बच्चों ने किया स्कूल का बहिष्कार, बोले मांग पूरी न हुई तो करेंगे भूख हड़ताल
शिक्षक का ट्रांसफर रुकवाने के लिए शाहगढ़ से कलेक्टर ऑफिस पहुंचे स्कूली बच्चे, बोले, शिक्षक बहुत अच्छा पढ़ाते हैं, पढ़ाई के साथ भोजन व्यवस्था भी सुधरी है।
सागर। फोटो में दिख रही ये बच्चियां 70 किमी दूर शाहगढ़ से कलेक्टोरेट आई थी। स्कूल का बहिष्कार कर चुकी हैं। बोल रही हैं कि जब तक हमारे शिक्षक प्रकाश अहिरवार का ट्रांसफर कैन्सिल नहीं होता। हम लोग स्कूल नहीं जाएंगे। जरूरत पड़ी तो भूख हड़ताल भी करेंगे। बती बाई, रुकमन, महिमा, सुनीता और जाने कौन – कौन हैं इनमें, कुछ लड़के भी हैं। इनमें से बच्चे अधिकांश आदिवासी- अजा वर्ग की थे। ये सब 5 वीं से 8 वीं क्लास में पढ़ते हैं। बता रहे थे कि हमारे स्कूल के टीचर प्रकाश अहिरवार एक आदर्श शिक्षक हैं। उनके स्कूल ज्वाइन करने के बाद पढ़ाई, स्वच्छता, मध्यान्ह भोजन समेत अन्य स्कूली गतिविधियां बहुत सुधरी हैं। हम लोगों का पढ़ाई में मन लगने लगा है। इन मासूम बच्चों के शिकायती ज्ञापन में किए गए दस्तखत भी उनकी अच्छी शिक्षा- दीक्षा की गवाही दे रहे थे। बच्चों के साथ आए उनके अभिभावकों के मुताबिक, शिक्षक प्रकाश का प्रशासनिक कारणों से प्राथमिक शाला कानीखेड़ी शाहगढ़ से रहली के किसी स्कूल में कर दिया गया। जबकि शिक्षक अहिरवार को यह स्कूल ज्वाइन किए 6 महीने ही हुए हैं। दूसरी ओर स्कूल के हालात खराब हैं यहां नियमित शिक्षक के नाम पर दो टीचर ही हैं। 5 अतिथि शिक्षक हैं जिनके भरोसे प्राइमरी- मिडिल स्कूल के विद्यार्थी हैं। अभिभावकों के अनुसार शिक्षक प्रकाश के बारे में बच्चे सही बोल रहे हैं। स्थिति ये है कि उनके अध्यापन से प्रभावित होकर 170 विद्यार्थियों की स्कूल में 100 से अधिक नए बच्चों का प्राइवेट स्कूलो से नाम कटाकर यहां एडमिशन कराया गया है। बहरहाल, बच्चों की मुलाकात कलेक्टर के गैर-मौजूद रहने के कारण अपर कलेक्टर सपना त्रिपाठी से हुई। उन्होंने कहा, शिक्षक प्रकाश की जगह कोई बेहतर टीचर आएंगे। आप परेशान न हों। बच्चों ने तपाक से जवाब दिया। नहीं …. नहीं हमें तो वही टीचर चाहिए। वरना हम लोग भूख हड़ताल कर देंगे। अपर कलेक्टर त्रिपाठी ने जिला शिक्षाधिकारी को तलब किया है ताकि वस्तुस्थिति समझ शिक्षाहित में निर्णय लिया जा सके।



