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आरोपी के सामने शिकायतकर्ता ने लोकायुक्त पुलिस को रिश्वत की बकाया रकम देने बुला लिया

एमपी हाउसिंग बोर्ड मकरोनिया में पदस्थ एईओ 10 हजार रु. की रिश्वत लेते पकड़ाया, पीड़ित ने आरोपी के सामने ही दोस्त बताकर लोकायुक्त पुलिस को इशारा कर बुलाया

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सागर। लोकायुक्त पुलिस सागर ने मकरोनिया स्थित मध्य प्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मंडल संभाग सागर के सहायक संपदा अधिकारी ब्रजेश नायक को 10 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथो पकड़ा है। शिकायतकर्ता खुरई निवासी एक युवक यशवंत विश्वकर्मा है। जिससे हाउसिंग बोर्ड के आवंटित ईडब्ल्यूएस श्रेणी के आवास में पत्नी का नाम जोड़ने के एवज में रिश्वत मांगी गई थी। इस ट्रेप का सबसे दिलचस्प पहलू ये है कि शिकायतकर्ता युवक ने आरोपी को ट्रेप कराने के लिए एक गजब तरीका अपनाया। दरअसल इस आरोपी को ट्रेप से पूर्व छिपने के लिए लोकायुक्त की टीम ने हाउसिंग बोर्ड के ऑफिस के पास ही स्थान ढूंढा। लेकिन उन्हें सही जगह नहीं मिली तो वह सेंट्रल स्कूल के पास छिप गए। ऐसे में शिकायतकर्ता के पास टीम को इशारा करना लगभग नामुमकिन हो गया। लेकिन इस स्थिति से निपटने में आरोपी कर्मचारी का लालच ही मददगार बन गया। हुआ ये कि कर्मचारी नायक ने इस युवक से रिश्वत के रूप में 16 हजार रु. मांगे थे। लेकिन यशवंत उसे देने के लिए 10 हजार रु. लेकर पहुंचा। उसने जैसे ही ये रकम दी तो कर्मचारी नायक को दी तो वह उखड़ गया। वह बोला कि तुरंत 6 हजार रु.और दो। वरना तुम्हारा काम नहीं करूंगा। यशवंत को लोकायुक्त टीम को इशारा करने का बहाना मिल गया। उसने नायक के सामने ही लोकायुक्त पुलिस की टीम में शामिल एक अधिकारी को कॉल कर कहा कि, भाई साहब मेरा एक काम हाउसिंग बोर्ड में फंसा हुआ है। मैंने 10 हजार रु. दे दिए हैं। आप 6 हजार रु. की और मदद कर दें। बड़ी मेहरबानी होगी। लोकायुक्त टीम इशारा समझ गई और इस कर्मचारी को दबोच लिया।

500 रु. के काम के मांग रहा था 25 हजार रु.

लोकायुक्त डीएसपी बीएम द्विवेदी के अनुसार, शिकायतकर्ता यशवंत पिता कन्हैयालाल विश्वकर्मा (39) निवासी कबीर वार्ड खुरई ने लोकायुक्त अधीक्षक कार्यालय सागर में शिकायत की थी। उसने बताया कि हाउसिंग बोर्ड से सन 2022 में एक ईडब्ल्यू आवास आवंटित हुआ था। जिसकी वह किश्त भर रहा था। इस आवास में वह पत्नी का नाम जुड़वाना चाहता है। लेकिन कार्यालय में पदस्थ सहायक संपदा अधिकारी ब्रजेश नायक इस काम के एवज में 25 हजार रु. की रिश्वत मांग रहा है। अब वह जैसे-तैसे 16  हजार रु. लेने के लिए राजी हो गया है। जानकारी के अनुसार नाम जोड़ने के लिए महज 500 रु. का चालान लगता है लेकिन यह कर्मचारी, इस युवक से 25  हजार रु. मांग रहा था। डीएसपी बीएम द्विवेदी ने बताया कि आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है। टीम में निरीक्षक अभिषेक वर्मा समेत स्टाफ के अन्य लोग शामिल थे

22/10/2024

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