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बच्ची से रेप-हत्या करने वाला बहशी गिरफ्तार, बीना भाग गया था तभी हो गया था संदेह
जघन्य वारदात करने के बाद खुद ही बच्ची को ढूंढने का नाटक करने लगा था - पुलिस से बोला, शराब के नशे में हो गया सब, चेहरे पर नहीं दिखी कोई ग्लानि

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सागर। जैसीनगर के चांदौनी गांव में चार साल की बच्ची का रेप और हत्या करने वाले आरोपी को जैसीनगर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी 28 वर्षीय मजदूर नीलेश प्रजापति है। जो इस मासूम के घर से कुछ दूरी पर रहता है। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी वैज्ञानिक सुबूत मिलने के बाद की है। पुलिस सूत्रों के अनुसार नीलेश आदतन शराबी है। वह कुछ दिन पहले ही गुजरात के सूरत से मजदूरी कर लौटा है। घटना वाली रात को भी वह नशे में धुत्त था। इसके बाद वह कामांध होकर गांव में किसी बच्ची, महिला से रेप करने की मंशा से निकल पड़ा। इसी दौरान उसे यह बच्ची अपने मां-बाप के साथ आंगन में सोते मिली। नीलेश ने चुपके से इस बच्ची को उठाया और दूर अपने खेत पर ले गया। जहां उसने उसका मुंह दबाकर रेप किया। इसी दौरान उसकी सांस रुक गई जिससे उसकी मौत हो गई।
हत्या कर घंटे-दो बाद ही बच्ची को ढूंढनेे का नाटक करने लगा
अपनी हवस मिटाने के बाद नीलेश ने इस बच्ची का शव खेत पर ही एक बोरे से ढंक दिया। इधर जैसे ही बच्ची के गुम होने का हल्ला मचा तो वह बच्ची के पिता व अन्य परिजनों के साथ ढूंढने का नाटक करने लगा। इसके बाद सुबह हो गई। वह अगले दिन भी बच्ची को ढूंढने की कोशिश करता था। लेकिन उसे इस बात का डर सताने लगा कि अगर शव उसके खेत के पास मिला तो वह पकड़ा जाएगा। इसलिए उसने रात होने का इंतजार किया और तड़के शव को उठाकर एक दूसरे व्यक्ति के खेत में डाल आया।
शव का ठिकाना बताया, डीएनए सेम्पिलिंग से बचने भाग गया था
पुलिस को शुरुआत से ही इस मामले में दो-तीन लोगों पर संदेह था। इनमें से एक व्यक्ति वह था। जिसका इस बच्ची के घर पर आना-जाना था। दूसरा व्यक्ति इस बच्ची का करीबी रिश्तेदार और तीसरा यह आरोपी नीलेश था। दरअसल जब 36 घंटे बाद बच्ची की खोजबीन चल रही थी। तब आरोपी ने बहाने से गांव के एक व्यक्ति को शव के पड़े होने का इशारा किया था। पुलिस ने शव को खोजने वाले व्यक्ति से पूछा कि तुम्हें कैसे पता चला कि यहां शव है। तब उसने बताया कि नीलेश ने मुझे बताया था। पुलिस ने इसके बाद नीलेश की खातिरदारी की। लेकिन वह नहीं टूटा। अब पुलिस ने अन्य संदेहियों के डीएनए सेम्पिल लेने शुरु कर दिए। यह देख आरोपी घबरा गया और वह गुजरात या साउथ की तरफ जाने के लिए भागकर बीना पहुंच गया। लेकिन आरोपी सीधे ट्रेन में बैठने के बजाए वहीं पर देसी शराब पीने लगा। चूंकि आरोपी के पास मोबाइल सेट नहीं था। इसलिए उसने किसी अन्य रिश्तेदार के मोबाइल से अपने मां-बाप व परिचितों को फोन किए। यह जानकारी जैसे ही पुलिस को मिली तो उसे तत्काल बीना रेलवे स्टेशन के पास से दबोच लिया। भागने की कोशिश ने नीलेश के आरोपी होने का संदेह बढ़ा दिया। जैसे ही डीएनए रिपोर्ट आई तो पुलिस उसे दबोच लिया।
हत्या कर घंटे-दो बाद ही बच्ची को ढूंढनेे का नाटक करने लगा
अपनी हवस मिटाने के बाद नीलेश ने इस बच्ची का शव खेत पर ही एक बोरे से ढंक दिया। इधर जैसे ही बच्ची के गुम होने का हल्ला मचा तो वह बच्ची के पिता व अन्य परिजनों के साथ ढूंढने का नाटक करने लगा। इसके बाद सुबह हो गई। वह अगले दिन भी बच्ची को ढूंढने की कोशिश करता था। लेकिन उसे इस बात का डर सताने लगा कि अगर शव उसके खेत के पास मिला तो वह पकड़ा जाएगा। इसलिए उसने रात होने का इंतजार किया और तड़के शव को उठाकर एक दूसरे व्यक्ति के खेत में डाल आया।

शव का ठिकाना बताया, डीएनए सेम्पिलिंग से बचने भाग गया था
पुलिस को शुरुआत से ही इस मामले में दो-तीन लोगों पर संदेह था। इनमें से एक व्यक्ति वह था। जिसका इस बच्ची के घर पर आना-जाना था। दूसरा व्यक्ति इस बच्ची का करीबी रिश्तेदार और तीसरा यह आरोपी नीलेश था। दरअसल जब 36 घंटे बाद बच्ची की खोजबीन चल रही थी। तब आरोपी ने बहाने से गांव के एक व्यक्ति को शव के पड़े होने का इशारा किया था। पुलिस ने शव को खोजने वाले व्यक्ति से पूछा कि तुम्हें कैसे पता चला कि यहां शव है। तब उसने बताया कि नीलेश ने मुझे बताया था। पुलिस ने इसके बाद नीलेश की खातिरदारी की। लेकिन वह नहीं टूटा। अब पुलिस ने अन्य संदेहियों के डीएनए सेम्पिल लेने शुरु कर दिए। यह देख आरोपी घबरा गया और वह गुजरात या साउथ की तरफ जाने के लिए भागकर बीना पहुंच गया। लेकिन आरोपी सीधे ट्रेन में बैठने के बजाए वहीं पर देसी शराब पीने लगा। चूंकि आरोपी के पास मोबाइल सेट नहीं था। इसलिए उसने किसी अन्य रिश्तेदार के मोबाइल से अपने मां-बाप व परिचितों को फोन किए। यह जानकारी जैसे ही पुलिस को मिली तो उसे तत्काल बीना रेलवे स्टेशन के पास से दबोच लिया। भागने की कोशिश ने नीलेश के आरोपी होने का संदेह बढ़ा दिया। जैसे ही डीएनए रिपोर्ट आई तो पुलिस उसे दबोच लिया।
इनका योगदान सराहनीय, एसपी ने इनाम की घोषणा
उक्त प्रकरण का खुलासा एवं आरोपी की गिरफ्तारी करने में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सागर लोकेश सिन्हा एसडीओपी देवरी शशिकांत सरयाम थाना प्रभारी जैसीनगर श्री शिवमंगल सिंह राठौर उपनिरीक्षक उमेश यादव, उपनिरीक्षक रामदीन सिंह, प्र.आर 398 सौरभ रैकवार ( साइबर सेल)आरक्षक प्रिंस जोशी आरक्षक लखन यादव, प्रधान आरक्षक अखिलेश शुक्ला आरक्षक काजी, सईदउदीन, आरक्षक जितेंद्र रजक आर अजय मालवीय, आर गोपाल सिंह तोमर का विशेष योगदान रहा।
आरोपी का खुलासा कर गिरफ्तार करने वाली टीम को पुलिस अधीक्षक द्वारा 10 हजार के इनाम से पुरस्कृत किया जायेगा।
26/04/2024



