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दमोह से भी टिकट के लिए प्रयासरत थीं सागर की नवनिर्वाचित सांसद डॉ. वानखेड़े

सागर। दिल्ली वाली सरकार के लिए सागर संसदीय क्षेत्र को नया जनप्रतिनिधि मिल गया है। भाजपा की वरिष्ठ नेत्री मकरोनिया निवासी डॉ. लता वानखेड़े ने प्रचंड जीत हासिल कर सांसद निर्वाचित हुई हैं। उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी चंद्रभूषणसिंह गुड्डू राजा को रिकॉर्ड 4 लाख 71 हजार 222  मतों से शिकस्त दी। उन्हें कुल 7  लाख 87 हजार 979 मत मिले। जबकि कांग्रेसी प्रत्याशी गुड्डू राजा को 3 लाख 16 हजार 757 वोट मिले। डॉ. वानखेड़े की यह जीत, सागर के संसदीय इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी जीत है। वर्ष 1995 से सक्रिय राजनीति कर रही डॉ. वानखेड़े की शुरुआत मकरोनिया ग्राम पंचायत के पंच के रूप में रही। जो पिछले महीनों में सांसद के टिकट तक पहुंच गई और वे सांसद बन भी गईं। एक खास बात और कि डॉ. लता ने अपनी चुनावी तैयारियों को केवल सागर संसदीय क्षेत्र तक सीमित नहीं रखा था। वे दमोह से भी टिकट के लिए प्रयासरत थीं। यह खुलासा उनके राजनीतिक बायोडाटा से हुआ है। जो जिला जनसंपर्क कार्यालय ने जारी किया है। डॉ. वानखेड़े सागर से दूसरी महिला सांसद हैं। उनके पहले 1960 के दशक में कांग्रेस के टिकट पर गोवा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सहोद्राबाई राय यहां से सांसद रहीं हैं।

बांग्लादेश में यूएनओ की कॉन्फ्रेंस में बतौर सरपंच शामिल हुईं

डॉ. लता वानखेड़े के राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1990 के दशक में शुरु हुई। विवाह के चंद वर्ष बाद ही पति नंदकिशोर गुड्डू वानखेड़े के सहयोग से मप्र की सबसे बड़ी ग्राम पंचायतों में से एक मकरोनिया की पंच चुनी गईं। इसके बाद वर्ष 2000 से 2015 तक वह इसी ग्राम पंचायत से लगातार सरपंच रहीं। इसी दौरान इन्होंने राजनीतिक के ककहरा को जमीनी तौर पर सीखा-समझा। नतीजा ये हुआ कि इनकी योग्यता को राष्ट्रीय स्तर पर पहचानते हुए साल 2011 में बांग्लादेश में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा आयोजित कॉन्फ्रेंस में इकलौती महिला सरपंच के रूप में शामिल होने का अवसर दिया गया। यह आयोजन राजनीति में महिलाओं की भागीदारी विषय पर हुआ था। इसके बाद वह चीन जाने वाले एक अध्ययनदल में भी शामिल रहीं। डॉ. वानखेड़े के जीवन का अगला एक-डेढ़ दशक उनके राजनीतिक उद्भव का रहा। इस दौरान वह मप्र राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी के महिला मोर्चा की प्रदेशाध्यक्ष से लेकर भाजपा की स्टार प्रचारक भी रहीं। उन्होंने वर्ष 2013  के मप्र विधानसभा चुनाव और 2014  के लोकसभा चुनाव में प्रदेश की विभिन्न सीटों पर भाजपा के पक्ष में सभाएं कीं।

स्मृति ईरानी की करीबी, लेकिन संसद में नहीं मिलेगा साथ

राष्ट्रीय राजनीति के पटल पर डॉ. लता वानखेड़े को पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं टेलीविजन अभिनेत्री रहीं स्मृति ईरानी का करीबी माना जाता है। ईरानी, जब भाजपा के महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष थीं। तब डॉ. वानखेड़े उनके संपर्क में आईं। इसके बाद जब स्मृति ईरानी अमेठी लोकसभा क्षेत्र से वर्ष 2014 में चुनाव लड़ीं तो डॉ. वानखेड़े उनके पक्ष में पार्टी संगठन का काम करने के लिए करीब एक पखवाड़े वहां रहीं। इसके बाद जब स्मृति ईरानी राज्यसभा के जरिए केंद्र सरकार में मंत्री बनी और वर्ष 2019 में राहुल गांधी को हराकर संसद पहुंची। तब भी डॉ. वानखेड़े से उनकी करीबी बनी रही। यह बात और इस दफा डॉ. लता संसद पहुंच रहीं हैं लेकिन उन्हें वहां ईरानी का साथ नहीं मिलेगा। स्मृति, अमेठी लोस क्षेत्र से चुनाव हार चुकी हैं। 

04/06/2024

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