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घर में उगाएं जड़ी-बूटी, सरकार देगी पौध
आयुर्वेद को अब घर-घर पहुंचाने की तैयारी है। इसके लिए केंद्र सरकार प्रत्येक जिले में औषधीय पौधों की नर्सरी तैयार करा रही है। जहां से आम नागरिकों को मुफ्त या बहुत कम कीमत पर आयुर्वेद चिकित्सा में उपयोग होने वालेी जड़ी-बूटियों की पौध उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड, नई दिल्ली ने राज्य सरकार के आयुष विभाग के जरिए सभी जिला कलेक्टर्स से २.५ एकड़ सरकारी जमीन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।


दरअसल कोरोना काल से लोगों में आयुर्वेद के प्रति तेजी से भरोसा लौटा है। लोग अब एलोपैथिक दवाओं का विकल्प इस पुरा-चिकित्सा पद्धति में तलाशने लगे हैं। जिला आयुर्वेद चिकित्सालय के एक डॉक्टर के अनुसार कोरोना के दौरान जब कई दवाएं काम नहीं कर रही थी। तब सरकार द्वारा वितरित किया गया काढ़ा काफी कारगर साबित हुआ। अधिकांश लोग इसी काढ़े के कारण आयुर्वेद की तरफ लौटे हैं।

नर्सरी में 100 से अधिक औषधियों के पौधे उपलब्ध होंगे
नर्सरी में स्टीविया, लेमनग्रास, लहसुनिया, हड़जोड़, ईश्वरमूल, ब्रजदंती, अश्वगंधा, सर्पगंधा, हरसिंगार,लाजवंती, निर्मली, महुआ, लसोड़ा, बेल, कैथा, चिरोल, रीठा, बहेड़ा, इमली, अमलतास, खमेर, कोहा, पारसपीपल, पीलासेमल, गुलमोहर, हर्रा, लाल, सेमल, धोवन, खैर, बकायन, लक्ष्मण, फल, मौलश्री, अशोक, गरूण, पाढ़र, आंवला, अमरूद, अर्जुन, बेलपत्रा, बहेड़ा, कड़ी पत्ता, घृतकुमारी, गिलोय, जामुन, नीम, नींबू, सहजन और तुलसी, भृंगराज, भूमि आंवला, स्टीविया, अश्वगंधा व ड्रम स्टीक समेत कई अन्य औषधीय पौधे उपलब्ध होंगे।
अमरूद: विटामिन-सी, कैल्शियम, फास्फोरस का स्रोत। मधुमेह, डायरिया, खांसी, कैंसर, हृदय और उच्च कोलेस्ट्रॉल को घटाता है
अर्जुन : कैंसर, त्वचा, हृदय व स्त्री रोग में लाभकारी।
बेलपत्रा: खून को साफ करने में करता है मदद। डायरिया, कैंसर व पेट से जुड़ी समस्याओं को दूर रखता है।
बहेड़ा: आंखों के इलाज में प्रयोग होता है। कुष्ठ रोग, बीज से बालों का तेल व साबुन तैयार होते हैं।
कड़ी पत्ता: वजन कम करने में लाभकारी। तनाव कम करने, मधुमेह, आंखों की रोशनी बढ़ाने में करता है मदद।
घृतकुमारी: त्वचा को निखारने के साथ पाचन तंत्र को मजबूत करता है। एंटी ऑक्सीडेंट व विटामिन से भरपूर।
गिलोय: रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ बुखार में लाभकारी। चिड़चिड़ापन व तनाव को कम करता है।
जामुन: विटामिन ए व सी से भरपूर। मधुमेह नियंत्रण, अस्थमा, डायरिया,अल्सर व खून को शुद्ध करने में मददगार।
नीम: रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। दांतों के लिए इलाज में लाभकारी, मलेरिया, कुष्ठ रोग, पेट के छाले, भूख, लिवर और मसूड़ों से जुड़ी समस्याएं में होता है प्रयोग।नींबू: वजन बढ़ने से रोकता है। पाचन तंत्र को ठीक रखता है। गले के दर्द में लाभ, त्वचा को निखारने में मदद।
तुलसी: अस्थमा, खांसी, गले का दर्द, नि न रक्तचाप, मधुमेह व पाचन तंत्र में लाभकारी।



