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दूरस्थ क्षेत्र के स्कूलों में पदस्थ महिला शिक्षकों के लिए बनेंगे मल्टी स्टोरी आवास

लोक शिक्षण संचालनालय ने डीईओ से मांगी ब्लॉक, नपं और नपा मुख्यालय पर उपलब्ध जमीन की जानकारी

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सागर। दूरस्थ ग्रामीण इलाकों में पदस्थ महिला शिक्षकों के रहवास की समस्या को देखते हुए राज्य सरकार उन्हें स्कूल के समीप ही सरकारी आवास उपलब्ध कराने जा रही है। इस संबंध में मंगलवार को लोक शिक्षण संचालक डीएस कुशवाह ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षाधिकारियों को एक पत्र भेजा है। जिसमें उन्होंने संबंधित जिले के ब्लॉक, नगर परिषद और नगर पालिका मुख्यालय पर तीन से पांच एकड़ जमीन की जानकारी मांगी है। जमीन के चयनित होने के बाद वहां मल्टी स्टोरी आवासीय परिसर का निर्माण किया जाएगा। संचालक कुशवाह का कहना है कि जमीन का चयन ऐसा किया जाए जहां से उन्हें सुदूर ग्रामीण इलाकों में स्थित स्कूल आने-जाने के लिए परिवहन सुविधा सरलता से उपलब्ध हो। इन मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में 100 आवास बनाए जाएंगे।

निवास और आवाजाही की समस्या बताकर मुख्यालय पर पदस्थापना पर देती हैं जोर

स्कूली शिक्षा विभाग के अनुसार, किसी भी शिक्षक को अपने स्कूल के पांच किमी के भीतर निवास बनाकर रहना होगा। तभी उन्हें एचआरार की पात्रता होगी। इसके बावजूद अधिकांश महिला और पुरुष शिक्षक संबंधित ग्रामीण क्षेत्र में निवास नहीं बनाकर 10 से 50-60 किमी दूर से डेली अप-डाउन करते हैं। इसके अलावा अधिकांश महिला शिक्षिकाओं का जोर समीप के मुख्यालय के स्कूल में पदस्थापना का रहता है। यहां तक कि उन्हें अगर ब्लॉक, नगर परिषद या नगर पालिका मुख्यालय के स्कूल में भी पदस्थापना दी जाए। तब भी वह जिला मुख्यालय से ही आवाजाही करती हैं। इसके पीछे वे मुख्य वजह उपरोक्त स्थानों पर सुरक्षित व सुविधापूर्ण आवास की उपलब्धता नहीं होना बताती है। विभाग का मानना है कि अगर इन शिक्षिकाओं को ब्लॉक, नप या नपा मुख्यालय पर सुरक्षित आवास उपलब्ध करा दिया जाए तो ग्रामीण क्षेत्रों में वह सहजता से सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में अध्यापन कर सकेंगी। इधर शिक्षा विभाग के सूत्रों का कहना है कि सरकारी आवास बनाकर देने का आइडिया काफी पुराना है, जिस पर कभी भी अमल नहीं हो सका। अगर विभाग, ग्रामीण क्षेत्रों को देखते हुए यह आवास तैयार भी करवा लेता है। तब भी बहुत कम उम्मीद है कि इनमें महिला शिक्षिकाएं अपना निवास करेंगी।

11/09/2024

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