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मोटिवेशनल स्पीकर डॉ. विकास दिव्यकीर्ति ने की सागर के एक पिता की पहल की तारीफ

बेटे के 10वीं की परीक्षा में फेल होने पर पिता ने बैंड-बाजे से किया था स्वागत - वर्ष 2018 की इस घटना के जिक्र वाला ताजा वीडियो खूब हो रहा वायरल

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सागर। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स में रुचि रखने वाले अधिकांश लोग दिल्ली की दृष्टि आईएएस कोचिंग इंस्टीट्यूट के संचालक एवं मोटिवेशनल स्पीकर डॉ. विकास दिव्यकीर्ति को अवश्य पहचानते होंगे। उनके एक लेक्चर का वीडियो सागर समेत पूरे देश में जमकर वायरल हो रहा है। इस वीडियो की खासियत ये है कि डॉ. दिव्यकीर्ति ने इसमें सागर के एक पिता व उसके परिवार का जिक्र किया है। ये वो परिवार है, जिसने वर्ष 2018 में बेटे के कक्षा 10 वीं में फेल होने पर उसका बैंड-बाजा से स्वागत किया था। यह पहल उन्होंने बेटे को अवसाद में जाने से रोकने और उसका हौंसला बढ़ाने के लिए की थी। डॉ. दिव्यकीर्ति चैलेंज ऑफ पेरेन्टिग विषय पर बोल रहे थे।

दिव्यकीर्ति बोले इस घटना को जानने के बाद मैं, पूरे दिन खुश रहा था

डॉ. दिव्यकीर्ति का यह वीडियो करीब सप्ताह भर पुराना है। वे दिल्ली के एक लेक्चर हॉल में जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे हैं। सैकड़ों लोगों से खचाखच भरे हाल में डॉ. दिव्यकीर्ति बता रहे हैं कि पिछले 10-20 साल में मुझे जो सबसे अच्छा बाप लगा। वो मध्यप्रदेश के सागर जिले में रहता है। पेशे से वह कॉन्ट्रेक्टर है। साल 2018  में उन्हीं से जुड़ी एक खबर पढ़ी। जिसके बाद मैं, दिनभर खुश रहा। इस पिता का बेटा तत्कालीन मप्र बोर्ड की कक्षा 10 वीं की परीक्षा में फेल हो गया था।

 

पिता को डर सता रहा था कि मेरे बेटे के फेल होने पर उसके साथी दोस्त, पड़ोसी या अन्य बच्चों के पेरेंट्स चिढ़ाएंगे। इससे बेटे पर मानसिक दबाव आएगा। इससे निपटने के लिए उन्होंने रिजल्ट वाली शाम को पूरे मोहल्ले वालों को एक पार्टी दी। उन्हें मिठाई खिलाई। ढोल-नगाड़े बजवाकर जुलूस निकाला।

शहर के राजीव नगर में रहता है यह परिवार

डॉ. दिव्यकीर्ति ने जिस पिता-पुत्र का जिक्र किया है। वह शहर के तिली क्षेत्र में रहते थे। पिता का नाम सुरेश व्यास था। उस समय मीडिया से चर्चा में उन्होंने कहा था कि मेरा बेटा, 6 विषयों में से चार में फेल हो गया। मैं बच्चों के अवसाद में आकर आत्मघाती कदम उठाने की खबरों से परेशान था। जिसके बाद मैंने उसके फेल होने पर मोहल्ले में मिठाई बंटवाकर उसका हौंसला बढ़ाने की कोशिश की । मेरा यह प्रयोग सफल रहा। 

23/05/2024

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