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घातक फिल्म का ” कात्या” रियल लाइफ में बिस्लेरी के पानी से नहाने की आदत के चलते पकड़ा गया था
सनी देओल की मशहूर फिल्म " घातक" का विलेन "कात्या" मुंबई के गुंडा- माफिया तात्या पटेल से प्रेरित था। डायरेक्टर राजकुमार संतोषी ने उसके क्रूरतम व्यवहार का अंदाज 20-22 साल पहले कर लिया था। फिल्म में उन्होंने जो दिखाया दो दशक बाद ठीक वही सच हुआ।
सागरवाणी डेस्क।9425172417
सागर I सनी देओल की फिल्म गदर -2 को रिलीज हुए 1 महीना हो गया है। इस ब्लॉकबस्टर के बाद सनी फिर चर्चा में हैं। उनकी पुरानी फिल्मों की बातें हो रही हैं। जिनमें से एक फिल्म, घातक (1996) है। जिसकी कहानी का एक कैरेक्टर, रियल लाइफ से जुड़ा था। फिल्म की कहानी विजय देवेश्वर और फिल्म के डायरेक्टर राजकुमार संतोषी ने लिखी थी। इस कैरेक्टर का फिल्म में नाम था ” कात्या”। मेन विलेन की इस भूमिका को डेनी डेंग्जोंग्पा ने निभाया था। आज की बात इसी पात्र यानी कात्या पर आधारित है। जिसे बाद के बरसों में पुलिस ने उसे ” बिसलेरी के पानी की विशेष तलब” के चक्कर में दबोच लिया था।
तात्या से प्रेरित था “कात्या भाई ” का किरदार
इस आलेख के लगभग सभी तथ्य मुंबई में कई बरसों तक क्राइम रिपोर्टर रहे बलजीत परमार की जुबानी हैं। माफिया और अंडर वर्ल्ड की रिपोर्टिग में खासी महारत रखने वाले बलजीत ने ही वर्ष 1993 में ये खबर ब्रेक की थी कि सिने अभिनेता संजय दत्त के पास AK-56 राइफल है। बहरहाल हम कात्या पर लौट आते हैं। जो तत्कालीन बंबई के मीरा रोड – भायन्दर इलाके में तात्या पटेल के नाम से जाना जाता था। उसका खौफ और आतंक फिल्म घातक के कात्या ही जैसा था। उसने 1990 के दशक से साल 2018 तक इस इलाके विशेष को अपनी दहशत में रखा।
फिल्म की तरह “तात्या” के भी पांच भाई गुंडे थे” घातक ” में कात्या को मिलाकर सात भाई थे। तात्या के भी 5 भाई और एक बहन गुलशन पटेल थी। बकौल पत्रकार परमार, तात्या का परिवार इस इलाके में रंगदारी, प्रोटेक्शन मनी, जमीन – मकान पर जबरिया कब्जा, हत्या – मारपीट, छीना झपटी सरीखे तमाम अपराध में लिप्त था। विभिन्नता स्रोतों के मुताबिक, तात्या परिवार की शिकायतें पुलिस तक पहुंचती थी लेकिन कभी गवाह सामने नहीं आते इसलिए वे लोग आसानी से जमानत पर बाहर आ जाते। इस तरह इस पूरे परिवार के खिलाफ 30 साल में 193 केस दर्ज हो गए। पुलिस के अनुसार तात्या की बहन गुलशन भी अपने भाइयों के रसूख की आड़ में जबरन वसूली करती थी।
अखबार की छोटी सी खबर से मिला स्टोरी-प्लाट
तात्या पटेल के खिलाफ अक्सर शिकायतें आती थी। उनमें से दो – एक पर अखबारों में कलम भी चल जाती। ऐसी ही एक खबर भायंदर इलाके में पूरे बाजार से रंगदारी वसूलने के लिए पांचों – छः, भाई – बहन के एक साथ निकलने की छपी। डायरेक्टर संतोषी के स्टोरी डिपार्टमेंट ने इस पर काम करना शुरु किया और तात्या पटेल से कात्या भाई नाम का कैरेक्टर मय को – कैरेक्टर्स के साथ तैयार हो गया। याद करें, घातक फिल्म की पूरी कहानी बाजार से रंगदारी वसूलने की घटना के विरोध पर खड़ी की गई है।

युवती को जिंदा जलाने के बाद जागी पुलिस
फिल्म में हीरो सनी देओल, विलेन कात्या का काम तमाम कर देते हैं। लेकिन रियल कहानी इससे अलग है। पुलिस तात्या पटेल से दो – एक साल नही पूरे 15 साल गाफिल बनी रही। हुआ ये कि वर्ष 2015 में उसने अपने ही बॉडीगार्ड का किसी बात पर मर्डर कर दिया। गवाह न मिलने पर वह एक साल में जेल से बाहर आ गया। करीब डेढ- दो साल बाद तात्या ने एक युवती की जमीन हड़पने के लिए उसे सरे आम जिंदा जलाकर मारने की कोशिश की। यह घटना मीडिया में जमकर उछली। मुंबई की पुलिस उसके पीछे पड़ गई।
बिस्लेरी से नहाने की आदत के कारण पकड़ाया
गुंडे और माफिया तात्या पटेल के पीछे मुंबई की पुलिस के अलावा क्राइम ब्रांच भी पीछे पड़ी थी। लेकिन वह हाथ नहीं लग रहा था। चूंकि तात्या अपने गिरोह में परिवार के अलावा बाहर का कोई आदमी नहीं रखता था। इसलिए उसकी मुखबिरी नहीं हो पा रही थी। वह मोबाइल फोन भी इस्तेमाल नहीं करता था। इसी बीच पुलिस को मालूम चला कि, तात्या को बिस्लेरी का पानी पीने के साथ उसी से नहाने की आदत है। वह खुला पानी बिल्कुल यूज नहीं करता। पुलिस ने बाटलिंग प्लाण्टस से लेकर थोक- फुटकर डीलर-सप्लायर से कहा कि आप लोग ये बताएं कि किसी गांव या बस्ती में अचानक पानी की 25-30 बॉटल की रोजाना बिक्री बढ़ गई हो। पुलिस इस लाइन पर 8 महीने भटकती रही। तभी उन्हें मुंबई के बाहरी हिस्से में स्थित वर्सोवा गांव से खबर मिली कि पिछले कुछ दिन से एक आदमी गांव में एक झोपड़ मे रह रहा है। वह बाहर नहीं निकलता है। दुकानदार से ही पानी मंगवा लेता है। पुलिस ने गांव में मुखबिर तंत्र के जरिए तात्या की पहचान कराई। फिर अप्रैल 2018 की रात झोपड़े की घेराबंद कर उसे दबोच लिया।
13/09/2023



