अपनी लग्न के 10 लाख रु. लौटाकर सीए ने लिखी ”नैतिकता” की बड़ी बैलेंस शीट

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सागर।शहर के एक युवा चार्टड एकाउन्टेंट (सीए) ने अपनी लग्न में आए 10 लाख रु. लौटाकर एक नई मिसाल पेश की है। शहर का चार्टड एकाउंटेंट जगत इन सीए के निर्णय को उनके जीवन में ” स्वयं की नैतिकता” की बड़ी बैलेंस शीट लिखना बता रहा है। यह बड़ी और प्रभावी पहल करने वाले सीए का नाम नीलेश लोधी निवासी परसोरिया है। पेशे से किसान गौरी शंकर लोधी के बेटे नीलेश की एक दिन पहले शनिवार शाम को रायसेन के सुल्तानगंज कस्बे से लग्न आई थी। नीलेश ने देखा कि होने वाली ससुराल से मंगेतर के भाई व रिश्तेदार लग्न में नकद 10 लाख रु. लेकर आए हैं। नीलेश ने इस बारे में अपने माता-पिता से बातचीत की और कहा कि मैं इस तरह के लेन-देन के सख्त खिलाफ हूं। मेरी नैतिकता, पुरुषार्थ इस बात को गवारा नहीं करता कि मैं यह राशि लूं। इसलिए आप लोग इसे लौटा दें। परिजन भी सहर्ष राजी हो गए।
नीलेश ने रस्म के तौर पर मात्र 101 रु. ही बतौर लग्न राशि के लिए। नीलेश के इस भाव को देख लग्न पढ़वाने आए पंडित जी ने भी अपनी दक्षिणा लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि, ऐसे युवा ही समाज में बदलाव लाएंगे। बोले कि, नीलेश के इस नैतिक बल को मैं भी नमन करता हूं।
साधारण किसान के बेटे हैं नीलेश, दहेज रहित विवाह का इरादा!
नीलेश लोधी के पिता साधारण किसान हैं। उनकी तीन संतान हैं। इनमें से नीलेश सबसे छोटे हैं। नीलेश की प्रारंभिक शिक्षा परसोरिया के सरस्वती शिशु मंदिर में हुई। इसके बाद की पूरी पढ़ाई रजाखेड़ी स्थित दीपक मेमोरियल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में हुई। यहां से उन्होंने कॉमर्स विषय लेकर 12 वीं पास की और ग्रेज्युएशन करते-करते सीए के लिए अहर्ता परीक्षा पास कर ली। वर्ष 2019 में डिग्री कम्पलीट करने के बाद वह सीए की प्राइवेट प्रेक्टिस करने लगे। नीलेश ने बताया कि मैं दहेज रहित विवाह का पक्षधर हूं। जिसकी शुरुआत मैंने लग्न राशि लौटाकर की। मैं नहीं चाहता कि विवाह के लिए कोई भी पक्ष खासकर लड़की पक्ष कर्ज के फेर में फंसे। दमोह में मेरी समाज के कुछ लोगों ने ऐसे उदाहरण पेश किए। उन्हीं से मुझे ऐसा करने की प्रेरणा मिली।
नीलेश ने नैतिकता को पढ़ा ही नहीं, आत्मसात भी किया
नीलेश के इस निर्णय को लेकर दीपक मेमोरियल सीनियर सेकेंडरी स्कूल के चेयरमैन ब्रज जायसवाल का कहना है कि विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा देना हमारा कर्तव्य है। जो मेधा संपन्न होते हैं, वे जीवन में उच्च पदों पर भी जाते हैं। लेकिन उन विद्यार्थियों को हम ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा, साहस, नैतिकता जैसे मानवीय गुण कितना सिखा पाए, यह नीलेश जैसे पूर्व छात्र साबित करते हैं।
मुझे गर्व है कि वह हमारी स्कूल के विद्यार्थी रहे। इससे पहले जायसवाल ने कहा कि चार्टर्ड अकाउंटेंसी का पेशा केवल वित्तीय आंकड़ों का प्रबंधन और कर सलाह देना मात्र नहीं है। यह उससे कहीं बढ़कर नैतिकता, ईमानदारी और विश्वसनीयता का पर्याय है। वह एक ऐसा व्यक्ति होता है जिस पर व्यापारिक समुदाय और आम जनता का अटूट विश्वास टिका होता है। उनका हर निर्णय, हर सलाह न केवल उनके ग्राहकों के वित्तीय हितों को प्रभावित करती है, बल्कि यह देश के वित्तीय स्वास्थ्य को भी प्रभावित करती है। नीलेश के पारिवारिक मित्र देवान्शु के पिता डीएसपी हिमांशु चौबे का कहना है कि, नीलेश द्वारा लग्न में मिली 10 लाख रु. राशि को लौटाना, उनके भीतर गहरी जड़ें जमा चुके नैतिक मूल्यों को दर्शाता है। यह दिखाता है कि उनके लिए धन से ऊपर सिद्धांत और कर्तव्यनिष्ठा है। यह घटना इस बात की पुष्टि करती है कि वे अपने पेशेवर जीवन में भी इन मूल्यों का पूर्णत: पालन करेंगे।
25/05/2025



