह इस प्रकरण को सेशन कोर्ट में पेश करे।

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लापरवाह जांच अधिकारियों के खिलाफ शिकायत करेंगे

नईम खान का कहना है कि इस मामले में प्रथम दृष्टया पुलिस की गंभीर चूक प्रतीत होती है। इसलिए मैं बहुत जल्द  अपने वकीलों के माध्यम इस बारे में पुलिस के उच्चाधिकारियों से शिकायत करूंगा। नईम के अनुसार, आरोपी शमी फिलहाल जमानत पर है।

 24/07/2024

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