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अमेजॉन पर गेहूं बिक रहा 10-15 हजार रु. क्विंटल, क्योंकि ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स पर अधिकतम रेट का कोई बैरियर नहीं

खुले बाजार में जहां सनोरा से लेकर फार्म या शरबती के दाम 3000 रु. से 4500 रु. क्विंटल हैं। वहीं इन साइट्स पर इन्हीं किस्मों के गेहूं का भाव 10 हजार से 20 हजार रु. क्विंटल तक है। हालांकि ये कंपनियां गेहूं को अधिकतम 15 किग्रा तक के वजन में बेच रहीं हैं।

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सागर। गेहूं का खरीदी सीजन शुरु हो गया है। सरकार किसानों से 2400रु. क्विंटल के भाव में गेहूं में खरीद रही है। लेकिन किसान नहीं पहुंच रहे। इसके कारणों पर बाद में जाएंगे। फिलहाल तो नई खबर ये है कि अलग-अलग ई-कॉमर्स कंपनियोंं पर घरेलू उपयोग के लिए गेहूं की बिक्री की जा रही है। और आप यहां से गेहूं खरीदने की मंशा रखते हैं तो आपके डेबिट कार्ड में मोटी रकम होना जरूरी है। क्योंकि यहां गेहूं का जो भाव वसूला जा रहा है। उसमें तो खुले बाजार में गेहूं के साथ घरेलू आटा चक्की तक आ सकती है। खुले बाजार में जहां सनोरा से लेकर फार्म या शरबती के दाम 3000 रु. से 4500 रु. क्विंटल हैं। वहीं इन साइट्स पर इन्हीं किस्मों के गेहूं का भाव 10 हजार से 20 हजार रु. क्विंटल तक है। हालांकि ये कंपनियां गेहूं को अधिकतम 15 किग्रा तक के वजन में बेच रहीं हैं क्योंकि इससे अधिक वजन को कोरियर सर्विसेस के माध्यम से भेजना मुश्किल और महंगा काम है। www.sagarvani.com ने देश की नामचीन ऑनलाइन शॉपिंग साइट अमेजॉन पर गेहूं की अलग-अलग किस्मों के रेट लिए। जिन्हें जानकर आपकी भी आंखे खुली की खुली रह सकती हैं। उदाहरण के लिए अमेजॉन पर मिनी मॉल सुपर मार्केट नाम की कंपनी लोकवन किस्म का गेहूं बेच रही है। जिसके 15 किग्रा के पैकेट की कीम 689रु. है। इसी साइट पर आर्गेनिक नाम से खुला गेहूं जो शरबती बताया जा रहा है। उसके 1-1 किग्रा के पैकेट 99 रु. के भाव से बेचे जा रहे हैं। यहां चर्चित काला गेहूं भी मौजूद है। जिसकी कीमत 200 रु. प्रति किग्रा है। एक कंपनी जिसका नाम अर्क्स एंड नट्स है। वह शरबती गेहूं की 15 किग्रा की जार पैकिंग में 1399 रु. के भाव में बेच रही है।
मपी(मप्र) को सांसद बताने वाली कंपनियों पर कोई लगाम नहीं
मप्र के विदिशा, सीहोर, खुरई का गेहूं देश भर में मशहूर है। गेहूं पैकेजर्स कंपनियां इसी को अपनी यूएसपी बताकर गेहूं बेच रही हैं। हालांकि इस खरीद-बिक्री में हास्यापद ये है कि ऑनलाइन साइट्स पर एमपी यानी मप्र का मतलब सांसद लिखा आ रहा है। पूरी लाइन ये होती है कि सांसद का गेहूं जिसके आटे से स्वादिष्ट सॉफ्ट रोटी, लच्छा पराठा और आटे का हलवा बनता है। यह रसायन और कीटनाशक मुक्त होता है। एक-एक दाना शरबती गेहूं या संबंधित किस्म का है, जिसे पैकेजर्स कंपनी द्वारा मप्र के खेतों में व्यवस्थित रूप से उगाया जाता है। यह गेहूं पूर्णत: शाकाहारी है इसमें अधिक विटामिन, प्रोटीन और फाइबर है ……. आदि – आदि। ई-मार्केटिंग के जानकारों का कहना है कि ई-कॉमर्स या ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स से गेहूं जैसे प्रमुख खाद्यान्न के दामों पर सरकार का नियंत्रण होना चाहिए। वरना, साइट्स के दामों का असर खुले बाजार पर भी दिखने लगेगा। जिससे सबसे ज्यादा तकलीफ निम्न अति मध्यम और अति मध्यम वर्गीय परिवारों को होगी। क्योंकि मध्यम और उच्च मध्यम वर्गीय परिवार तो ये महंगा गेहूं खरीद लेंगे। निम्न वर्गीय परिवारों को सरकार खाद्य सुरक्षा कानून के तहत पूर्व से ही 1 रु. किग्रा के भाव से गेहूं मिल ही रहा है। रह जाएंगे, केवल ये निम्न अति मध्यम वर्गीय और अति मध्यम वर्गीय परिवार। जिन्हें औसतन 5 हजार रु. प्रति क्विंटल के भाव से गेहूं खरीदना पड़ सकता है।
इस साल एमपी के किसानों को 225  रु. प्रति क्विंटल अधिक मिलेंगे
केंद्र ने 2024-25 के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2275 रु. प्रति क्विंटल तय किया है। इस राशि में मप्र सरकार 125 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बोनस अलग से देगी। इस तरह से एमपी के किसानों को प्रति क्विंटल 2400रु. का भाव मिलेगा। दूसरी ओर बोनस देने से राज्य सरकार पर 3850 करोड़ रुपए का वित्तीय भार आएगा।
समर्थन मूल्य और बोनस की राशि का अलग-अलग भुगतान
अब तक सरकार समर्थन मूल्य के भाव का भुगतान एक मुश्त करती थी। लेकिन इस दफा व्यवस्था बदली है। 2400 रुपये क्विंटल में से 2275 रुपये प्रति क्विंटल का भुगतान किसान के खाते में खरीदी के सात दिन में होगा। जबकि बोनस के 125 रुपये प्रति क्विंटल की राशि का भुगतान बाद में होगा। बताया जा रहा है कि किसान इसी अनिश्चित भुगतान से संशय में हैं। वे सरकारी मंडियों की बजाए गल्ला व्यवसायियों को 2240 रुपये से 2290 रुपये प्रति क्विंटल तक बेच रहे हैं।
केंद्र सरकार ने खुद भी खरीदी का लक्ष्य घटाया
साल 2024 में गेहूं के रिकॉर्ड उत्पादन होने का अनुमान हैहालांकि, इस बीच सरकार ने 2024-25रबी मार्केटिंग सीजन में गेहूं खरीद का टारगेट पिछले सीजन में गेहूं खरीद के टारगेट से घटा दिया है. सरकार द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, साल 2024-25 में रबी मार्केटिंग सीजन के लिए गेहूं खरीद का लक्ष्य तीन से 3.2 करोड़ टन तय किया है. कृषि मंत्रालय ने इस फसल वर्ष 2023-24 (जुलाई-जून) में 11.4-11.5करोड़ टन के रिकॉर्ड गेहूं उत्पादन की उम्मीद जताई है. इसके बावजूद सरकार द्वारा खरीद का लक्ष्य कम रखा गया है. साल 2022 में सरकार ने 4.4  करोड़ टन और साल 2023  में लगभग 3.50 करोड़ टन खरीद का लक्ष्य तय किया था.मप्र सरकार को 22 मार्च से शुरू हुई रबी सीजन की गेहूं खरीदी में 100 लाख यानी 1 करोड़ मीट्रिक टन का लक्ष्य दिया गया है।

19/04/2024

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