कोरोनाकाल में पूरा परिवार क्वारंटीन था, पुलिस द्वारा सीलबंद घर में हुई थी लाखों रु. की चोरी, 4 साल बाद पुलिस केस के खात्मे पर आमादा
फरियादी सैन्यकर्मी ने न्यायालय में सहमति देने से किया इनकार

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सागर। कोरोनाकाल के साइड इफेक्ट अक्सर सामने आते रहते हैं। जो मानव स्वास्थ्य से लेकर समाज व कानून व्यवस्था पर इसके व्यापक असर को साबित करते हैं। इसी कड़ी में एक प्रकरण सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में हुई चोरी का है। जिसमें पुलिस ने जिला न्यायालय में खात्मा का प्रतिवेदन दिया। जबकि प्रभावित व्यक्ति ने इस पर सहमति देने के लिए इन्कार कर दिया।
यह प्रभावित व्यक्ति एक सैन्यकर्मी हैं। उनका कहना है कि मेरे उस मकान में चोरी हुई। जिसे पुलिस ने सीलबंद किया था। विस्तृत घटनाक्रम यूं है कि पथरिया जाट के लोधीपुरा टोला निवासी अनिल प्रजापति जम्मू काश्मीर में तैनात थे। इसी दौरान 13 जून 2020 को उसके पिता प्रह्लाद प्रजापति की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। जिसके चलते उन्हें बीएमसी में एडमिट कर दिया गया। वहीं पूरे परिवार को स्वामी विवेकानंद कॉलेज में क्वारंटीन कर पुलिस ने घर को सील बंद कर दिया था।
पिता का निधन, सूने घर को चोरों ने बनाया था निशाना
तीन दिन बाद उनका अस्पताल में निधन हो गया। तत्कालीन व्यवस्थानुसार उनका अंतिम संस्कार 17 जून को मोतीनगर श्मशान घाट पर किया गया। सैन्यकर्मी प्रजापति ने बताया कि परिवार पहले से ही एसवीएन कॉलेज में क्वारंटीन था। जबकि मैं, ढाना स्थित सैन्यबेस में रहने चला गया। इसी बीच 19 जून को मेरे चाचा के लड़के का फोन आया कि घर का सीलबंद ताला टूटा पड़ा है। पूरा सामान बिखरा है। मैंने सिविल लाइंस थाने में आकर रिपोर्ट कराई। अनिल प्रजापति का कहना था कि अज्ञात चोर सूने घर से सोने-चांदी के जेवरात व नकदी समेत करीब 16 लाख रु. का सामान ले गए थे।
चार साल हाथ पर हाथ धरे रहे, अब खात्मा लगवा रहे
अनिल प्रजापति का कहना है कि कुछ दिन पहले जिला न्यायालय से मुझे समन प्राप्त हुआ कि आपके प्रकरण में पुलिस ने खात्मा लगाने की अपील की है। मैंने इस बारे में अपने वकील पवन नन्होरिया से संपर्क किया। उन्होंने कोर्ट को अवगत कराया कि मेरे पक्षकार व उसके परिजनों की जीवन भर की बचत का पैसा, जेवरात व अन्य सामान चोरी हो गया। जिसकी बरामदगी के लिए पुलिस ने कोई ठोस प्रयास नहीं किए। उलटा वह हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। इस स्थिति में माननीय न्यायालय से अपील है कि इस केस में खात्मा नहीं लगाया जाए।
01/06/2024



