मोतीनगर पुलिस को सोना और खाद्य तेल के व्यापारियों से ठगने वालों की चीन-जापान में तलाश!
ऑन लाइन ठगी और विदेश से सस्ता सोना दिलाने के मामले में ठगे गए हैं स्थानीय लोग

पुलिस की प्रारंभिक जांच के बाद आरोपियों के विदेश भागने की पुष्टि
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सागर। मोतीनगर थानेे में दर्ज दो अलग-अलग पुराने मामलों में पुलिस लुक आउट नोटिस जारी कराने की तैयारी है। ये मामले स्थानीय नागरिकों से ऑनलाइन और विदेश से सस्ता सोना दिलाने के नाम पर ठगी के बाद दर्ज किए गए थे। पहला मामला बड़ा बाजार निवासी एक सराफा व्यवसायी का है। जिसे मथुरा निवासी एक व्यक्ति खरा सोना की डिलीवरी देेता रहता था। बाद में उसने इस व्यवसायी को बातों और लोभ के जांच में ऐसा फंसा लिया कि उसने इस व्यक्ति को अलग-अलग समय में करीब 1.50 करोड़ रुपए दे दिए। पुलिस सूत्रों के अनुसार इस व्यक्ति ने सराफा व्यवसायी को विदेशों से सस्ता सोना दिलाने का लालच दिया था। करीब डेढ़ साल पहले हुई इस ठगी के मामले में पीड़ित व्यवसायी ने इसी साल की शुरुआत में मोतीनगर थाने में रिपोर्ट कराई थी। जिसके बाद पुलिस इस आरोपी के ठिकानों तक पहुंची लेकिन वह हाथ नहीं आया। जांच के बाद पुष्टि हुई कि ठगी करने वाला व्यक्ति विदेश भाग चुका है। जिसके बाद पुलिस ने उसके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी कराने की कार्रवाई की।
तेल व्यवसायी को लालच देकर 1 करोड़ रु. से अधिक की ठगी की
दूसरा मामला शहर के राजीवनगर निवासी एक खाद्य तेल कारोबारी से हुई ऑनलाइन ठगी का है। व्यापारी वैभव गुप्ता से दो साल पहले किसी अज्ञात व्यक्ति ने ऑन कॉल संपर्क किया और उन्हें चंद हजार रुपए की रकम ऑनलाइन ट्रेडिंग में लगाने का ऑफर दिया। गुप्ता उसके जाल में फंस गए और कुछ समय तक मुनाफा भी कमाते रहे। इसके बाद इस ऑनलाइन ठग करने वाले ने गुप्ता से एक बड़ी रकम अलग-अलग किस्तों में अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करा ली और उन्हें जवाब देना बंद कर दिया।
बीते दिनों पुलिस ने इस मामले में एक सहआरोपी प्रदीप चौधरी को भीलवाड़ा राजस्थान से गिरफ्तार किया है। जबकि मुख्य आरोपी अभी तक फरार है। उसके विदेश भागने की संभावना है। टीआई मोतीनगर जसवंतसिंह ने बताया कि इस प्रकरण में लुक आउट नोटिस जारी कराया जा रहा है। टीआई सिंह ने बताया कि इस आरोपी ने गुप्ता से किराए के बैंक खातों के जरिए ठगी की। ये खाते उसने कुछ बेरोजगार युवकों को लालच देकर अलग-अलग लोगों के नाम खुलवाए थे। वह इन युवकों को प्रत्येक खाते की एवज में 2500 रु. देता था। 
क्या होता है लुकआउट नोटिस?
लुकआउट नोटिस एक परिपत्र होता है। जिसका उपयोग भारत में अधिकारियों द्वारा ये जांचने के लिए किया जाता है कि कोई यात्रा करने वाला व्यक्ति पुलिस द्वारा वांछित है या नहीं। आसान भाषा में समझें तो इसका उपयोग अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों या समुद्री बंदरगाहों जैसी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर यात्रा करने वाले व्यक्तियों की जांच में किया जाता है। वहीं जब कोई अपराधी कानून की गिरफ्त से फरार हो जाता है तब लुकआउट नोटिस जारी किया जाता है। लुकआउट नोटिस को लुकआउट सर्कुलर भी कहा जाता है। कई बार लुकआउट नोटिस उन लोगों के खिलाफ जारी किया जाता है जिनके लिए कानून का पालन करवाने वाली एजेंसियों की तरफ से अनुरोध किया जाता है।
भारत में लुकआउट नोटिस गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए गए कुछ दिशानिर्देशों का पालन करते हुए जारी किया जाता है।
कौन जारी करा सकता है लुकआउट नोटिस?
लुकआउट नोटिस यानी एलओसी किसी भी आरोपी (भारतीय या विदेशी) के खिलाफ जारी किया जा सकता है। ऐसा कोई अपराधी या व्यक्ति जो जानबूझकर गिरफ्तारी से बच रहा है या अदालत में पेश होने से इनकार कर रहे है, तो उसके लिए भी ये नोटिस जारी किया जा सकता है। इस नोटिस को पुलिस, अदालत, सीबीआई, ईडी, एसएफआईओ और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों सहित 15 प्राधिकरणों के आदेश पर जारी किया जा सकता है।
01/11/2024



