तिराहा-चौराहा पर इसलिए अलाव नहीं जल रहे क्योंकि हवा शुद्ध रखनी है!
सागर शहर को राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एन-केप)के लिए किया गया है चिन्हित

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सागर। शहर में कड़ाके की ठंड का दौर शुरु हो गया है। मौसम विज्ञानियों का ताजा दावा है कि इस दफा पारा बहुत नीचे जा सकता है। परंपरा के अनुसार इस समय तक नगर निगम को शहर के विभिन्न तिराहा-चौराहा, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, बाजार, सरकारी अस्पताल समेत कई स्थानों पर अलाव जलवाना शुरु कर देना चाहिए थे। लेकिन इस दफा नगर निगम ये सब करने के मूड में नहीं है। सागरवाणी से हुई चर्चा के अनुसार नगर निगम कमिश्नर राजकुमार खत्री का कहना है कि सागर को देश के उन 131 शहर में शामिल किया गया है। जहां एन-केप यानी नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम लागू है। जिसका मुख्य लक्ष्य शहर की वायु की शुद्धता के स्तर को और बेहतर करना है। अगर अलाव जलाए जाते हैं तो वायु की शुद्धता के मानक गड़बड़ा सकते हैं। हालांकि कमिश्नर खत्री का यह भी कहना है कि बेघर लोगों के जीवन की भी बात है। इसलिए वह इस मामले में कोई वैकल्पिक निर्णय लेंगे।
खुले में सोने वालों के लिए नहीं मिल रहा सुकून
अलाव नहीं जलने के कारण सबसे ज्यादा परेशानी उन लोगों को है। जो आवासहीन हैं। सड़क पर ही जीवन गुजारते हैं। इनमें गरीब, साधनहीन, मजदूर और मानसिक बीमार समेत अन्य लोग शामिल हैं। शहर के बस स्टैंड से लेकर मुख्य बाजार और रेलवे स्टेशन पर ये लोग जहां-तहां ठिठुरते दिख जाएंगे। कतिपय समाजसेवी उन्हें कंबल, भोजन आदि तो उपलब्ध करा रहे हैं। लेकिन उनसे इस कड़ाके की ठंड में गुजर-बसर मुश्किल हो रही है। ऐसे में रह-रहकर लोगों की जुबान पर एक ही विकल्प आ रहा है कि नगर निगम नहीं तो कम से कम समाजसेवी ही जगह-जगह अलाव जलवाना शुरु कर दें। कम से कम किसी व्यक्ति की ठंड की वजह से जान पर तो संकट नहीं आएगा।
हिमाचल-कश्मीर में बर्फवारी, पारा 8.9 पर आया
मौसम विभाग के ताजा पूर्वानुमान के अनुसार, 10 दिसंबर से 14 दिसंबर के बीच मप्र में शीत लहर के दस्तक देने की आशंका है। जिसका अंदाजा मौसम के गिरते पारे से लगाया जा सकता है। मौसम विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार बुधवार को सागर का न्यूनतम तापमान 8.9 डिग्री सेल्सियस है। जो सामान्य से 5 डिग्री सेल्सियस कम है। अधिकतम तापमान 24.4 है ये भी सामान्य से 3 डिग्री सेल्सियस कम है। पूर्वानुमान के अनुसार,हिमाचल प्रदेश व जम्मू-काश्मीर में हो रही बर्फबारी की वजह से पूरे उत्तर भारत में मौसम और अधिक ठंडा हो चला है।
पश्चिमी विक्षोभ के असर से प्रदेश में बर्फीली हवाएं आएंगी। जिनकी वजह से भोपाल-इंदौर समेत पूरे प्रदेश में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस तक पारा गिर जाएगा। मौसम विभाग के अनुसार, 15 दिसंबर तक मौसम में ऐसा ही उतार-चढ़ाव रहेगा। कभी तेज ठंड, कभी बारिश तो कभी बादल छाए रहेंगे।
कड़ाके की ठंड का दौर 20 दिसंबर से शुरू होगा, जो जनवरी तक बना रहेगा। इन्हीं 40 दिनों में 20 से 22 दिन कोल्ड वेव यानी सर्द हवाओं की भी स्थिति रह सकती है। सबसे ज्यादा ठंड उज्जैन, ग्वालियर-चंबल संभाग में रहेगी। वजह यहां बर्फीली हवाएं सीधे आना है।
12/12/2024



