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नशीला सीरप बेचने के आरोपी पिता-पुत्र को जमानत मिली, एसपी बोले मेडिकल स्टोर्स की रेंडम जांच होती रहेगी

अगस्त 2024 से केंद्रीय जेल रीवा में थे बंद, रीवा पुलिस ने जब्त की थी कफ सीरप की 72 हजार बॉटल

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सागर। केंद्रीय जेल रीवा में बंद सागर निवासी नशीले कफ सीरप के अवैध कारोबार के आरोपी पिता-पुत्र अरविंद जैन और सिट्टू उर्फ सिटीजन जैन को हाईकोर्ट की ग्वालियर बैंच से जमानत मिलने की खबर है। ये दोनों अगस्त 2024 से केंद्रीय जेल रीवा में बंद थे। 7 महीने पहले रीवा जिले के चोरहट थानेे के तत्कालीन थाना प्रभारी श्रृंगेशसिंह राजपूत ने अपनी टीम के साथ विजय टॉकीज के पास स्थित अरविंद जैन के गोडाउन पर छापामार कार्रवाई की थी। जहां से उन्होंने ऑर्नेक्स नाम के सीरप की 72 हजार शीशियां जब्त की थीं। माता मढ़िया, विजय टॉकीज रोड पर ये लोग आनंद मेडिकल स्टोर के नाम से फुटकर दवाएं भी बेचते रहे हैं। इस काले धंधे का सरगना रीवा का एक शातिर तस्कर बुच्ची साहू था। जो पुलिस के हाथ नहीं आया। तस्करी की इस चेन में शामिल कुल 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। 

एसपी बोले, मीटिंग हो चुकी है, दवा दुकानों की रेंडम जांच की जाएगी

स्थानीय एसपी विकास साहवाल ने मेडिकल स्टोर्स से नशीली बेचे जाने के संबंध में गंभीरता जताई है। आचरण से चर्चा में उन्होंने बताया कि कुछ दिनों पहले कलेक्टर की अध्यक्षता वाली एनकॉड कमेटी की बैठक में इन पिता-पुत्र से जब्त हुई नशीली दवा का मामला भी उठा था। तब ये दोनों जेल में थे। चूंकि अब उनके जमानत पर बाहर आने की जानकारी है, इसलिए आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। इससे पहले उन्होंने बताया कि एनकॉड कमेटी ने निर्णय लिया कि सभी दवा दुकानों की रेंडम जांच की जाएगी। उनके स्टॉक में उपलब्ध दवा की मात्रा एवं बिक्री संबंधी आंकड़ों का मिलान किया जाएगा। किसी भी तरह की अनियमितता मिलने पर दवा दुकान का लाइसेंस निरस्त करने से लेकर अन्य कानूनी कार्रवाइयां की जाएंगी। बता दें कि एनकॉड में कलेक्टर-एसपी के अलावा सीएमएचओ, जिला आबकारी अधिकारी, ड्रग इंस्पेक्टर, खाद्य सुरक्षाधिकारी समेत अन्य अधिकारी शामिल रहते हैं।

नशीली दवा की तस्करी में आजीवन कारावास का प्रावधान

रीवा की पुलिस को पिता-पुत्र अरविंद जैन व सिटीजन जैन के बैंक खातों में 6 करोड़ रु. से अधिक का लेन-देन भी मिला था। पुलिस इन पिता-पुत्र तक रीवा में मिली इन विंग्स बायोटेक, हिमाचल प्रदेश के इस ऑनरेक्स कफ सीरप की शीशियों पर दर्ज ओएनटीएस नंबर के जरिए पहुंची थी। पुलिस ने मालूम किया कि यह बैच नंबर सागर में अरविंद-सिटीजन की दवा फर्म टाटा फार्मा को सप्लाई किया गया है। जिसके बाद पुलिस की एक टीम सागर आई और यह बड़ी खेप जब्त कर पिता-पुत्र को गिरफ्तार कर लिया था। तत्कालीन विवेचनाधिकारी राजपूत ने बताया था कि एनडीपीएस एक्ट में अगर कफ सीरप की 11 से अधिक शीशियां अवैध रूप में मिलती हैं तो संबंधित व्यक्ति को 10 साल तक और 300 से अधिक शीशियां मिले तो आरोपी को आजीवन कारावास की सजा हो सकती है।

कटरबाज करते हैं सीरप और टेबलेट का सेवन

सागर में करीब साल भर पहले तक कटरबाजों का बड़ा आतंक रहा। महीना-15 दिन में नाबालिग लड़कों द्वारा कटरबाजी की खबरें आती रहती थीं। ये किशोर नशे में इस कदर गाफिल रहते थे कि वह आम राहगीरों को भी जख्मी करते निकल जाते थे। लेकिन पिछले कुछ महीनों से इस तरह की घटनाओं में कमी देखी गई। इसकी मुख्य वजह क्या रही ? यह पुलिस के लिए शोध का विषय है। सूत्रों के अनुसार कतिपय मेडिकल स्टोर संचालक ही इन कटरबाज लड़कों को नशे की गोली टेन या अन्य कफ सीरप जैसे ऑर्नेक्स, फेंंसीड्रिल आदि अवैध रूप से बेचते रहते थे। जिसके बाद ये वारदातें करते थे।   

01/04/2025

 

 

 

 

 

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