शादी-ब्याह, मौसम नहीं, सियासी वजहें हैं वोटिंग घटने की

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सागर। लोकसभा चुनाव – 2024 में मप्र में सत्ताधारी BJP नेताओं के कुर्तों से ज्यादा उनके माथे पर सलवटें हैं। कारण है घटता वोटिंग परसेन्टेज ! ये तब के हालात हैं जब पहले चरण में हुई कम वोटिंग के बाद पार्टी ने कार्यकर्ता पदाधिकारियों को स्पष्ट रूप से अपनी चिंता जता दी थी। जिसकी गंभीरता का लेविल इतने से समझा जा सकता है कि PM मोदी 4 दिन पहले सागर आए तो उन्होंने एक साधारण कार्यकर्ता से इसका कारण पूछ लिया था। इसके बावजूद पार्टीजन समझ नहीं पाए और दूसरे चरण में वोटिंग परसेन्ट बुरी तरह से गिर गया। इधर जिम्मेदार भाजपाई इस चूक के लिए मौसम व शादी-ब्याह को जिम्मेदार बता रहे हैं। जबकि इसका मुख्य कारण इंटरनल पॉलिटिक्स और महिलाओं का गुस्सा है !
पीएम की चिंता के बावजूद कम वोटिंग
में पहले चरण में 6 सीट पर हुए चुनाव में करीब 68% वोटिंग हुई। दूसरे चरण में फिर 6 सीट पर वोट गिरे तो प्रतिशत और भी नीचे आ गया। शुक्रवार को इन 6 सीट ( दमोह, खजुराहो, टीकमगढ़, रीवा, होशंगाबाद और सतना) में मतदान का औसत 59% रहा।उपरोक्त 6 संसदीय क्षेत्र में रीवा के बाद सबसे कम दमोह में ( 56.48%) वोटिंग हुई।
सीधी बात….. मंत्री नहीं बनाने की नाराजगी ?
दमोह लोस क्षेत्र के रहली व दमोह से क्रमशः गोपाल भार्गव और जयंत मलैया राज्य सरकार के केबिनेट में एंट्री के दावेदार थे लेकिन चांस नहीं मिला। नतीजा ये हुआ कि मतदान का प्रतिशत, विस चुनाव – 2023 के मुकाबले काफी घट गया। भार्गव के गढ़ रहली में करीब 30 प्रतिशत कम वोटिंग हुई। विस चुनाव में यहां करीब 80 % मतदान हुआ था। जबकि हालिया वोटिंग में यह घटकर ये 50% + रह गया। इसी तरह मलैया के दमोह में कल 58 % वोट पड़े। जबकि बीते विधानसभा चुनाव में यहां करीब 76% वोटिंग हुई थी। मतलब 5 महीने में यहां भी 18% मतदान घट गया। चर्चा है कि इन नेताओं ने अपने तई कोशिशें तो की, लेकिन सत्ता के करीब रहने की लत लगा चुके छोटे- मंझोले कार्यकर्ता- पदाधिकारियों ने दिलचस्पी नहीं ली। तुर्रा ये कि गुरु, बॉस, भैया को सम्मान नहीं मिल रहा इसलिए हम लोग भी प्रदेश पार्टी- संगठन को सबक सिखाना चाहते हैं। इसलिए वोटिंग बढ़ाने में रुचि नहीं ली।
महिलाओं की अरुचि को “मामा” से ही जोड़ें !
चुनावों में महिलाएं राजनीतिक दलों का सॉफ्ट और श्योर टारगेट होती हैं। लेकिन इस चुनाव में उन्होंने ने भी गच्चा दे दिया। लोस चुनाव- 2024 के मतदान में महिलाओं की 11 प्रतिशत+ नीचे आ गई। महिलाओं का कहना है कि वे लाड़ली बहना योजना के प्रणेता यानी पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सनाकेदार विदाई वे अब तक भूली हैं। ये बात और है कि वर्तमान सीएम डॉ. मोहन यादव समय पर लाड़ली बहना की किस्तें जारी कर रहे हैं। वे इस योजना को कण्टीन्यु रखने का भी कई बार बोल भी चुके हैं।
मलैया-भार्गव चूके, भूपेंद्रसिंह- गोविंदसिंह के लिए बड़ी चुनौती !
गिरते मतदान प्रतिशत को देखते हुए भाजपा के अघोषित सुप्रीमो अमित शाह ने मौजूदा मंत्रियों को खुल्ली धमकी और विधायकों को ऑफर दिया है। शाह का कहना है कि, जिन मंत्रियों के क्षेत्र में मतदान प्रतिशत कम होगा रहेगा। उनकी छुट्टी कर दी जाएगी। जबकि जिन विधायकों के क्षेत्र में अच्छी वोटिंग होगी। उन्हें मंत्री बनाएंगे। इस लिहाज से सागर से इकलौते मंत्री गोविंदसिंह राजपूत के सामने विकट हालात हो सकते हैं। उन्हें सुरखी विस क्षेत्र में बढ़-चढ़ कर मतदान कराना ही होगा। यही समर्पण भाव पूर्व मंत्री भूपेंद्रसिंह को भी जताना पड़ेगा। वरना उनकी केबिनेट में वापसी जाने कब तक के लिए टल जाए। वरिष्ठ विधायक शैलेन्द्र जैन (सागर) और प्रदीप लारिया (नरयावली) के लिए भी यह एक बड़ा अवसर है। इधर अमित शाह की इस ताजा राजनीतिक सौदेबाजी को जानने के बाद पूर्व मंत्री एवं विधायकद्वय गोपाल भार्गव और जयंत मलैया खुद को ठगा सा महसूस कर सकते हैं।
27/04/2024



