दमोह के पास मालगाड़ी पलटी, डाउन ट्रेक पर डिब्बे गिरने से यातायात बंद
समय रहते ड्राइवर ने स्पीड कंट्रोल कर ली, वरना यात्री गाड़ी पर जा गिरते डिब्बे, सागर की ओर अप ट्रेक पर दौड़ रही कोयले से भरी मालगाड़ी असलाना में बेपटरी हुई

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सागर। सिंगरौली से कोयला लादकर सागर की तरफ दमोह से रवाना हुई एक मालगाड़ी बुधवार शाम करीब 5 बजे असलाना रेलवे स्टेशन के पास बेपटरी हो गई। मालगाड़ी के 7 डिब्बे पलटकर दूसरे ट्रेक पर जा गिरे। इस बड़ी दुर्घटना में कोई भी जनहानि नहीं हुई लेकिन डिब्बों के दूसरे ट्रेक पर गिरने से बीना-मालखेड़ी-दमोह ट्रेक पर सभी तरह की ट्रेनों की आवाजाही बाधित हो गई है। जिसके दुरुस्त होने में 12 से 24 घंटे तक लग सकते हैं। तब के लिए पश्चिम मध्य रेलवे ने सागर की तरफ आवाजाही करने वाली यात्री व मालगाड़ियों का रूट डायवर्ट करते हुए वाया कटनी-भोपाल-बीना और दूसरा वाया कटनी-सतना होते हुए संबंधित स्टेशनों के लिए रवाना किया है।
23 डिब्बे निकल गए इसके बाद 7 पलटे
रेलवे के एक अधिकारी के अनुसार इस मालगाड़ी में कुल 59 डिब्बे थे। जिनमें से इंंजिन और 23 डिब्बे डाउन ट्रेक से निकल गए। इसके बाद के 7 डिब्बे पलट गए। मुमकिन है कि गाड़ी स्पीड या अन्य किसी कारण से ट्रेक में खामी आई और यह दुर्घटनाग्रस्त हो गए। मालगाड़ी के बाकी डिब्बे सुरक्षित हैं।
संभावित बड़ी दुर्घटनाएं टली! वरना जनहानि तय थी
रेलवे सूत्रों के अनुसार यह मालगाड़ी शाम करीब 5 बजे बेपटरी हुई। इसके पूर्व इसी ट्रेक से करीब सवा घंटे पहले कटनी-बीना मेमो ट्रेन निकली थी। वहीं इस मालगाड़ी के बाद शाम करीब 6.15 बजे गोंडवाना एक्सप्रेस ट्रेन निकलती। अगर ट्रेक में कोई खराबी आई होगी तो मुमकिन है कि यह यात्री गाड़ियां
भी दुर्घटनाग्रस्त हो सकती थीं। एक चर्चा ये भी है कि जब यह मालगाड़ी पलटी तो अप ट्रेक यानी सागर से दमोह की तरफ जाने वाली पटरी पर हॉली-स्पेशल ट्रेन दानापुर स्पेशल गुजर रही थी। गनीमत रही की मालगाड़ी के ड्राइवर ने समय रहते दुर्घटनाग्रस्त गाड़ी को नियंत्रित कर लिया। वरना यह डिब्बे, इस यात्री गाड़ी दानापुर स्पेशल के डिब्बों पर जा गिरते।
15 अगस्त से पहले बड़ा एक्सीडेंट, आरपीएफ शंकाओं को नकारा
इस रेल एक्सीडेंट के दूसरे दिन देश का स्वतंत्रता पर्व है। आशंका जताई जा रही है कि इसमें किसी राष्ट्र विरोधी संगठन का हाथ हो। इस बारे में सागर आरपीएफ थाना प्रभारी प्रमोदकुमार पांडे ने कहा कि, उक्त आशंका फिलहाल आधारहीन मानी जा सकती है। मौके पर ऐसे कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं। जिससे इस एक्सीडेंट में किसी आपराधिक षडयंत्र का सुराग मिले। वैसे भी अगर किसी ने शरारत या आपराधिक मानसिकता के तहत ट्रेक से छेड़छाड़ की होती तो पहले इंजिन या शुरुआती 23 बोगियां पलटतीं। डिब्बे पलटने का कोई तकनीकी कारण हो सकता है। पश्चिम-मध्य रेलवे ने इसके लिए एक ज्वाइंट इनवेस्टिगेटिव कमेटी गठित कर देती है। जिससे एक्सीडेंट का वास्तविक कारण सामने आ जाएगा।
14/08/2024



