अहिरवार महापंचायत: जोड़-तोड़ से अध्यक्ष बनने के ख्वाब पर पानी फिरा, एसडीएम ने चुनाव रोका
अहिरवार महापंचायत के चुनाव पर एसडीएम कोर्ट की रोक, कहा, पहले मतदाता सूची में नाम जोड़ें - समाज के एक धड़े ने समाज के 800-1000 सदस्यों के नाम मतदाता सूची में नहीं जोड़ने का आरोप लगाया था
सागर। अहिरवार महापंचायत के आज रविवार को होने जा रहे चुनाव पर एसडीएम सागर के न्यायालय ने रोक लगा दी है। अहिरवार समाज के निवर्तमान सचिव नरेंद्रसिंह सूर्यवंशी ने इस चुनाव में उपयोग हो रही मतदाता सूची को एसडीएम कोर्ट में अपने वकील श्रीकांत खत्री के माध्यम से चुनौती दी थी। एड. खत्री का कहना था कि मतदाता सूची में उन 800-1000 लोगों के नाम नहीं जोड़े गए हैं जिन्होंने बाकायदा मेरे पक्षकार सूर्यवंशी व उनके अन्य साथियों के माध्यम से चंदा देकर सदस्यता पर्ची कटवाई थी। इसके बावजूद चुनाव अधिकारी डॉ. कमलेश अहिरवार,सहायक चुनाव अधिकारी गंगाराम चौधरी, चुनाव के नोडल अधिकारी रामचरण अहिरवार, पर्यवेक्षक राजू अहिरवार और मतदाता सूची प्रकाशन अधिकारी टीकाराम दीवान ने उसे नहीं जुड़वाया। एसडीएम विजयकुमार डेहरिया ने अपने आदेश में कहा कि चुनाव कराने वाले पदाधिकारी पहले इन 800-1000लोगों के नाम मतदाता सूची में जोड़े ताकि उन्हें मताधिकार का अवसर मिले।

समाज की आबादी 4 लाख से अधिक, सदस्य बनाए महज 1700
वकील खत्री ने एसडीएम को बताया कि मेरे पक्षकार सूर्यवंशी के समाज की जिले में आबादी करीब 4 लाख है। इसके बावजूद वर्तमान चुनाव कमेटी महज 1700 सदस्यों के बलबूते पर यह चुनाव करा रही है। इस पर भी मेरे पक्षकार व उनके गुट द्वारा बनाए गए सदस्यों को मतदाता सूची में नहीं जोड़ा। जो लोकतांत्रिक चुनाव व्यवस्था के अनुसार नहीं है। अगर इसी स्थिति में चुनाव कराया जाता है तो विवाद व परिशांति खत्म होने का खतरा रहेगा। न्यायालय ने वकील खत्री के तर्क को माना और कहा कि आगामी कार्रवाई से इस न्यायालय को अवगत कराया जाए। चुनाव की अगली तारीख नए सिरे से तय होगी। इस मामले में अगली सुनवाई 12 अप्रैल को होगी।
कलेक्टोरेट में रही गहमा-गहमी, देरशाम जारी हुआ आदेश
अहिरवार समाज के इस चुनाव को लेकर बीते करीब 15 दिन से खींचतान का माहौल था। राजनैतिक दल कांगे्रस और भाजपा की छाया में हो रहे इस चुनाव को लेकर दो गुट बन गए थे। एक गुट जो हर हाल में चुनाव कराने पर अड़ा था। जबकि दूसरा चुनाव के पूर्व पर्याप्त संख्या में मतदाताओं को जोड़ने और उसके बाद चुनाव कराने की बात कर रहा था। चुनाव कराने वाले गुट में निवर्तमान अध्यक्ष अनिल अहिरवार, वीरेंद्र राजे, डॉ.कमलेश अहिरवार, नाथुराम चौधरी, अशोक चौधरी, धर्मेंद चौधरी, रामचरण अहिरवार वगैरह शामिल थे। जबकि चुनाव नहीं कराने की मांग करने वालों में जगन्नाथ रोहित, मलखान ठेकेदार, पवन बड़कुर, रामू ठेकेदार, देवेंद्र अहिरवार, नरेंद्र अहिरवार, देवेंन्द्र कश्यप, धर्मेेंद्र अहिरवार आदि शामिल थे।



