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शराब ठेकेदारों के सिंडिकेट ने ठेका नहीं होने दिया, सहायक आबकारी आयुक्त निलंबित

कार्रवाई: दो साल से काम कर रहा था सिंडिकेट, मिलीभगत से ओवर प्राइसिंग कर करोड़ों वसूले थे

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जबलपुर। शराब ठेकेदारों का सिडिकेट, सरकार और प्रशासन पर इस कदर भारी पड़ रहा है कि उसने शराब दुकानों का ठेका नहीं होने दिया। सांठ-गांठ उजागर होने पर सरकार ने जिले के सहायक आबकारी आयुक्त  रविंद्र मानिकपुरी को निलंबित कर दिया है। प्रभार सागर के सहायक आयुक्त दीपक अवस्थी को सौंपा गया है।

निलंबित अधिकारी रविंद्र मानिकपुरी

धड़ल्ले से ओवर रेट शराब बिकी, आबकारी की मिलीभगत का संदेह!                         दरअसल, यह सिंडिकेट जबलपुर में दो साल से काम कर रहा था। जिसने मिलीभगत से शराब की ओवर प्राइसिंग कर करोड़ों रुपर कमाए थे। खुलासा होने पर ईओडब्ल्यू ने छापे की कार्रवाई कर अधिक दाम वसूलने पर चार शराब ठेकेदारों के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। लेकिन आबकारी विभाग इस पर चुप्पी साधे रहा। शिकायतों पर भी कोई कार्रवाई नहीं की। इसी सांठ-गांठ के चलते शराब ठेकेदारों ने मिलीभगत कर 9 मार्च को पहली नीलामी में शराब दुकानों का ठेका नहीं होने दिया। जिले में 143 कम्पोजिट शराब दुकानों में से एक के लिए भी टेंडर नहीं डाले गए। इस झटके के बाद सरकार ने रिपोर्ट ली तो पता चला कि इस सांठ-गांठ में आबकारी विभाग का अमला भी शामिल है। लिहाजा कार्रवाई की शुरुआत जिला आबकारी अधिकारी मानिकपुरी से शुरु की गई। जिन्हें सस्पेंड कर आबकारी आयुक्त कार्यालय ग्वालियर अटैच किया गया है। उनकी जगह सागर के सहायक आबकारी आयुक्त दीपक अवस्थी जबलपुर की जिम्मेदारी भी संभालेंगे।

अपनी शर्त पर ठेका चाहते हैं ठेकेदार

दो साल तक मनमर्जी से शराब दुकान चलाते हुए एमआरपी से भी ऊंचे दाम पर शराब का कारोबार करने वाले ठेकेदारों ने ईओडब्ल्यू की कार्रवाई के बाद भी अपनी हरकतें नहीं रोकी थी। बल्कि उल्टे शहर के साथ पूरे जिले के ठेकेदारों को सिंडिकेट में शामिल कर ग्राहकों से  करोड़ों रुपए अतिरिक्त वसूले गए। इसके बावजूद आबकारी विभाग ने किसी भी ठेकेदार पर कोई कार्रवाई नहीं की थी। जिसका असर यह हुआ कि ठेकेदार अपनी शर्त पर ठेके लेने के लिए एक राय होकर टेंडर प्रक्रिया का अघोषित बहिष्कार कर दिया। ताकि शासन-प्रशासन मजबूर होकर कम दर पर  उन्हें ठेके आवंटित कर दे।

939 करोड़ रिजर्व प्राइस, ई-टेंडर की तारीख निकली

सरकार ने शराब ठेकों के लिए 939 करोड़ रुपए का रिजर्व प्राइस रखा है। जो बीते वित्तीय वर्ष से करीब 20 फीसदी अधिक है। जबलपुर जिले में शराब ठेकों के लिए 4 समूह बनाए गए हैं। जिनमें 143 कंपोजिट शराब दुकानें संचालित होती है।नवीनीकरण, लॉटरी और ई टेंडर की प्रक्रिया की तिथि निकल चुकी है।

दो साल पहले Eow ने स्टिंग कर पकड़ी थी ओवर रेट

वर्ष 2023 में ईओडब्ल्यू ने अधिक दाम पर शराब बेचने पर धारा 420, 120 बी धोखाधड़ी और अपराधिक षड्यंत्र की तहत मामला दर्ज किया था Eow ने एक स्टिंग ऑपरेशन कर बिलहरी शराब दुकान के ठेकेदार मेसर्स आकर्ष जायसवाल, गैरिसन ग्राउंड सदर की मां नर्मदा एसोसिएट, मालवीय चौक की मेसर्स संदीप यादव, रानीताल चौक की नरेंद्र कुमार रजक, शारदा चौक की अमन जायसवाल की फर्म के संचालकों खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। ईओडब्ल्यू की टीम ने जहां- जहां से शराब खरीदी थी वहां पर यूपीआई से पेमेंट किया था। तत्कालीन उप पुलिस अधीक्षक मनजीत सिंह के मुताबिक टीम में नगरीय विकास एवं आवास, जिला उद्योग एवं व्यापार केंद्र के अधिकारी शामिल थे।

12/03/2025

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