खबरों की खबरचर्चित

सड़क पर पड़ी युवक और मासूम की लाश की बोली लगाता बस एसोसिएशन !

मंत्री, सांसद-विधायक, महापौर से भरे पड़े शहर में 5 घंटे कोई नहीं पहुंचा

 

sagarvani.com9425172417

सागर। गर्ल्स डिग्री कॉलेज चौराहा पर प्राइवेट बस स्टैण्ड से निकली बस से शनिवार दोपहर एक युवक और उसका बेटा कुचल गए थे। जिसके बाद सागर जिला बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन का विद्रूप चेहरा सामने आया। हुआ ये कि इन मौतों के लिए तत्काल मुआवजा की मांग कर रहे मृतक के पास- पड़ोसी व रिश्तेदारों ने एसोसिएशन से संपर्क किया। वहां से जवाब आया कि इसमें बस ड्राइवर की कोई गलती नहीं है। पिता-पुत्र की मौत पिछले पहिए के नीचे आने से हुई है। मुआवजे की बात आई तो जवाब मिला 5 हजार रु. दे देंगे। दो- एक बार और बात हुई तो ये रकम 10 फिर 20 हजार तक पहुंच गई। नीलामी की तर्ज पर बस एसोशिएसन द्वारा मुआवजा देने की इस पेशकश ने जाम लगाए लोगों को और आक्रोशित कर दिया। कानूनी आधार पर देखें तो सामान्यतः बस वालों का पीड़ित परिजन को मुआवजा देना नहीं बनता।

 

लेकिन यहां बात दूसरी है। दरअसल बीते साल अगस्त में जिला प्रशासन ने जब शहर के मुख्य और प्राइवेट बस स्टैण्ड को यहां से राजघाट रोड और लेहदरा नाका पर स्थानांतरित कर दिया था। तब एसोसिएशन ने बस स्टैण्ड्स की वापसी को लेकर बड़े दावे के साथ कहा था कि अगर यहां से बस संचालन में कोई घटना- दुर्घटना होती है तो इसका जिम्मेदार एसोसिएशन होगा। लेकिन 6 महीने बाद ही एसोसिएशन अपने इस दावे- वायदे से मुकर गया। इस बारे में एसोसिएशन के अध्यक्ष संतोष पांडे से बात नहीं हो पाई। क्योंकि कॉल रिसीव नहीं हुआ। संरक्षक जयकुमार जैन से बात हुई तो वे बोले कि मैं शहर से बाहर हूं। इसलिए घटनाक्रम के बारे में ज्यादा नहीं पता। वैसे ये एक्सीडेण्ट ड्राइवर की गलती के कारण नहीं हुआ। मुआवजे को लेकर दोनों पक्षों में क्या बात हुई। इस बारे में फिलहाल कुछ नहीं कह सकता।

मंत्री, सांसद-विधायक, महापौर से भरे पड़े शहर में 5 घंटे कोई नहीं पहुंचा

इस दुर्घटना से शहर व जिले के जनप्रतिनिधियों की जनता व उनकी सुरक्षा के प्रति जवाबदेही भी जाहिर हुई है। शहर के प्रमुख चौराहे पर हुई इस बड़ी दुर्घटना को लेकर 5 घंटे तक लोग आंदोलन करते रहे लेकिन कोई भी जनप्रतिनिधि उन्हें समझाइश या सपोर्ट करने नहीं पहुंचा। एसडीएम, गोपालगंज और कोतवाली थाना प्रभारी हालात संभालते रहे। करीब 7.15 बजे वरिष्ठ विधायक शैलेंद्र जैन पहुंचे। उन्होंने बताया कि धार्मिक आयोजन में व्यस्तता के चलते देरी हुई। इसके तत्काल बाद उन्होंने स्वयं की ओर से 1 लाख रु. की मदद और मृतक की पत्नी को गर्ल्स डिग्री कॉलेज में जनभागीदारी मद से नौकरी दिलाने की घोषणा की। गौर करें कि शहर में केबिनेट मंत्री गोविंदसिंह राजपूत, पूर्व मंत्री व वरिष्ठ विधायक भूपेंद्रसिंह, प्रदीप लारिया, महापौर संगीता डॉ. सुशील तिवारी एवं सांसद डॉ. लता वानखेड़े भी निवास करते हैं। लेकिन इनमें कोई भी मौके पर नहीं पहुंचा। हो सकता है कि ये लोग शहर में नहीं हों। लेकिन इनके प्रतिनिधि तो मौके पर आकर पीड़ित पक्ष को सांत्वना दे सकते थे। बस एसोसिएशन व जिला प्रशासन से प्रभावी संवाद कर सकते थे। दरअसल इस घटनाक्रम को केवल सागर विस क्षेत्र के प्रतिनिधित्व से इसलिए नहीं जोड़ा जाना चाहिए क्योंकि गर्ल्स कॉलेज चौराहे पर जाम लगाए जाने के कारण मुख्य बस स्टैण्ड से बसों का संचालन पूरी तरह से बंद हो गया था। जिसके चलते सैकड़ों यात्री भोपाल, जबलपुर, छतरपुर की तरफ जाने के लिए परेशान रहे। इस मामले में भाजपा नेता डॉ. सुशील तिवारी ने सफाई देते हुए कहा कि, महापौर प्रवास पर थीं। घटनाक्रम को लेकर बहुत अफसोस है। प्रभावित परिवार को शासन-प्रशासन के अलावा समाज सेवियों की तरफ से मदद दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

बस स्टैण्ड हटाना आखिरी विकल्प नहीं

इस एक्सीडेण्ट के बाद दोनों बस स्टैण्ड को हटाने की आवाज बुलंद हो सकती है। जो बहुत कुछ राजनीतिक भी हो सकती है। अगर ऐसा हुआ तो यह शहर के हित में कतई नहीं होगा। बस स्टैण्ड के ट्रांसफर के नतीजे लोग बीते साल भली-भांति जान चुके हैं। विकल्प ये है कि मुख्य व प्राइवेट बस स्टैण्ड से नगर निगम कार्यालय तक सड़क किनारे वाहनों की पार्किंग नहीं हो। शनिवार को हुई दुर्घटना के लिए सड़क पर बेतरतीब पार्किंग भी कुछ हद तक उत्तरदायी थी।

बाप-बेटे की बस के नीचे आने से हुई थी मौत

करीब 35 वर्षीय युवक का नाम बबलू यादव निवासी ग्वाली मुहाल, कृष्णगंज वार्ड व उसके 3 साल के बेटे का नाम गोपाल था। ये दोनों दोपहर करीब 2.30 बजे बाइक से बीएमसी के लिए निकले थे। चौराहे पर बाइक असंतुलित हुई और बस के पिछले पहिए के नीचे आ गए। ड्राइवर पकड़ लिया गया। पुलिस आ गई नाराज भीड़ को जैसे-तैसे कंट्रोल किया। लोगों ने चौराहे पर जाम लगा दिया। जो शाम करीब 7. 30 बजे खत्म हुआ। मृतक बबलू की पत्नी निधि की BMC में 2-3 दिन पहले ही ऑपरेशन से डिलीवरी हुई थी। रविवार को उसे जैसे-तैसे घर लाया गया। इसके बाद बबलू और उसके बेटे का शव अंतिम संस्कार के लिए रवाना किया गया।

02/02/2025

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!