सिंधी व्यवसायी ने फांसी लगाई, सूदखोरों के जाल में फंसा था! कर्ज में फंसे कई युवा घरों से गायब
क्रिकेट सट्टा और ब्याज के मकड़जाल में फंसने के बाद कई परिवार बिखरे

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सागर। शहर का सिंधी समुदाय सूदखोरों के मकड़जाल में लगातार फंस रहा है। जिसके परिणामस्वरूप कोई शहर छोड़ कर रातों-रात गायब हो रहा है तो कोई मौत को गले लगा रहा है। हालांकि इसमें बहुत हद तक इस समुदाय वे लोग भी दोषी हैं। जो कभी जुआ-सट्टा से रातोंरात कमाई तो कभी ज्यादा लाभ के लालच में जोखिम भरे कारोबारी सौदे कर बैठते हैं। बाद में इसी कर्ज या घाटे को पाटने के लिए सूदखोरों की देहलीज पर जा पहुंचते हैं। ताजा मामला शुक्रवार शाम का है। सिंधी कैम्प निवासी एक व्यवसायी ने फांसी लगा ली। मृतक का नाम अशोक नागवानी उम्र करीब 45 वर्ष संत कंवरराम वार्ड थाना मोतीनगर है। पुलिस को अशोक के कपड़ों से एक सुसाइड नोट भी मिला है। सूत्रों के अनुसार उसमें लिखा है कि मैं, ब्याज पर रकम देने वाले लोगों के जाल में बुरी तरह से फंस गया हूं। जिसे चुकाने के लिए मैंने अपनी पत्नी के जेवर तक चोरी कर लिए। मुझे अपने किए पर बहुत शर्मिंदगी है। मुझे कर्ज को लेकर चार लोग प्रताड़ित कर रहे थे। जिनके नाम सुरेश भोपाली, छुटभैया भाजपा नेता का छोटा भाई डेटा व दो अन्य हैं। पास – पड़ोस के लोगों के अनुसार अशोक, सिंधी कैम्प में ही चाय – पान की होटल चलाता था। कुछ समय पहले वह सूदखोरों के जाल में फंस गया। कुछ दिन से उसने दुकान पर भी बैठना बंद कर दिया था। इसके बाद अचानक उसने फांसी लगा ली। वह अपने पीछे पत्नी समेत पुत्र-पुत्री छोड़ गया है।
” गावस्कर” की मौत पर चुप्पी 
सिंधी कैम्प के गलियारों में शहर के दूसरे हिस्सों के सूदखोरों का टेरर इतना आम है कि इन असमय मौतों के बारे समुदाय के जिम्मेदार लोग तक चुप्पी साध रहे हैं। उदाहरण के लिए कुछ समय पहले कैम्प के ही एक युवक सोनू वाधवानी उर्फ गावस्कर की संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। परिजन ने पास – पड़ोस के लोगों को हार्ट-अटैक सरीखी कोई समस्या बता दी। जबकि ज्यादातर लोग ये बात भी जानते थे कि गावस्कर को कुछ लोगों ने उधारी की रकम वसूलने के लिए बुरी तरह पीटा था और उधारी की रकम चुकाने के लिए एक तारीख तय कर दी थी। लेकिन वह रकम का इंतजाम नहीं कर पाया और फिर सीधे उसके मरने की खबर मिली। चर्चाओं के अनुसार गावस्कर, जुआ- शराब की लत से बुरी तरह घिरा था। बता दें कि बीते 3-4 वर्ष में लगभग हरेक साल सिंधी समुदाय के किसी न किसी व्यक्ति ने सुसाइड किया है। जड़ में जाएं तो सब की एक ही वजह सूदखोरी है।
आईपीएल- वर्ल्ड कप के बाद से कई युवक लापता
सिंधी समुदाय में सुसाइड के अलावा लोगों के गायब होने की घटनाएं भी खूब हो रहीं हैं। चर्चाओं के अनुसार हालिया आईपीएल सीरिज और वर्ल्ड कप के बाद 4 से 6 युवक सिविल लाइंस और संत कंवर राम वार्ड(सिंधी कैम्प) से लापता हैं। चर्चाओं के अनुसार ये सभी क्रिकेट के सट्टा में लिप्त थे। गायब युवकों में अविनाश शामनानी, अमित सचदेव, सुमित पुरुषवानी व अन्य बताए जाते हैं। किराना, कपड़ा, स्टेशनरी आदि के कारोबारियों के परिवार से जुड़े ये लड़के बीते 15 दिन में अंतराल से गायब हुए हैं। यहां बता दें कि सिंधी समुदाय में कर्ज या घाटा होने पर गायब होने की पुरानी रीत है। साल-दो साल पहले नामचीन थोक फल व्यवसायी ज्ञानचंद कुकरेजा मय परिवार के गायब हो गया था।
वोट बैंक की राजनीति तक सीमित समाज के ठेकेदार
सिंधी समुदाय के पारिवारिक, सामाजिक, कारोबारी और धार्मिक मामलों को सुलझाने के लिए पूज्य सिंधी पंचायत का गठन किया गया है। करीब दो साल पहले हुए इस संस्था के चुनावों में एक प्रत्याशी भीष्म राजपूत ने समुदाय के युवकों में शराब खोरी, जुए-सट्टे की लत, कैम्प व बाजार में सूदखोरों के आतंक को खत्म करने को मुद्दा बनाया था। जिसके चलते राजपूत को अध्यक्ष पद पर जीत भी हासिल हुई थी । लेकिन कामकाज संभालते ही राजपूत समेत पूरी कार्यकारिणी इन विकराल होती समस्याओं को भूल गई। कभी कोई बैठक हुई भी तो एजेण्डा धार्मिक आयोजन की तैयारी या ननि- विस चुनाव में किस पार्टी या प्रत्याशी का समर्थन करना है, यही रहा। पंचायत के पदाधिकारी एक बार भी पुलिस या प्रशासन के पास इन समस्याओं को खत्म कराने समाज को लामबंद करते नहीं दिखे।
14/07/2024



