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सीएम डॉ. मोहन यादव से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह ने की रिफायनरी क्षेत्र में “साडा” के गठन की मांग

उप-चुनाव की तैयारियों के तहत देखी जा रही है दिग्विजयसिंह की यह विशेष मांग

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सागर। सागर के राजनीतिक हलकों में पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य दिग्विजयसिंह ज्यादातर अजा-जजा और महिला अत्याचार जैसे मामलों में आवाज उठाने के लिए सक्रिय रहते हैं। लेकिन इस दफा उन्होंने बीन के एक क्षेत्र विशेष की दुर्दशा और उसके विकास के संबंध की बात उठाई है। पूर्व सीएम सिंह ने इस बावत सीएम डॉ. मोहन यादव को एक डिटेल चिट्ठी भी लिखी है। जिसका सारांश ये है कि, उन्होंने(दिग्विजयसिंह)ने बीना के आगासौद स्थित बीना रिफायनरी का दौरा किया है। जिसमें उन्हें इस क्षेत्र के करीब 22 गांवों में आर्थिक बदहाली देखने मिली। जिसकी मुख्य वजह शासन द्वारा इन गांवों को उस 5 किमी के दायरे में रखना है, जहां किसी भी तरह के विकास पर प्रतिबंध रहेगा। जिसके उपाय में दिग्गी राजा ने स्वयंं के कार्यकाल में बने बीना डेवलपमेंट प्लान का हवाला देते हुए। इस क्षेत्र विशेष के लिए साडा(स्पेशल एरिया डेव्लपमेंट अथॉरिटी) के गठन की मांग रखी है। इधर पूर्व सीएम की इस मांग को चुनावी राजनीति के चश्मे से भी देखा जा रहा है। जानकारों का कहना है कि बीना विधानसभा क्षेत्र में उप-चुनाव की आसन्न स्थिति को देखते हुए ये मांग उठाई गई है। ताकि इस क्षेत्र के 5-10 हजार मतदाताओं को प्रभावित कर कांग्रेस पाले में लाया जा सके। यहां बता दें कि बीना का चुनाव अक्सर कांटे की टक्कर का रहता है। ऐसे में इन गांवों का वोट बैंक भाजपा-कांग्रेस दोनों के लिए तुरुप का इक्का साबित हो सकता है।

चिट्ठी में यह लिखा है पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह ने

जिले की बीना तहसील में स्थित भारत-ओमान रिफायनरी क्षेत्र के ग्रामों का गत दिवस मैंने दौरा किया और ग्रामवासियों ने उनकी समस्याओं को लेकर विस्तृत चर्चा की। विगत 15 वर्षो से जिला प्रशासन ने रिफायनरी से लगे करीब 22 ग्रामों को ”नो डेव्लपमेंट झोन” घोषित कर सभी तरह की निर्माण पर प्रतिबंध लगा रखा है। इन ग्रामों में रहने वाले लोगों की समस्याओं को देखते हुए मेरी मांग है कि इस पूरे क्षेत्र को विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण ”साडा” बनाते हुए विकास कार्यो की अनुमति दी जाना चाहिये। जिससे भविष्य में यह क्षेत्र विकास की दौड़ में शामिल हो सके। कलेक्टर सागर का आदेश पत्र के साथ संलग्न है। जिसमें ग्राम आगासोद क्षेत्र में बनी भारत-ओमान रिफायनरी के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के 5 किलोमीटर क्षेत्र को नो डेवलपमेंट झोन घोषित किया गया था। जिसमें फैक्ट्री, बाजार, होटल, व्यवसायिक संस्थान, अधिक ऊँचाई के निर्माण आदि पर प्रतिबंध लगाया था। विगत 15 वर्षो से इन ग्रामों में रहने वाली एक लाख से अधिक की आबादी विकास कार्यो से प्रभावित हुई है। जिला प्रशासन निर्माण कार्य के किसी भी निजी या सार्वजनिक निर्माण कार्य पर रोक लगाने के लिये नोटिस जारी कर रहा है। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की इस रिफायनरी परियोजना से पूरे देश को फायदा मिल रहा है। जिले में औद्योगिक गतिविधियाँ तेजी से बढ़ रही है। लेकिन रिफायनरी से लगे ग्रामों के वाशिंदे छोटी-छोटी व्यवसायिक गतिविधियों को तरस रहे है। हजारों करोड़ रूपये के कारोबार वाली रिफायनरी के समीप रहने वाले लोग न सिर्फ बेरोजगार है बल्कि पलायन करने को मजबूर है। इन रहवासियों को सर्वांगीण विकास के लिये अभी तक राज्य शासन ने कोई योजना नही बनाई है। स्थानीय रहवासियों का कहना है कि रिफायनरी के आसपास के 5 किलोमीटर क्षेत्र के विकास की एक विस्तृत कार्ययोजना बनाई जानी चाहिये। जहां शासन विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (साडा) बनाते हुए सम्पूर्ण सुरक्षा के प्रावधानों के साथ औद्योगिक, व्यवसायिक और रहवासी सुविधाओं को विकसित कर स्थानीय लोगों की तरक्की के अवसर प्रदान किये जाने चाहिये। अभी ये समस्त ग्राम अभिशाप्त स्थिति में जीवन यापन करने को मजबूर है। विकास की आधुनिक दौड़ से बहुत पीछे छूट गये है। मेरे मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान ”बीना डेवलपमेंट प्लान” नाम से नगरीय प्रशासन विभाग ने एक ड्राफ्ट भी तैयार किया था। कालांतर में भाजपा सरकार ने आगे नही बढ़ाया। जिससे क्षेत्र के विकास की संभावनाएं धूमिल होती चली गई। आज ”दिया तले अंधेरा” की स्थिति सामने है। जबकि सुरक्षा के मानकों पर काम करते हुए नगरीय विकास की एक बड़ी बसाहट इस क्षेत्र में बसाई जा सकती थी। मेरा आपसे अनुरोध है कि रिफायनरी प्रबंधन से चर्चा कर मध्यप्रदेश शासन बीना क्षेत्र के इन ग्रामों के सम्पूर्ण विकास के लिये विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (साडा) गठित करने का निर्णय लेना चाहिये। साडा बनने से क्षेत्र के विकास के अपार संभावानाओं के द्वार खुल जायेंगे।

सहयोग के लिए मैं आपका आभारी रहूँगा।

– दिग्विजयसिंह, पूर्व मुख्यमंत्री, मप्र शासन

09/10/2024

 

 

 

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