आरोप: बहेरिया तिराहा की बेशकीमती जमीन के विवाद में दतिया विधायक कर रहे हैं हस्तक्षेप
प्रभावित भूमि स्वामी ने मीडिया के समक्ष लगाया आरोप, राजस्व अधिकारियों की कार्यवाही को बताया राजनैतिक दबावपूर्ण

एसडीएम कार्यालय ने सभी आरोपों को बताया बेबुनियाद
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सागर। दतिया से कांग्रेसी विधायक राजेंद्र भारती, बहेरिया तिराहा से लगी हुई हमारी 15-16 हजार वर्गफीट बेशकीमती जमीन के प्रकरण में बेजा दखल दे रहे हैं। उनके प्रभाव के चलते राजस्व अधिकारी हमारा पक्ष जाने बगैर हमारी जमीन पर विधायक भारती के रिश्तेदारों का कब्जा कराने पर आमादा है। ये आरोप शहर के शास्त्री वार्ड निवासी संतोष जैन ने लगाए हैं। उन्होंने कहा कि शनिवार को भी विधायक भारती के इशारे पर राजस्व विभाग की एक टीम बगैर किसी नोटिस के मेरा ढाबा तोड़कर बेदखली की कार्रवाई करने आई थी। गनीमत रही कि स्थानीय विधायक प्रदीप लारिया ने मेरी समस्या को संवेदनशीलता से सुना और उनके समर्थकों ने इस कार्रवाई को रुकवा दिया।
इसलिए राजेंद्र भारती दे रहे हैं इस जमीन में दखल शिकायतकर्ता संतोष जैन का कहना है कि करीब 30-35 वर्ष पहले यह जमीन स्थानीय किसानों के स्वामित्व में रही है। जिसे बाद में अलग-अलग लोगों ने खरीदा और बेचा। उन्हीं खरीदारों में से मैं, कांग्रेस नेता स्व. रवि चौरसिया, ,पवन जैन, सरिता जैन, सिल्लन पिता प्रकाश जैन आदि रहे हैं। विधायक भारती यहां इसलिए दखल दे रहे हैं क्योंकि वह स्व. चौरसिया के बड़े भाई हैं। हम लोगों द्वारा उन्हें दो-एक दफा मौके पर बुलाकर परिस्थितियों से वाकिफ भी कराया। लेकिन वह अपने रुतबे का इस्तेमाल कर स्थानीय राजस्व अधिकारियों को दबाव में लेकर विधि विरुद्ध कार्रवाई करा रहे हैं। बंदोबस्त के कारण नंबर बदले, दूसरा पक्ष मानने तैयार नहीं संतोष जैन का कहना है कि अपने-अपने हिस्से की जमीनें खरीदने के बाद सभी ने खसरा में दर्ज नंबर व चर्तुसीमाओं के आधार पर कब्जा ले लिया था। लेकिन बाद में बंदोबस्त के चलते कुछ नंबर यहां-वहां हो गए। यह परिस्थिति हम सभी खरीदारों को भली-भांति मालूम थी, इसलिए तब हमारे बीच विवादित स्थिति नहीं बनी। लेकिन कुछ वर्ष पहले एक खरीदार रवि चौरसिया का निधन हो गया। जिसके बाद उनके पुत्र ईशान चौरसिया, राजवर्धन चौरसिया मेरे कब्जे वाली जमीन को अपना बताने लगे। उनके अनुसार मेरा ढाबा, खाली पड़ी जमीन और पहुंच मार्ग आदि उनके स्वामित्व में शामिल है। जबकि राजस्व दस्तावेजों में उनके हिस्से की जमीन पीछे की तरफ है। ये लोग अपने राजनीतिक रसूख का उपयोग कर हम लोगों का पक्ष सुने बगैर राजस्व न्यायालयों से मनमाने आदेश करा रहे हैं। जिन्हें हमारे द्वारा कमिश्नर कोर्ट, सिविल कोर्ट में चुनौती भी दी गई है। इसके बावजूद राजस्व न्यायालय कभी हमारा पक्ष सुने बगैर हमारा नामांतरण रद्द कर रहे हैं तो कभी हमारे खिलाफ बेदखली की कार्रवाई पर उतारू हैं।बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं संतोष जैन इस मामले में एसडीएम कार्यालय सागर का कहना है कि संतोष जैन के सभी आरोप बेबुनियाद हैं। एक अन्य पक्षकार सिल्लन जैन इस मामले की सुनवाई में शामिल रहे हैं। कोर्ट ने पूरे प्रकरण का परीक्षण कर पाया कि जैन बंधुओं ने ईशान, राज वर्धन चौरसिया की जमीन पर कब्जा कर आपस में खरीद-बिक्री कर ली। जो दोषपूर्ण था, इसलिए इस जमीन पर से बेजा कब्जा हटाने का आदेश पिछले महीने पारित किया गया था। इस प्रकरण में किसी भी स्तर पर राजनैतिक हस्तक्षेप नहीं किया गया है।
23/06/2024



