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भाग्योदय तीर्थ अस्पताल के ड्रग स्टोर में प्रचंड आग, फायर फाइटर बंद थे, टेन्ट समेत आयोजन की अनुमति पर सवाल !

- तीन घंटे में सेना समेत आसपास की फायर लॉरी की मदद से पाया जा सका आग पर काबू - जेसीबी की मदद से एलपीजी सिलेंडर को खींच कर बाहर निकाला

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सागर। भाग्योदय तीर्थ अस्पताल परिसर में सोमवार शाम करीब ६ बजे भीषण आगजनी हुई। यह आग अस्पताल के दवा एवं ऑक्सीजन स्टोरेज वाले एक शेड में लगी। फिलहाल आगजनी का कारण पकड़ में नहीं आया है। जहां आगजनी हुई है वह स्थान निर्यापक मुनि श्री १०८ सुधासागर जी महाराज के चार्तुमास स्थल से करीब १०० मीटर दूर था। आग की भयावहता का अंदाजा इतने से लगाया जा सकता है कि करीब तीन हजार वर्ग फीट के हिस्से में लगी आग पर काबू पाने में ३ घंटे से ज्यादा और डेढ़ दर्जन से अधिक फायर लॉरी लगीं। गनीमत रही कि जिस समय आगजनी हुई। परिसर में मरीज और उनके परिजन के अलावा ज्यादा लोग नहीं थे। अगर यही आगजनी चार्तुमास के किसी खास अवसर पर हुई होती तो बड़ी संख्या में जान-माल का नुकसान हो सकता था।
देखते-देखते चंद मिनट में काले धुएं से भर गया ब्लड बैंक और लैब
भाग्योदय प्रबंधन के सूत्रों के अनुसार स्टोरेज में कई तरह की दवाएंं रखी थीं। उनमें से कुछ शर्करा युक्त लिक्विड फॉर्म मेें थी। जो तेजी से आग पकड़ गईं। इसके बाद स्टोरेज से धुुंआ उठा तो वह सामने स्थित सेंट्रल लैब और ब्लड बैंक में भरता गया। धुुंए का गुबार इतना अधिक काला और ऊंचा था कि उसे राहतगढ़ रेलवे ओवर ब्रिज से भी देखा जा सकता था। आगजनी जहां हुई। वह स्थान मरीजों के वार्ड व आवाजाही से दूर था। लेकिन मरीज व उनके परिजन इसकी भयावहता देख सहमे रहे। इस आगजनी से कुछेक लोगों की दो पहिया वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं। जो संभवत: मरीजों के परिजन या मिलने-जुलने वाले लोगों के होंगे।

फायर फाइटर बिगड़े पड़े थे, टेंट आदि की भी परमिशन नहीं ली
इस घटनाक्रम में भाग्योदय अस्पताल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। जानकारी मिली है कि अस्पताल परिसर समेत अन्य स्थानों में लगा फायर फाइटिंग सिस्टम बिगड़ा पड़ा था। जैन समाज के एक जागरुक नागरिक ने चंद दिन पहले ही मैनेजमेंट को सिस्टम सुधरवाने के लिए मैसेज भी किया था। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके अलावा एक जानकारी ये भी मिली है कि परिसर के दूसरे हिस्सें में चल रहे चार्तुमास आयोजन के लिए जगह बनाने के लिए पार्किंग व्यवस्थ में फेरबदल समेत यहां लगे बड़े-बड़े टेंट, उन तक पहुंचाने के लिए बिजली की अस्थाई लाइनो को बिछाने आदि की भी जिला प्रशासन से कोई अनुमति नहीं ली गई है। सिटी मजिस्ट्रेट जूही गर्ग ने बताया कि आयोजकों ने कार्यक्रम की शुरुआत से पहले कार्यालय में केवल सूचना दी थी। लेकिन उन्हें इस आयोजन के संबंध में किसी भी स्तर पर लिखित में अनुमति नहीं दी गई।

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