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महापौर V/s नगर निगम अध्यक्ष एंड कंपनी बनकर रह गया साधारण सम्मेलन

सम्मेलन में एमआईसी सदस्य एक-दूसरे के सुझाव-प्रस्तावों पर लेते रहे आपत्ति, सम्मेलन में आज फिर होगी शेष मुद्दो पर चर्चा, विरोध जताने कांग्रेसी पार्षद काले रंग के कपड़े धारण कर सम्मेलन में पहुंचे

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सागर। नगर निगम का साधारण सम्मेलन महापौर संगीता तिवारी विरुद्ध ननि अध्यक्ष वृंदावन अहिरवार एंड कंपनी बनकर रह गया। आलम ये रहा कि मेयर इन काउंसिल के निर्णयों को परिषद से अनुमोदन तो दिया गया लेकिन अध्यक्ष अहिरवार ने इन निर्णयों के लिए आपत्ति समिति बनाकर नया पैच भी खड़ा कर दिया। सम्मेलन में विधायक शैलेंद्र जैन खेमे के पार्षदों का पलड़ा भारी रहा। वे लगातार अपनी बात रखते रहे। उन्हें अध्यक्ष अहिरवार की तरफ से पर्याप्त समय भी दिया गया। दूसरी ओर नेता प्रतिपक्ष बाबूसिंह यादव और उनके 8 साथी पार्षदों ने पूरी एकजुटता से अपनी बात रखी। वे परिषद समेत कमिश्नर राजकुमार खत्री को अपनी मौजूदगी साबित करने में कामयाब रहे। इस सम्मेलन को फिलहाल स्थगित किया गया है, शेष मुद्दों पर 27 सितंबर को दोपहर 12 बजे से फिर चर्चा होगी।

मूर्ति स्थापना, नामकरण आपत्तियां सुनने के बाद होगा

सम्मेलन की शुरुआत में बताया गया कि महापौर तिवारी की घोषणानुसार वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की प्रतिम परिवर्तित स्थल के रूप सिटी स्टेडियम के सामने स्थापित होगी। सिटी स्टेडियम का नामकरण भी इसी प्रतिमा के मुताबिक होगा। वहीं सिविल लाइंस वार्ड का नाम भगवान परशुराम के नाम पर, जिला पंचायत चौराहा का नामकरण महाराजा अग्रसेन के नाम पर किए जानेे के संबंध में भी मेयर इन काउंसिल ने निर्णय लिया। इस पर से सिविल लाइंस से पार्षद रोशनी वसीम खान ने आपत्ति ली। रोशनी ने कहा कि हमारे वार्ड का नाम बदलने की आवश्यकता नहीं है। वहीं जिला पंचायत चौराहे के नामकरण पर भी आपत्ति ली गई। जिसके बाद ननि अध्यक्ष ने कहा कि, इन निर्णयों के पालन के पूर्व अगर आम नगारिकों की आपत्ति आती है तो उस पर विचार किया जाए। इसके लिए 5 सदस्यीय समिति का गठन किया जाता है। सम्मेलन में कैंट के हिस्से की सड़क का नामकरण चार साहिबजादे के नाम पर किए जाने पर भी विचार हुआ। जिसके संबंध में कमिश्नर ने परिषद को अवगत कराया कि कैंट सीईओ ने नामकरण पर सहमति नहीं दी है। बाद में निर्णय लिया गया कि गुरु गोविंदसिंह वार्ड की एक सड़क जो कैंट से मिलती है, उसका नामकरण चार साहिबजादों के नाम पर किया जाएगा।

जलकर को माफ करने पर दूसरे एमआईसी सदस्य ने ली कठोर आपत्ति

सम्मेलन में एमआईसी सदस्य धर्मेंद्र गुड्डा खटीक ने 16 पार्षदों के समर्थन वाला एक पत्र पटल पर रखा। जिसमें उन्होंने कहा कि इंदौर नगर निगम ने अपने वर्षों पुराने जलकर के मामले को समाप्त कर लिया है। उन्होंने बकाया जलकर की 50 प्रतिशत राशि माफ कर शेष 50 प्रतिशत जमा करा ली। यह राशि निगम के विकास कार्यों में उपयोगी रहेगी। ठीक इसी तरह का निर्णय सागर नगर निगम में भी लिया जाना चाहिए। क्योंकि अब हम एक-एक कनेक्शन का हजारों रुपए का बिल जमा नहीं करा सकते। खटीक का यह सुझाव सुनने के बाद एमआईसी सदस्य शैलेंद्र ठाकुर विरोध की मुद्रा में आ गए। उन्होंने कहा कि क्या यह निर्णय उन जलकर उपभोक्ताओं के साथ नाइंसाफी नहीं होगी। जो समय से राशि अदा करते रहे हैं। क्या यह हमारी नाकामी नहीं है कि हम जनता से जलकर नहीं वसूल पा रहे। अगर ऐसा किया भी जाता है तो इससे क्या लोगों में “टैक्स जमा नहीं करो, बाद में माफ कराओ” वाली आदत नहीं पनप जाएगी। एमआईसी सदस्य ठाकुर का सपोर्ट करते हुए नेता प्रतिपक्ष बाबूसिंह यादव ने कहा कि यह नगर निगम की नाकामयाबी है कि वह बीच शहर में ऑफिसर्स कॉलोनी, कैंट बोर्ड और मकरोनिया ने जलकर नहीं वसूल पा रही। यही राशि वसूल ले तो निगम की वित्तीय स्थिति में सुधार आ जाए।

बीएलसी की किश्तों को लेकर पक्ष-विपक्ष एक राय रहा

प्रधानमंत्री आवास योजना के घटक बीएलसी को लेकर सम्मेलन में पक्ष और विपक्ष के पार्षद हमलावर रहे। पार्षद याकृति जड़िया ने कहा कि हमारे वार्ड के कई लोगों को किश्त नहीं मिली है। नए पार्षद वाले वार्डों में हालात और भी खराब हैं। यह योजना नगर निगम के चंद कर्मचारी-अधिकारी मिलकर चला रहे हैं। इनमें पार्षद का रोल खत्म सा है। वे जिसे चाहे उसे किश्तें दे देते हैं, जिसे नहीं चाहते उसे बहानेबाजी कर चलता कर देते हैं। यही लोग हमारे यहां आ जाते हैं और हमारी लानत-मलामत करते हैं। विपक्ष से पार्षद अशोक साहू चकिया ने कहा कि मुझे तो यह सिस्टम समझा दिया जाए कि उन लोगों को चार-चार किस्तें कैसे मिल गईं, जिन्होंने एक ईट भी नहीं लगाई। शिवशंकर यादव ने कहा कि दो साल पहले तत्कालीन नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्रसिंह ने हम लोगों से बीएलसी के पात्र लोगों के नाम मंगवाए थे। इन नामों का क्या हुआ। इन सभी सवालों का जवाब कमिश्नर खत्री ने दिया। उन्होंने कहा कि किश्त आवंटन में पार्षदों की भूमिका रहेगी। जिन लोगों को चार किश्तें मिल गईं हैं, उनके बारे में पड़ताल की जाएगी। दो साल पहले लिए गए नामों के संबंध में जांच जारी है। पात्रतानुसार उन्हें बीएलसी स्कीम का लाभ दिया जाएगा।

पार्क के रख-रखाव, अवैध पार्किंग, साफ-सफाई पर भी चर्चा हुई

चर्चा के दौरान इंदिरानगर वार्ड से पार्षद रीतेश तिवारी ने कहा कि लाखा बंंजारा झील के रख-रखाव व झील से आय के उपाय खोजे जाएं। पार्षद देवेन्द्र अहिरवार ने शहर के समस्त पार्को के संचालन एवं संधारण तथा रखरखाव आदि हेतु कार्ययोजना तैयार करने, पार्षद मनोज कुमार चैरसिया ने डी.डी.काम्पलेक्स कटरा बाजार के संचालन एवं संधारण हेतु किसी एंजेसी को देने हेतु कार्ययोजना बनाने, पार्षद सुश्री मेघा दुबे ने शहर की यातायात व्यवस्था के सुचारू संचालन हेतु नागरिकों द्वारा नियम विरूध्द वाहनों की पार्किग करने पर दो पहिया वाहनों से रू. 10/- एवं चार पहिया वाहनों से रू. 20/- तथा मुख्य बाजार में स्थायी रूप से खड़े रहने वाले वाहनों से अधिक राशि वसूलने का सुझाव पेश किया। जवाब में कमिश्नर ने कहा कि इन सभी विषयों पर आयोजना तैयार की जाएगी। आवार पशुओं व कुत्तों की रोकथाम के लिए उपाए करने पर भी परिषद ने सहमति दी। शहर की सड़कों के ठेके 15 प्रतिशत से अधिक कम दरों पर लेने वाले कामों की गुणवत्ता पीडब्ल्यूडी की लैब से कराने की बात उठी। पार्षदों ने सुझाव दिया कि नगर निगम अपनी चलित टेस्टिंग लैब भी तैयार करो। बैठक के अंत में पूर्व पार्षद सी.बी.तिवारी, एम.आई.सी.सदस्य अनूप उर्मिल की मां श्रीमति तारादेवी उर्मिल एवं वरिष्ठ पत्रकार सुदेश तिवारी की माता जी श्रीमति विद्यावती तिवारी के निधन के होने पर परिषद द्वारा दो मिनिट का मौन धारण कर श्रध्दांजलि अर्पित की गई। समय अधिक हो जाने के कारण सम्मेलन कल दोपहर 12 बजे तक के लिये स्थगित किया गया। इस दौरान एम.आई.सी. सदस्य श्रीमति रेखा नरेष यादव, रूपेश यादव, सुश्री मेघा दुबे, राजकुमार पटैल, रूबी पटैल, पूजा सोनी, सोना कनई पटैल, अनीता रामू ठेकेदार, रश्मि नरेश धानक, नीरज कोरी, कंचन सोमेश जडिया, रिचासिंह, सुलेखा राकेश सहित अन्य पार्षदों ने भाग लिया। 

26/09/2025

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