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 हे प्रभु… हे जगन्नाथ…. ननि-स्मार्ट सिटी की इन खामियों का शिकार कोई दूसरा बबलू और मासूम गोपाल न बने

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सागर। तीन दिन पहले गर्ल्स डिग्री कॉलेज चौराहा पर एक हृदय विदारक दुर्घटना में कृष्णगंज वार्ड के युवक बबलू और उनके मासूम बेटे गोपाल की बस के पहिए के नीचे आने से मौत हो गई थी। घटनाक्रम को लेकर एक वीडियो भी वायरल हुआ था। जिसमें दिख रहा है कि युवक बबलू का उनकी बाइक से संतुलन बिगड़ा और वह मय बेटे गोपाल के बस के पहिए के नीचे आ गए। इस घटनाक्रम की वजह को लेकर पुलिस, निगम-प्रशासन, बस ऑपरेटर्स से लेकर प्रत्यक्षदर्शी अलग-अलग अंदाजा लगा रहे हैं। अधिकांश लोगों का मानना है कि घटनास्थल, जीवन रैन बसेरा के सामने सड़क पर एक बड़ा गड्ढा और फिर लोहे की जाली से ढंके नाली के चैम्बर से बचने के फेर में बबलू का बाइक पर से संतुलन बिगड़ा। कुछेक लोगों का यह भी मानना है कि उसकी गाड़ी पर टंगा टिफिन वाला थैला हैंडल में फंसने से वह बाइक पर नियंत्रण नहीं रख पाया। मुमकिन है कि यह तथ्य भी सही हो। लेकिन नगर निगम और स्मार्ट सिटी की लापरवाही और अनदेखी के कारण शहर में कई ऐसे स्पॉट बन गए हैं। खासकर इस दुर्घटनास्थल के 500 मीटर के दायरे में ही ऐसे कई स्थान हैं। जिन्हें देखने-जानने के बाद हर किसी जुबान पर शायद यही प्रार्थना आए कि, हे… प्रभु…. हे जगन्नाथ… इन खामियों का शिकार कोई दूसरा बबलू और मासूम गोपाल न बन जाए।

कवर्ड नालियों की डिजाइन एक्सीडेंट का कारण बन सकती हैं  

नगर निगम इन दिनों पॉवर हाउस-तीन मढ़िया मार्ग और जिला पुरातत्व संग्र्रहालय के बाहर नालियां बनवा रहा है। यह नालियां ठीक उसी डिजाइन की बनाई जा रही हैं। जैसी करीब 6 महीने पहले पीली कोठी की घाटी पर स्मार्ट सिटी द्वारा बनवाई गई थीं और बाद में उन्हें डिस्मेंटल कर पाइप लाइन डाली गई थी। तब स्मार्ट सिटी ने यह कारण गिनाया था कि नालियों की इस डिजाइन के कारण सड़क से फुटपाथ खत्म हो रहा था। साथ ही दुर्घटना की आशंका बढ़ रही थी, इसलिए तुड़वा दिया। सवाल ये है कि जब नालियों की यह डिजाइन पीली कोठी पर रिजेक्ट कर दी गई तो फिर उसी डिजाइन पर तीन मढ़िया-पुरातत्व संग्रहालय में नाली क्यों बन रही है। जबकि सड़क का यह एरिया तो पहले से ही संकरा है। लोगों का कहना है कि अगर इन मार्गों पर भी बाइक या स्कूटर सवार का संतुलन बिगड़ा तो वह नालियों के कवर से टकरा कर गंभीर रूप से घायल हो सकता है। उसके प्राण भी जा सकते हैं।


जगह-जगह उभरे सीवरेज चेम्बर के ढक्कन हो सकते हैं जानलेवा

झील किनारे तीन मढ़िया से मुख्य बस स्टैंड वाले रूट पर सड़क पर जगह-जगह सीवरेज लाइन के चेम्बर बाहर की तरफ निकले हैं। वाहन सवार ने जरा सी चूक की तो इन चेम्बर के कारण वाहन का एक्सीडेंट होना तय है। बताया जाता है कि सड़क और सीवरेज लाइन बिछाने वाली फर्म एक-दूसरे को इस गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार बताकर जवाबदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं। इससे भी ज्यादा निराश करने वाली बात ये है कि ननि और स्मार्ट सिटी के जिम्मेदार अधिकारियों को इन खतरनाक स्पॉट्स के बारे में महीनों से जानकारी है। इसके बावजूद उन्हें दुरुस्त करने की पहल नहीं कर रहे।

टूटी नालियां और सड़क के गड्ढे भी बंद नहीं किए गए

तीन मढ़िया पर जिला पुरातत्व संग्रहालय के सामने झील साइड वाली सड़क पर एक गड्ढा कई महीनों से खुला पड़ा है। यह गड्ढा दरअसल, शनीचरी, लाजपतपुरा, कृष्णगंज की ऊपरी इलाके से बहकर आने वाले नालों को झील की नाला टेपिंग से जोड़ने वाले चैम्बर का है। सवाल ये है कि जब इस नाले को झील के भीतर बिछी पाइपलाइन से जोड़ दिया गया है तो फिर इसे यूं ही क्यों खुला छोड़ा गया है। कुछ इसी तरह का आलम मुख्य बस स्टैंड की तरफ जाने वाले मार्ग के किनारे बनी रेडीमेड नालियां के ढक्कनों का है। भारी वाहन के गुजरने से यह जगह- जगह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। लेकिन स्मार्ट सिटी कंपनी या ठेकेदार फर्म ने इन्हें अब तक दुरुस्त नहीं कराया। इन टूटे हुए ढक्कन के कारण पैदल चलने वाले या दो पहिया वाहन सवार आसानी से एक्सीडेंट का शिकार हो सकते हैं।

तकनीकी पक्ष समझने के बाद आवश्यक कार्रवाई करेंगे

कवर्ड या चेम्बरनुमा नाली बनाने का डिजाइन मेरे कार्यकाल के पूर्व का है। फिर भी मैं इसका तकनीकी पक्ष जानूंगा और आवश्यक कार्रवाई करूंगा। सड़क पर उभरे सीवरेज चेम्बर के ढक्कन वास्तव में खतरनाक हैं। इस बारे में सीवरेज लाइन और सड़क की ठेकेदार कंपनी से जवाब लेकर कार्रवाई की जाएगी। यह बात सही है कि यह खामियां छोटी-बड़ी हैं लेकिन इनसे बड़ी दुर्घटना से इनकार नहीं किया जा सकता।

राजकुमार खत्री, कमिश्नर नगर निगम एवं प्रभारी सीईओ, स्मार्ट सिटी कंपनी लिमिटेड, सागर 

04/02/2025

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