सदभावनानगर की धमाकेदार आगजनी ट्रेलर ! मुख्य मार्गों पर चल रहे चमचमाते एक्सक्युलिसिव स्टोर, आउटलेट्स भी ऐसे ही खतरनाक मुहाने पर
90 फीसदी स्टोर्स के भवन स्वामियों ने बेसमेंट पार्किंग को दुकान- मार्केट कॉम्पलेक्स में तब्दील किया

सागर। उपनगर मकरोनिया के सद्भावना नगर में शुक्रवार दोपहर को फ्रिज-एसी गैस रीफिलिंग सेण्टर में मय प्रचंड आगजनी के चार जोरदार धमाके हुए। लेकिन इससे शायद ही नगर पालिका की भवन- भूमि और नक्शा शाखा के कारिंदों के कान पर जूं रेंगे। क्योंकि यहां का अमला जब गैर- व्यवसायिक क्षेत्र में इस तरह के अवैध रीफिलिंग सेण्टर के संचालन को नहीं रोक पाया तो फिर मकरोनिया चौराहा, बंडा रोड, सिरोंजा और रजाखेड़ी- आनंदनगर रोड पर खुले नामचीन कंपनियों, ब्रांड के एक्सक्लूसिव स्टोर्स व आउटलेट्स पर क्या ही कार्रवाई करेगा।
जो बीते कई साल- महीनों से बगैर पार्किंग और स्टैंडर्ड फायर फाइटिंग सिस्टम के चल रहे हैं।
पार्किंग की बात करें तो लगभग सभी कॉमर्सियल बिल्डिंग के बेसमेंट में बनी पार्किंग को दुकान और मार्केट कॉम्पलेक्स में तब्दील कर दिया गया है। बंडा रोड पर यह खेल सबसे ज्यादा हुआ है। जिन बिल्डिंग्स में बेसमेंट पार्किंग दिखाकर नपा के कतिपय कर्मचारी- अधिकारी व जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत से नक्शा पास किए गए।
वहां वर्तमान कई नामचीन कंपनियों के आउटलेट्स/ स्टोर संचालित हो रहे हैं। उदाहरण के लिए चौराहे पर स्थित विशाल मेगा मार्ट स्टोर की बेसमेंट पार्किंग में इंडियन कॉफी हाउस का संचालन किया जा रहा है। देखने-दिखाने को एक पार्किंग है लेकिन वाहन तो रोड पर ही पार्क होते हैं।
इसी रोड पर आई वियर ( चश्मा) ब्रांड टाईटन का आउटलेट जिस बिल्डिंग में चल रहा है। उसकी पार्किंग में अनंत सेल्स के नाम एक अन्य कारोबार चल रहा है। ऐसे ही हीरो बाइक के आउटलेट सेंट्रल हीरो के नीचे सुनील स्टेशनरी समेत अन्य दुकानें चल रही हैं। इसी रूट के दूसरे तरफ दांयी ओर की रोड पर बनी बिल्डिंग में नीचे फैशन क्लब नाम का आउटलेट और ऊपर मार्केट कॉम्पलेक्स चल रहा है। बंडा जाने वाले रोड पर नामचीन ज्वेलरी ब्रांड तनिष्क का भी आउटलेट है लेकिन इसकी तो पार्किंग ही नहीं है।
इसी रोड पर एक बिल्डिंग में ऊपर आउटफिट्स ब्लैकबेरी और स्पायकर का आउटलेट है और नीचे पार्किंग की जगह पर कोई रिट्ज नाम का ब्यूटी पार्लर चल रहा है। इस रोड पर केवल स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखा वाली एक बिल्डिन्ग कुछ हद तक नार्म्स का पालन कर रही है।
यहां भूतल पर पार्किंग की जगह खाली छोड़ी गई है। हालांकि इसकी मुख्य वजह ये भी हो सकती है कि SBI ने मय पार्किंग के ही ये भवन किराए पर लिया हो। सुरक्षा की दृष्टि से बैंक प्रबंधन ने भवन स्वामी को बेसमेंट में मार्केट काम्पलेक्स बनाने की अनुमति नहीं दी हो। इधर जानकारों का कहना है कि इन सारे स्टोर्स की बेसमेंट पार्किंग की डिजाइन भी TNCP के नार्म्स के खिलाफ है। नार्म्स ये है कि पार्किंग पिलर आधारित चारों ओर से खुली होनी चाहिए। लेकिन यहां सारी पार्किंग कवर्ड हैं और उनमें मार्केट बन गए हैं। जो बहुत कुछ दिल्ली में बेसमेंट में चल रही कोचिंग के हादसे जैसे हाल में पहुंच सकते हैं।
देखने-दिखाने के लिए हैं फायर फाइटिंग सिस्टम
कई स्टोर्स में फायर सेंसर और स्प्रिंकलर सिस्टम केवल दीवार- सीलिंग पर ही फिट हैं। उनके पानी के कनेक्शन का कोई अता-पता नहीं है। इस गड़बड़ी को इतने से भी समझा जा सकता है कि अधिकांश स्टोर्स या भवन स्वामियों ने फायर फाइटिंग सिस्टम का हर दो वर्ष में होने वाला रिन्युअल भी नहीं कराया है। कुछ स्टोर्स पर तो फायर स्ट्रिंगुलर तक नहीं हैं। हैं भी तो उन्हें कैसे इस्तेमाल किया जाता है। इसकी जानकारी शायद ही वहां के कर्मचारियों को हो।
जनहित याचिका लगाकर आउटलेट्स, भवन स्वामी और नपा को कठघरे में लाया जाना चाहिए
मकरोनिया में एनएच पर चल रहे इन पचासेक आउटलेट्स, स्टोर्स कंपनियों- ब्रांड्स समेत भवन स्वामी, नपा के अधिकारियों के खिलाफ जनहित याचिका लगाई जाना चाहिए। यह बात उपभोक्ता एवं जनहित मामलों के जानकार वरिष्ठ वकील अजयदीप मिश्रा ने कही। एड. मिश्र ने कहा कि इस गड़बड़ी में भवन स्वामी व नपा की बहुत स्पष्ट भूमिका है। जबकि इतनी ही जवाबदेही आउटलेट कंपनी व ब्रांड्स की है। जो बगैर पार्किंग इन भवनों में कारोबार कर रही हैं।
इनके कारण सड़कों पर लगने वाले जाम से लेकर वह कभी बेसमेंट में होने वाली आगजनी, जलभराव से करंट फैलने जैसी दुर्घटनाओं के लिए भी जवाबदेह मानी जाना चाहिए।
9425172417
09/11/2024



