गुरुजी…. जल्दबाजी में एवरेज मार्किंग नहीं करें, आज से बोर्ड परीक्षाओं की कॉपियां जचेंगी
सागर। माध्यमिक शिक्षा मंडल,मप्र द्वारा आयोजित 10 वीं व 12 वीं की बोर्ड परीक्षाओं की कॉपियों को जांचने का सिलसिला शुरु हो रहा है। इस दफा के मूल्यांकन कार्यक्रम की विशेषता ये है कि इसमें शामिल होने वाले शिक्षकों को स्कूल शिक्षा विभाग ने कॉपियां जांचने का
प्रशिक्षण भी दिया है। उदाहरण के लिए उन्हें बताया गया है कि वे कॉपियां जांचने की जल्दबाजी में किसी भी विद्यार्थी की एवरेज मार्किंग नहीं करें। यानी किसी भी प्रश्न के 50-60 फीसदी अंक नहीं दें। कापियों को पूरी शिद्दत से जांचे और विद्यार्थी की मेहनत व ज्ञान के आधार पर ही उसे नंबर दें। सागर
जिले में कॉपियां जांचने के लिए केंद्र हर बार की तरह इस बार भी शासकीय एक्सीलेंस हायर सेकेंडरी स्कूल को बनाया गया है। सागरवाणी से चर्चा में स्कूल के प्राचार्य सुधीर तिवारी ने मूल्यांकन को लेकर कई जानकारियां साझा की।
पहले फेज में 48 हजार कॉपियां जाचेंगे, आखिर तक संख्या लाखों में
प्राचार्य तिवारी ने बताया कि पहले फेज में हमारे सेंटर को 48 हजार कॉपियां मिली हैं। जिनमें कक्षा 10 वीं के हिंदी, व्यवसायिक विषय और कक्षा 12 वीं की हिंदी व अंग्रेजी के
विषयों की कॉपियां शामिल हैं। यह कॉपियां किन जिलों से आई हैं, यह जानकारी गोपनीय रखी गई है। कॉपियां जांचने का काम सुबह 10.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक रहेगा। जिस दिन बोर्ड एग्जाम रहेगा। उस दिन दोपहर 12.30 बजे से कॉपियां जांची जाएंगी। मूल्यांकन में अलग-अलग विषयों के करीब 200 टीचर को संलग्न किया गया है। प्रत्येक टीचर को न्यूनतम 30 और अधिकतम 40 कॉपियां दी जाएंगी। प्राचार्य के अनुसार बोर्ड परीक्षाएं खत्म होते-होते सेंटर पर जांच के लिए आने वाली कॉपियों की संख्या लाखों में हो जाएगी। पिछले दो शिक्षा सत्र में 3 से 4 लाख कॉपियां जांची गईं।
गोपनीयता सर्वोपरि, बगैर प्रवेश-पत्र किसी को भी प्रवेश नहीं
मूल्यांकन के दौरान गोपनीयना को सर्वोपरि रखा गया है। जिन शिक्षकों की ड्यूटी इस कार्य के लिए लगाई गई है। उन्हें मोबाइल, हैंडबैग या पर्स आदि मूल्यांकन कक्ष तक लाने की अनुमति नहीं रहेगी। अगर किसी
बंडल में समान हैंडराइटिंग या प्रश्नों के उत्तर देने का क्रम समान, पाइंट्स समान दिखते हैं तो इस संबंध में उन्हें सबसे पहले हेड वैल्युअर को सूचना देना होगी। अगर किसी कॉपी में छात्र ने मूल्यांकनकर्ता के लिए कोई मैसेज या निवेदन लिखा है तो उन्हें इग्नोर करना होगा। गोपनीयता को पुख्ता करने के लिए सेंटर में एक चार की गार्ड तैनात है। किसी भी बाहरी व्यक्ति को बगैर प्रवेश-पत्र के मूल्यांकन कक्ष वाले एरिया में जाने की अनुमति नहीं होगी।
कम अंक दिए तो 100 रु. प्रति अंक शिक्षक को देना होंगे
प्राचार्य तिवारी के अनुसार परीक्षार्थियों को उनके अध्ययन, मेहनत व ज्ञान के अनुसार नंबर मिलें। इसे सुनिश्चित करने के लिए माशिमं ने नियम बनाया है कि अगर पुर्नमूल्यांकन में किसी परीक्षार्थी के नंबर बढ़ते हैं, तो बढ़े हुए प्रत्येक नंबर की एवज में 100 रु. के गुणांक में राशि माशिमं को जमा करना होगी। अगर किसी मामले में परीक्षार्थी को कोर्ट से राहत मिलती है और संबंधित कॉपी को जांचने वाले पर कोर्ट कास्ट अधिरोपित करता है तो यह पूरी राशि उस शिक्षक को अपने वेतन प्रभावित परीक्षार्थी को देना होगी।
जीरो और 90% से अधिक नंबर वालों की कॉपियां हेड वेल्युअर भी जाचेंगे
जिन परीक्षार्थियों को शून्य या उसके आसपास नंबर मिलते हैं तो हेड वेल्युअर उसके स्वयं जाचेंंगे। इसी तरह अगर किसी विद्यार्थी को 90- 100 प्रतिशत तक नंबर मिलते हैं तो वह कॉपी भी हेड वेल्युअर या डिप्टी हेड वेल्युअर जाचेंगे। इसके अलावा अगर किसी परीक्षार्थी के नंबर प्रथम श्रेणी या डिक्टेंशन के आसपास रह जाते हैं तो वह कॉपी भी उपरोक्त दोनों प्रभारी जाचेंगे। प्रयास यह रहेगा कि अगर विद्यार्थी दो-एक नंबर से प्रथम श्रेणी या डिक्टेंशन से वंचित नहीं रह जाए। मूल्यांकन करने वाले शिक्षकों जाने-अनजाने कोई चूक नहीं हो, इसलिए उन्हें संबंधित प्रश्न-पत्र की मॉडल आंसर बुक भी दी जाएगी।
13/03/2025



