मेडिकल स्टोरर्स से खत्म हुए स्टेयरॉयड्स, सैन्य भर्ती में आए युवाओं ने खरीदे!

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सागर। महार रेजीमेंट सेंटर में चल रही 108 टीए बटालियन की भर्ती में आए कतिपय युवा स्टेयराइड्स का उपयोग कर दौड़ रहे हैं। यह खुलासा सेना ने नहीं, शहर के कुछ जागरुक फार्मासिस्ट व दवा व्यवसायियों ने किया है।
उनका कहना है कि शहर के सिविल लाइंस से लेकर कटरा व सदर बाजार तक के मेडिकल स्टोर्स से स्टेयराइड्स वाली दवा व इंजेक्शन खत्म हो चुके हैं। जिम्मेदार अधिकारी चाहें तो इस तथ्य की पड़ताल थोक व फुटकर मेडिकल स्टोर्स का स्टॉक को देखकर कर सकते हैं।
वर्तमान में अधिकांश दुकानों में यह दवाएं खत्म हैं। जानकारी के अनुसार यूपी,बिहार और मप्र के कुछ जिलों से आए युवक बेधड़क इकाएंटाबो, डेकाइंगबोलिन, न्युरोबिऑन, न्युरोक्राइड के इंजेक्शन व पावडर का उपयोग कर इस भर्ती में शामिल हो रहे हैं।
4.10 मिनट में 1600 मीटर की रेस जीतने कर रहे जिंदगी से खिलवाड़
सैन्य बलों की भर्ती में स्टेयराइड्स का उपयोग कर दौड़-भाग करने का यह पहला मामला नहीं है। इसके पूर्व भी यूपी के आगरा, अलीगढ़, मेरठ आदि जिलों में भी इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं। जानकारों का कहना है कि युवक इन दवाओं का उपयोग शरीर में अतिरिक्त एनर्जी बनाने के लिए कर रहे हैं। जो उनकी जान के लिए घातक भी हो सकता है। भर्ती मेें आए एक युवक ने बताया कि कॉम्पटीशन इतना अधिक है कि बगैर इस तरह की दवाएं लिए टारगेट अचीव करना मुश्किल हो गया है।
बता दें कि सेना ने भर्ती के लिए मुख्य पैमाना 1600 मीटर की दौड़ को रखा है। जिसे युवकों को अधिकतम 5 मिनट में पूरा करना है। लेकिन चयन उन्हीं युवकों का हो सकता है जो 4 मिनट 10 सेकंड से 4 मिनट 40 सेकंड के बीच यह लक्ष्य हासिल कर लेते हैं। इसके बाद युवकों का पुश-अप, पुल-अप आदि भी कराया जाता है। जो युवक दौड़ रहे हैं उन्हें दो वर्ग 17.5 वर्ष से 31 वर्ष व 32 वर्ष से 42 वर्ष में बांटा गया है। अधिक उम्र के युवाओं द्वारा इन दवाओं का इस्तेमाल ज्यादा घातक बताया गया है।
पकड़ना आसान नहीं है, अधिक इस्तेमाल से कई समस्याएं
स्टेयराइड्स को लेकर बीएमसी के मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. देवेंद्र अहिरवार का कहना है कि शरीर की बगैर जरूरत और डॉक्टर के परामर्श के बिना स्टेयराइड्स का उपयोग कई शारीरिक समस्याओं का कारण बन सकता है। फोर्स की भर्ती जैसे मामलों में युवक अगर इनका इस्तेमाल कर रहे हैं तो यह ठीक नहीं है। वैसे भी कौन युवक इसका इस्तेमाल करके दौड़ रहा है। यह पकड़ पाना मुश्किल होता है। खैर….अगर कोई व्यक्ति स्टेरॉयड के इंजेक्शन काफी समय से ले रहा है, तो उसकी बॉडी की रोग प्रतिरोधक क्षमता खत्म होने लगती है, हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। आंखों में मोतियाबिंद की शिकायत, ब्लड शुगर बढ़ना, वजन कम होना शुरू हो जाता है। हड्डियां कमजोर होने से जरा सी चोट लगने पर फ्रैक्चर हो जाता है। खिलाड़ी या बॉडी बनाने के इच्छुक व्यक्ति एनाबोलिक स्टेरॉयड लेते हैं, जिससे उनकी सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
अगर कोई पहली बार स्टेरॉयड का इंजेक्शन लगाकर धूप में दौड़ता है, तो उसे हार्ट स्ट्रोक का खतरा बना रहता है।
19/11/2024



