कलेक्टर संदीप जीआर की ये सोच भविष्य में हरेक स्कूल से एक डॉक्टर निकाल सकती है !
गणतंत्र दिवस पर स्कूली छात्राओं ने सीपीआर देकर बचाई थी शिक्षक की जान


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सागर। कलेक्टर संदीप जी आर द्वारा शिक्षक की जान बचाने वाली शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जमुनिया चिखली की छात्रा निशिका यादव व प्रतीक्षा विश्वकर्मा को कलेक्टर कार्यालय में सोमवार को सम्मानित किया जाएगा। कलेक्टर ने बताया कि विद्यालय की छात्राओं द्वारा शिक्षक की जान बचाने का जो कार्य किया गया है, वह सराहनीय है। और उनके कार्य से एक शिक्षक की जान बची है। बच्चियों के द्वारा किया गया प्रयास अत्यंत सराहनीय है।
कलेक्टर ने बताया कि सभी विद्यालयों में निर्देश दिए गए हैं कि विद्यालयों छात्र-छात्राओं को डॉक्टर बनने की प्रेरणा के लिए सभी विद्यालयों में ’’मैं डॉक्टर बनूंगा, मैं डॉक्टर बनूंगी’’ सेल्फी प्वाइंट बनाने के निर्देश दिए गए हैं। इन सेल्फी प्वाइंट बनने से छात्र-छात्राओं में मनोबल बढ़ेगा और अच्छी पढ़ाई कर डॉक्टर बनने के लिए तैयारी शुरू करेंगे।
सही शिक्षा और प्रशिक्षण से आपातकालीन परिस्थितियों में जीवन बचाया
जिले के केसली विकासखंड के ग्राम जमुनिया चिखली में देखने को मिली जहां स्कूल की दो छात्राओं ने आपात स्थिति में शिक्षक को सीपीआर देकर उनकी जीवन रक्षा की। बता दें कि शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जमुनिया चिखली की छात्राओं निशिका यादव और प्रतीक्षा विश्वकर्मा ने अपनी सूझबूझ और साहस का परिचय देते हुए प्राथमिक शिक्षक महिपाल ठाकुर की जान बचाई।
शिक्षक महिपाल ठाकुर ने बताया कि गणतंत्र दिवस पर प्रभात फेरी के कार्यक्रम के पश्चात् उन्हें विद्यालय में ही हार्ट अटैक आ गया। इस कठिन समय में दोनों छात्राओं ने त्वरित निर्णय लेते हुए सीपीआर दिया।छात्राओं ने बताया कि जब उन्होंने शिक्षक को देखा, तो उनकी नाड़ी नहीं चल रही थी और वे सांस भी नहीं ले पा रहे थे। ऐसे में उन्होंने तुरंत सीपीआर देना शुरू किया, जिससे शिक्षक की सांस पुनः चलने लगी। जब तक एंबुलेंस पहुंची, तब तक शिक्षक को स्थिर स्थिति में रखा गया और बाद में उन्हें देवरी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका उचित उपचार किया गया।
यह उल्लेखनीय है कि दोनों छात्राएं व्यावसायिक शिक्षा के अंतर्गत अध्ययनरत हैं। कुछ समय पूर्व ही वरिष्ठ डॉक्टर डॉ. राहुल बारोलिया, डॉ. रूपेश ठाकुर और गोविंद बर्दिया द्वारा छात्राओं को सीपीआर संबंधी प्रशिक्षण दिया गया था। इसी प्रशिक्षण का लाभ यह हुआ कि छात्राएं सही समय पर सीपीआर देकर शिक्षक की जान बचाने में सफल रहीं।
इस सराहनीय कार्य के लिए शाला के प्राचार्य भरत सिंह परिहार सहित सभी ने छात्राओं की प्रशंसा की। अस्पताल में ड्यूटी पर रहे डॉक्टर ने छात्राओं के प्रशिक्षण कौशल की प्रशंसा की और बताया कि हरेक व्यक्ति को आपातकालीन परिस्थितियों के प्रशिक्षण प्राप्त करना चाहिए।



