हेज के पीछे भिखारियों और घुमंतुओं को छिपाने की कोशिश!

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सागर। 27 सितंबर को होने वाली रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव को लेकर तैयारियां जोर-शोर से जारी हैं। इन्वेस्टमेंट कितना आएगा फिलहाल ये तय नहीं है। लेकिन शहर को टेम्परेरी रूप से चमकाने की कवायद जोरों पर है।
दो- एक दिन पहले एक्सीलेंस गर्ल्स कॉलेज की दीवारों से काई छुड़ाने की आधी-अधूरी कोशिशें की गई। और अब पीली कोठी रोड पर खेल परिसर के बाजू वाले मैदान में सघन हेज और पाम ट्री लगाने का शगल किया जा रहा है।
दरअसल इस मैदान में बड़ी संख्या में घमंतु जाति और भिक्षाटन कर जीवनयापन करने वाले लोगों का अस्थाई बसेरा है। सड़क से ही इनकी दशा- दुर्दशा दिख जाती है। माना जा रहा है कि हेज उन्हीं को छिपाने के लिए लगाई जा रही है!
हालांकि ये भी कर सकता था कि इन लोगों को कैण्ट एरिया की अन्य खाली जगहों पर शिफ्ट कर देता। लेकिन ऐसा न कर ये हेज वाला शार्टकट अपना लिया गया। कैन्ट की बात निकली है तो बता दें कि रक्षा संपदा निदेशालय नई दिल्ली की लिखित अनुमति के बगैर छावनी की भूमि पर किसी तरह की कोई भी गतिविधि नहीं की जा सकती है। और इस तरह की अनुमति के लिए
10- 5 दिन नहीं महीनों लग जाते हैं। ताजा हेज रोपण को देख लगता नहीं है कि पीडब्लयूडी या अन्य संबद्ध एजेंसी ने इस तरह की कोई अनुमति ली होगी।
21/09/2024



