हाई ब्लड प्रेशर को लेकर कुलपति की चिंता और 28 श्रोताओं की विकट भीड़!
डॉ.हरीसिंह गौर केंद्रीय विवि सागर में वर्ल्ड हायपर टेंशन डे पर व्याख्यान कार्यक्रम हुआ

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सागर। डॉ. हरीसिंह गौर केंद्रीय विवि सागर में शुक्रवार को वर्ल्ड हायपर टेंशन डे पर एक व्याख्यान कार्यक्रम हुआ। इसमें विशेषज्ञ वक्ताओंं के तौर पर बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के डॉ. अनुराग जैन, सिद्ध़-कान्हु मुर्मु विवि, दुमका झारखंड के मनोविज्ञान विभाग के डॉ. विनोदकुमार शर्मा को आमंत्रित किया गया था। यहां तक तो सब ठीक था। लेकिन जब व्याख्यान हुआ तो उसे सुनने के लिए महज 28-30 विद्यार्थी ही मौजूद थे। ग्रीष्मकालीन अवकाश की आड़ लेते हुए इसे छोड़ भी दें। तब भी इस व्याख्यान का एक पार्ट ऐसा है। जिस पर चर्चा होना ही चाहिए। यह पार्ट कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता का हाई ब्लड प्रेशर पर व्याख्यान वाला है। जिसमें वह किसी एमडी मेडिसिन की तरह बोलीं। ये बात और है कि उन्हें लाइव सुनने वाले विद्यार्थी में कुछ ऊंघ रहे थे तो कुछ मोबाइल में तल्लीन थे।देरशाम इस लेक्चर का कवरेज, प्रेस के लिए जारी किया गया। उसमें भी कम से कम 200 शब्दों का कवरेज सीधे कुलपति डॉ. गुप्ता के नाम था।
जबकि विषय विशेषज्ञों में से एकाध को छोड़कर बाकी सभी को चार-चार लाइन में सीमित कर दिया गया था। विषय के कंटेन्ट को देखते हुए यह आयोजन विवि के किसी बड़े सेमिनार हॉल होना चाहिए था लेकिन विवि के मनोविज्ञान विभाग के एक साधारण के मीटिंग हॉल में निपटा दिया गया। क्या ये अच्छा नहीं होता कि हर दूसरे-तीसरे व्यक्ति से जुड़ी इस समस्या के बारे में अधिक से अधिक व्यक्तियों को शिक्षित व सावधान किया जाता। लेकिन बात वहीं आ जाती है कि विवि के मुखिया व उनके खास दरबारी, गैर-अकादमिक यानी शहरवासियों को देहाती भीड़ से अधिक नहीं समझते!
जैसे किसी किताब को देख हाई बीपी पर चिंता जताई जा रही हो
हायपर टेंशन डे था इसलिए सारी बात ब्लड प्रेशर पर ही होना थी। शुरुआत मनोविज्ञान विभाग के समन्वयक डॉ. जीके तिवारी ने की। उन्होंने आयोजन के विषय ”अपने रक्तचाप को सटीक रूप से मापें, इसे नियंत्रित करें और लंबे समय तक जीवित रहे” पर चंद शब्दों में प्रकाश डाला। इसके बाद विवि के अस्पताल में पदस्थ डॉ. भूपेंद्र पटेल ने इस समस्या पर अपने सीमित विचार रखे। पूरे आयोजन को देख ऐसा लगा। जैसे स्वयं को विषय विशेषज्ञ साबित करने के लिए कतिपय व्याख्याता किताब से देख-देखकर ब्लड प्रेशर या हायपरटेंशन के बारे में अपना ज्ञान बघार रहे हों। संभव है कि पाठकों को इस खबर को पढ़ने के बाद उनकी पहचान हो जाए। बहरहाल कुलपति डॉ. गुप्ता ने ब्लड प्रेशर के प्रकार से लेकर उसके कारण, लक्षण, होनेे वाली बीमारी या समस्याएं, नियंत्रित करने के तरीके आदि पर व्याख्यान दिया। जिसके कुछ अंश इस प्रकार हैं, उन्होंने कहा कि उच्च रक्तचाप का कोई लक्षण नहीं होता लेकिन समय के साथ, यदि इसका इलाज न हो, तो इससे स्वास्थ्य संबंधी कठिनाइयां, जैसे हृदयरोग और स्ट्रोक आदि हो सकते हैं, इसलिए इसके प्रति लोगों को जागरूक होना चाहिए , उच्च रक्तचाप वाले अधिकांश लोगों को कोई लक्षण महसूस नहीं होता है। बहुत उच्च रक्तचाप के कारण सिरदर्द, धुंधली दृष्टि, सीने में दर्द और अन्य लक्षण हो सकते हैं।आपके रक्तचाप की जाँच यह जानने का सबसे अच्छा तरीका है कि आपको उच्च रक्तचाप है या नहीं। यदि उच्च रक्तचाप का इलाज नहीं किया जाता है, तो यह किडनी रोग, हृदय रोग और स्ट्रोक जैसी अन्य स्वास्थ्य स्थितियों का कारण बन सकता है।कई बार लोगो में सामान्य सिरदर्द, छाती में दर्द, चक्कर आना,सांस लेने में दिक्क्त, जी मिचलाना,उल्टी करना,धुंधली दृष्टि या अन्य दृष्टि परिवर्तन,चिंता,भ्रम,कानों में गूंजना आदि अनुभव होते है लेकिन हम सभी इन्हें नजर अंदाज करते रहते है। अचानक गंभीर सिरदर्द या नकसीर का अनुभव करने वाले किसी को भी अपने रक्तचाप की जांच करानी चाहिए।
हाई ब्लड प्रेशर स्ट्रोक और दिल के दौरे का कारण बन सकता है
बीएमसी के डॉ. अनुराग जैन ने कहा कि, उच्च रक्तचाप तब होता है जब आपकी धमनियों की दीवारों पर रक्त का दबाव लगातार बहुत अधिक होता है। यह समय के साथ आपकी धमनियों को नुकसान पहुंचाता है और दिल का दौरा और स्ट्रोक जैसी गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकता है। अगर आपका ब्लड प्रेशर 90/60 या इससे कम है तो इस स्थिति को लो ब्लड प्रेशर माना जाता है।अगर आपका ब्लड प्रेशर 90/60 से ज्यादा और 120/80 से कम है तो आपकी स्थिति स्वस्थ और आदर्श मानी जाती है।यदि आपका रक्तचाप 120/80 और 140/90 के बीच है, तो इस स्थिति को सामान्य रक्तचाप माना जाता है।अगर आपका ब्लड प्रेशर 140/90 और इससे ज्यादा है तो इसे हाई ब्लड प्रेशर माना जाता है “उच्च रक्तचाप” इस सामान्य स्थिति के लिए दूसरा शब्द है।स्वास्थ्य सेवा प्रदाता उच्च रक्तचाप को “साइलेंट किलर” कहते हैं क्योंकि आमतौर पर आपके पास कोई लक्षण नहीं होते हैं। तो, हो सकता है कि आपको पता न हो कि कुछ भी गलत है, लेकिन क्षति अभी भी आपके शरीर के भीतर हो रही है।
शराब, सिगरेट और ओवर वेट से बचना आवश्यक: डॉ. शर्मा
सिद्धू कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय, दुमका, झारखंड के मनोविज्ञान विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विनोदकुमार शर्मा ने कहा कि पौष्टिक भोजन खाएं अपने रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद के लिए, आपको खाने में सोडियम (नमक) की मात्रा को सीमित करना चाहिए। अपने आहार में पोटेशियम की मात्रा बढ़ानी चाहिए। नियमित रूप से व्यायाम करें व्यायाम करके आप स्वस्थ वजन रख सकते हैं और रक्तचाप कम कर सकते हैं। अधिक वजन होने से उच्च रक्तचाप का खतरा बढ़ जाता है। शराब से बचें बहुत अधिक शराब पीने से आपका रक्तचाप बढ़ सकता है। इसमें अतिरिक्त कैलोरी भी शामिल होती है। कॉफी में मौजूद कैफीन और सिगरेट पीने से रक्तचाप बढ़ता है। जिससे आपको दिल के दौरे और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। कुछ इसी तरह की मिलती-जुलती बातें सोशल साइंस डीन प्रो. दिवाकरसिंह राजपूत ने कही। आयोजन में विभागाध्यक्ष प्रोफ़ेसर अम्बिका दत्त शर्मा,डॉ.शारदा विश्वकर्मा, डॉ.डी.एन. शर्मा ,शोधार्थी अर्चना सिंह ,अर्चना चौधरी,अनुराग शुक्ल, अमित मकोरिया एवं यूजी-पीजी क्लासेस के सभी विद्यार्थियों के मौजूद रहने का दावा किया गया है।
18/05/2024



