बाबा साहब की जयंती कल और विवि में अस्तित्व के लिए जूझती अंबेडकर पीठ
छुट्टी और चुनाव ड्यूटी की आड़ लेकर औपचारिक सा आयोजन आज

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सागर। देश की संविधान निर्माता समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की रविवार को जयंती है। लेकिन डॉ. हरीसिंह गौर केंद्रीय विवि, सागर में कोई विशेष आयोजन नहीं हो रहा। जबकि यहां साल 2016 में बड़े जोर-शोर से अंबेडकर पीठ की स्थापना की गई थी। तब दावे किए गए थे कि इस पीठ के जरिए विवि का अकादमिक परिवार डॉ. अंबेडकर पर गहन अध्ययन, शोध, वैचारिक संगोष्ठियां आयोजन कराएगा। लेकिन चंद साल के भीतर ही यह केवल नाम की पीठ बनके रह गई। उलटा इसके नाम से आए बजट का भी बंदरबांट कर लिया गया। नतीजा ये हुआ कि इसके चेयर प्रोफेसर यूपी के प्रो. किशन यादव तीन महीने बाद ही इस्तीफा देकर चले गए। एक अन्य असिस्टेंट प्रोफेसर देवेंद्र विश्वकर्मा को एक साल से वेतन नहीं मिला है। इसी कड़ी में एक और उदाहरण ये है कि विवि के सालाना कैलेण्डर में डॉ. भीम राव अंबेडकर जी की जयंती का अप्रैल वाले पन्ने पर कोई जिक्र ही नहीं है। इस पन्ने पर ईद, रामनवमी वगैरह-वगैरह का जिक्र भर है।
25-50 सीट वाले कक्ष में कराया जा रहा ऑनलाइन आयोजन
अंबेडकर पीठ के तत्वावधान में पूर्व में विवि में दो-एक उल्लेखनीय आयोजन स्वर्ण जयंती सभागार में हुए। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इन आयोजनों का दायरा सिमटता चला गया। स्थिति ये हो गई है कि इस दफा अंबेडकर जयंती वाला कार्यक्रम कुल सचिव के ऑफिस में बने समिति कक्ष में कराया जा रहा है। जिसमें पंडित रविशंकर शुक्ल विवि रायपुर के प्रो. रविंद्र ब्राह्मïे मुख्य वक्ता के रूप में ऑनलाइन मौजूद रहेंगे। विवि सूत्रों के अनुसार जिस स्थान पर ये आयोजन हो रहा है। वहां 25-50 से अधिक लोग नहीं बैठ सकते हैं। इसके अलावा इस आयोजन के बारे में विद्यार्थियों तो ठीक विवि के ही कई शिक्षकों को जानकारी नहीं है।
डॉ. अंबेडकर के नाम पर मिली ग्रांट कहां खर्च कर दी? : प्रो. यादव
डॉ. अंबेडकर की नाम पर बनी यह देश की प्रेस्टीजियस चेयर है। लेकिन विवि में इसके नाम पर सिर्फ आर्थिक अनियमितताएं भर हुई हैं। यह कहना है इस चेयर को छोड़ चुके प्रोफेसर डॉ. किशन यादव का। उन्होंने बताया कि इस चेयर के लिए केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने अंबेडकर फाउंडेशन के जरिए करीब 8 लाख रु. की ग्रांट दी थी। बाद में जानकारी मिली कि इस ग्रांट को तत्कालीन चेयर पर्सन और समाज शास्त्र विभाग के एसोसिएट प्रो. कालीनाथ झा और तत्कालीन प्रभारी कुल सचिव डॉ. संतोष सोहगोरा ने खर्च कर डाला। मैंने कार्यभार संभालने के बाद इस ग्रांट के बारे में इन दोनों से पूछताछ की ताकि अपना व अन्य स्टाफ का वेतन, आयोजन आदि करा सकूं। जवाब में डॉ. झा व सोहगोरा चुप्पी साध गए। थक-हारकर मैंने इस बारे में तत्कालीन कुलपति समेत अन्य से शिकायत की। तब भी कोई असर नहीं पड़ा तो मैंने इस मामले को विधानसभा में उठवानेे की बात कही। तब कहीं ये लोग कुछ सक्रिय हुए और आनन-फानन में पीठ के खाते में 40 हजार रु. की मामूली रकम जमा करा दी। हालांकि वहां के हालात इतने खराब हो चुके थे कि मैंने विवि में रुकना ठीक नहीं समझा और पीठ से इस्तीफा देने में भलाई समझी।
चुनाव ड्यूटी के कारण स्थिति बनी, बाद में आयोजन कराएंगे
आचरण ने इस मामले में विवि का पक्ष जाना। जवाब में पीआरओ डॉ. विवेक जायसवाल ने कहा कि डॉ. अंबेडकर को लेकर विवि प्रशासन पूर्णत: संवेदनशील है। लेकिन इस दफा बड़ी संख्या में शिक्षकों के चुनाव प्रशिक्षण, पीएचडी की प्रवेश परीक्षा होने के कारण अंबेडकर जयंती का आयोजन गौर समिति कक्ष में रखा गया है। आयोजन छोटा होने से उनका योगदान कम नहीं हो सकता। अंबेडकर पीठ को मिली ग्रांट के बारे में सीधे तौर पर कुछ नहीं कहा सकता। जानकारी मिली है कि इस खर्च का ब्योरा केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्रालय को भेजा रहा है ताकि दोबारा ग्रांट मिल सके और पीठ की गतिविधियां सुचारू ढंग से चल सकें।
12/04/2024



