भ्रष्टाचार के आरोप में सब-इंजीनियर और पटवारी को 4-4 साल की जेल
सब-इंजीनियर ने बिल पास करने और पटवारी ने पट्टा दिलाने की एवज में मांगी थी रिश्वत

सागर। रिश्वत मांगने के मामले में दोष सिद्ध पाए गए दो सरकारी कर्मचारियों को अलग-अलग कोर्ट ने 4-4 साल के कारावास की सजा सुनाई है। पहला मामला पांच साल पुराना है। दमोह की हटा नगर पालिका है। यहां पदस्थ संविदा सब-इंजीनियर जुबेर कुरैशी के खिलाफ स्थानीय निवासी राजेंद्रकुमार असाटी ने लोकायुक्त पुलिस सागर के समक्ष एक शिकायत की थी। असाटी का कहना था कि मैंने ठेकेदारी के तहत मंगल भवन हॉल की मरम्मत की थी। जिसका बिल करीब 13 लाख रुपए बना था। सब-इंजीनियर कुरैशी द्वारा इस बिल को पास करने की एवज में 60 हजार रु. रिश्वत मांगी जा रही थी। शिकायत की पुष्टि के बाद लोकायुक्त के ट्रेप दल के मुखिया तत्कालीन निरीक्षक बीएम द्विवेदी व अन्य ने सिविल लाइंस स्थित अग्रवाल होटल के पास से जुबेर को 18 अप्रैल 2019 को रिश्वत की रकम 60 हजार रु. लेते हुए दबोच लिया।
इसके बाद दमोह जिला एवं सत्र न्यायालय के संतोष गुप्ता, विशेष कोर्ट भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में प्रकरण पेश किया गया। जहां दोनों पक्षों पर गहन विचारण के बाद कोर्ट ने आरोपी जुबेर के खिलाफ मामला संदेह से परे पाया। उसे चार साल की सजा और 2 हजार रु. के जुर्माने की सजा सुनाई गई। शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक अनंतसिंह ठाकुर ने की।
सरकारी जमीन का पट्टा दिलाने का झांसा दे रहा था पटवारी
दूसरा मामला छतरपुर के मातगुवां थाना क्षेत्र का है। यहां के एक किसान भरत लोधी निवासी गांव पापटा ने लोकायुक्त कार्यालय में स्थानीय पटवारी दीपक अवस्थी के खिलाफ जुलाई 2017 में शिकायत की थी। भरत का कहना था कि मेरे पिता द्वारा गांव की सरकारी जमीन पर खेतीबाड़ी की जाती है। जिस पर पटवारी अवस्थी ने जुर्माना का केस बनाया है।
वह जुर्माना नहीं देने और इस जमीन का पट्टा दिलाने की एवज में मेरे पिता से 10 हजार रु. रिश्वत मांग रहा है। मामले में संज्ञान लेते हुए सागर से 10 जुलाई 2017 को लोकायुक्त पुलिस की एक टीम रवाना की गई। ट्रेप दल ने किसान भरत लोधी को पटवारी के पास रिश्वत की रकम में से 3 हजार रु. लेकर भेजा। जैसे ही पटवारी दीपक अवस्थी ने यह रकम ली तो टीम ने उसे दबोच लिया। मामले का चालान छतरपुर के अरविंदकुमार जैन, विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में पेश किया। विद्वान न्यायाधीश ने अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलों को सुना। गुण-दोषों का परीक्षण के बाद न्यायालय ने आरोपी पटवारी अवस्थी को अलग-अलग धाराओं में 4-4 साल के कारवास और 1500 रु. के अर्थदंड की सजा सुनाई।
02/10/2024



