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एसपी आफिस में पुलिसकर्मियों के खिलाफ बेनामी चिट्ठियां भेजता है “हेड कांस्टेबल” !

थानेदार- सिपाहियों की झूठी गुमनाम चिट्ठियां लिखने वाले की पहचान उजागर ! एसपी ऑफिस में कई दिन से आ रही हैं बेनामी चिट्ठियां

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सागर। एसपी ऑफिस में पदस्थ अमले के खिलाफ पिछले कुछ दिनों से बेनामी चिट्ठियां आ रही हैं। इनमें एक शाखा विशेष में पदस्थ निरीक्षक श्रेणी के पुलिस अधिकारी से लेकर शहर के मोतीनगर-कैंट थानों मेें पदस्थ सिपाही-हेड कॉन्सटेबिल की कार्यप्रणाली को लेकर गंभीर आरोपों का जिक्र रहता है। खास बात ये है कि शाखा विशेष के एक कर्मचारी को छोड़ शेष स्टाफ के बारे में कई गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं। इस मामले में ताजा जानकारी ये है कि इन चिट्ठियों को लिखने वाले की पहचान उजागर हो गई है! वरिष्ठ अफसर जल्द ही उसे दंडित कर सकते हैं। इन आधारहीन, झूठी शिकायतों वाली बताई जा रही चिट्ठियों से परेशान पुलिसकर्मियों का कहना है कि पहचाना गया पुलिसकर्मी जल्द ही ” जान की ” यानी नौकरी की अमान मांगता फिरेगा। इन पुलिस कर्मियों ने चिट्ठी भेजने वाले की पहचान फिलहाल गोपनीय रखी है। इशारों-इशारों में बताया है कि यह कारस्तानी चंद दिन पहले तक मोतीनगर थाने में पदस्थ रहे एक हेड कांस्टेबिल की है। जो वर्तमान में मकरोनिया थाने में पदस्थ है। करीब 7-8 साल पहले यह पुलिसकर्मी तत्कालीन सीएसपी की जीप चला चुका है। बाद में वह मोतीनगर पुलिस थाने पहुंच गया। इस पुलिसकर्मी के परिवार में अधिकांश पुलिस सेवा में हैं। जानकारी मिली है कि यह पुलिसकर्मी बड़ी चालाकी से प्रदेश के एक महानगर स्थित डाकखाने से चिट्ठियां एसपी के नाम पोस्ट कराता था। जांच कर रही टीम को चिट्ठी पोस्ट करने वाले के फोटो-वीडियो भी मिल गए हैं। चर्चा है कि खुद को कतिपय जनप्रतिनिधियों करीबी बताने वाला यह पुलिसकर्मी एसपी ऑफिस व उसके अधीन विभिन्न शाखाएं जैसे स्थापना, साइबर, आवक-जावक में अपना दबदबा बनाए रखने के लिए वहां पदस्थ कर्मचारियों को परेशान कर रहा है।

एसपी ऑफिस के पुराने घटनाक्रम को लेकर धमकाया

सूत्रों का कहना है कि पूर्व एसपी की पदस्थापना के दौरान हुए महिला संबंधी एक गंभीर अपराध के मामले में आरोपी से पूछतांछ को लेकर भी यह पुलिसकर्मी, कार्यालय में पदस्थ स्टाफ को ब्लैकमेल कर रहा था। वह अपनी चिट्ठियों में उक्त घटनाक्रम को तोड़-मरोड़कर ऐसे पेश कर रहा था जैसे आरोपी के साथ पुलिसकर्मियों ने कोई अन्याय किया हो। जबकि इस मामले में आरोपी के खिलाफ विधिवत एफआईआर की गई। एसपी ऑफिस में पदस्थ एक कर्मचारी का कहना है कि उक्त पुलिसकर्मी की कार्यप्रणाली सदैव विवादित रही है लेकिन वह संबंधित टीआई को प्रभाव में लेकर अफसरों के रडार पर आने से बचता रहा। लेकिन इस दफा वह बुरा फंसा है क्योंकि उसने पूर्व एसपी की कार्यप्रणाली को भी घेरे में लेने की कोशिश की है। जबकि वे और अधीनस्थ स्टाफ नियमानुसार पुलिसिंग कर रहे थे। कर्मचारी का कहना है कि इस पुलिसकर्मी के साथ दो लोग और हैं। जिनमेें से एक पीटीएस में तो दूसरा अभी भी शाखा विशेष में पदस्थ है। ये लोग  पुलिस की बड़ी मुहिम संबंधी सूचनाएं आपराधिक तत्वों को लीक करने के संदेही रहे हैं। पीटीएस में पदस्थ पुलिसकर्मी को पूर्व एसपी ने इसी शिकायत-संदेह के आधार पर ऑफिस से रवाना किया था। एसपी ऑफिस की लिपिकीय शाखा में पदस्थ एक कर्मचारी का कहना है कि चिट्ठी भेजने वाले पुलिसकर्मी की कार्यप्रणाली की बारीकी से जांच होना चाहिए। क्योंकि चर्चा है कि शहर के एक थाने में पदस्थ रहने के दौरान यह और इसके कुछ अन्य साथी गुमशुदगी, अपहरण, पुरानी दस्याबी आदि के नाम पर थाने से रवानगी डलवाकर देश के महानगरों में किक्रेट सट्टा चलाने वालों से चौथ वसूल करने जाते रहे हैं। 

03/07/2025 

 

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