आगे आदतन रेप के आरोपी का और पीछे भगवान के फोटो

उसके कतिपय अनुयायियों ने इस मौके पर एक वाहन रैली निकाली। जिसमें सामने की तरफ आसाराम के बड़े- बड़े फ्लैक्स फोटो और पीछे सनातनियों के पूज्य देवी – देवताओं के फोटो लगे थे। पबकम नहीं हो रहा। भगवा की दुहाई देने वाले कतिपय संगठन इस रैली पर चुप्पी साधे रहे। वहीं पुलिस भी एक अपराधी के महिमामंडन के निकले इस जुलूस की सुरक्षा – व्यवस्था में लगी रही। जिन्हें मालूम न हो उन्हें बता दें कि आसाराम को डेढ़ महीने पहले ही 31 जनवरी को दुष्कृत्य के एक और आरोप मे गुजरात की गांधीनगर सेशन कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई है।

आसुमल हरपलानी उर्फ आसाराम 10 से राजस्थान की जोधपुर जेल में बंद है। इस बीच उसे एक के बाद एक दुष्कृत्य के दो मामलों में उम्र कैद की सजा हो चुकी है। इसके बाद भी उसके अनुयायी उसे निर्दोष मानते हैं। उसके नाम पर वे 14 फरवरी को मातृ- पितृ पूजन दिवस मनाते हैं तो 11 मार्च को आसाराम का अवतरण दिवस सेलिब्रेट करते हैं। इधर खून से रंगी सच्चाई ये है कि आसाराम जितने दिन भी जेल से बाहर रहा है। चश्मदीदों, व गवाहों पर हमले होते रहे । कुछ की हत्या हो गई, और कुछेक की हत्या के प्रयास भी हुए। इस बात को मद्देनजर रखते हुए माननीय न्यायालय आसाराम को जमानत देने से इनकार कर रहा है, जबकि आसाराम ने अपने बचाव में देश के सबसे बड़े व महंगे वकीलों की सेवाएं ली थीं।



